यह ख़बर 25 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कभी बीसीसीआई का निरादर नहीं किया : कपिल

खास बातें

  • पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव बीसीसीआई में वापसी से निश्चित रूप से राहत महसूस कर रहे हैं लेकिन इस महान आल राउंडर का कहना है कि उनकी वापसी को बीसीसीआई से माफी नहीं माना जाए।
नई दिल्ली:

पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव बीसीसीआई में वापसी से निश्चित रूप से राहत महसूस कर रहे हैं लेकिन इस महान आल राउंडर का कहना है कि उनकी वापसी को बीसीसीआई से माफी नहीं माना जाए।

कपिल ने एक खेल मैग्जीन के लिये आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मैं कभी नहीं समझ सका कि माफी शब्द सही है या नहीं। शायद मैं काफी समझदार नहीं हूं लेकिन मैंने इसका मतलब जानने के लिये डिक्शनरी भी देखी।’’ लोगों ने भले ही इंडियन क्रिकेट लीग के साथ बागी शब्द जोड़ दिया हो लेकिन इस 53 वर्षीय ने कहा कि इस अनधिकृत लीग से जुड़ना उनके लिये सीखने वाला अनुभव रहा।

पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘लोग भले ही कुछ भी सोचे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैंने काफी कुछ सीखा है। अब मैं काफी अनुभवी महसूस करता हूं, मैं अपनी जिम्मेदारी के लिये अब आत्मविश्वास से भरा हूं।’’ वह इस बात से सहमत थे कि बीसीसीआई के साथ कुछ गलतफहमी थी लेकिन अब ये सुलझ गयी हैं।

कपिल ने कहा, ‘‘मैं हमेशा मानता हूं कि ऐसी कोई भी चीज नहीं है जिसके लिये अगर दो लोग बैठे और बातचीत करें तो इसे निपटाया नहीं जा सकता। अगर उचित बातचीत हो तो भारत-पाक मुद्दा भी निपटाया जा सकता है।’’

कपिल ने कहा, ‘‘मैंने कभी भी बीसीसीआई का निरादर नहीं किया है और यह हमेशा ही मेरी मूल संस्था रहेगी। बतौर खिलाड़ी मेरा लक्ष्य खिलाड़ियों के विकास में मदद करना था।’’ यह पूछने पर कि क्या वह बोर्ड से किसी विशेष भूमिका की उम्मीद कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता। इस पर फैसला करना उनका काम है।’’ कपिल के पहले अंतरराष्ट्रीय कप्तान बिशन सिंह बेदी भी इस मौके पर मौजूद थे और उन्होंने बीसीसीआई के इस फैसले को शानदार खबर करार किया।

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बेदी ने कहा, ‘‘इतने वर्षों तक कपिल काफी तनाव में होंगे। यह काफी समय के लिये था और इसकी जरूरत नहीं थी। कपिल अब भी भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान कर सकते हैं। कपिल को यह समझना चाहिए कि बीसीसीआई अब भी शीर्ष संस्था है और इसे सम्मान देना चाहिए।’’ पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने भी बीसीसीआई के फैसले की तारीफ की है।