यह ख़बर 07 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

महेन्द्र सिंह धोनी ने फिल्डरों और गेंदबाजों को दिया जीत का श्रेय

खास बातें

  • पाकिस्तान के खिलाफ क्लीनस्वीप बचाकर राहत महसूस कर रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार तीसरे मैच में बल्लेबाजों के फ्लॉप शो के बावजूद 10 रन की जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया।
नई दिल्ली:

पाकिस्तान के खिलाफ क्लीनस्वीप बचाकर राहत महसूस कर रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार तीसरे मैच में बल्लेबाजों के फ्लॉप शो के बावजूद 10 रन की जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया।

भारतीय बल्लेबाज शृंखला में लगातार दूसरी बार विफल रहे, जिससे टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करते हुए 43-4 ओवर में सिर्फ 167 रन पर ढेर हो गई, लेकिन गेंदबाजों ने टीम को वापसी दिलाते हुए पाकिस्तान को 48-5 ओवर में 157 रन पर समेटकर मेजबान टीम को शृंखला की पहली जीत दिलाई। पाकिस्तान हालांकि शृंखला 2-1 से अपने नाम करने में सफल रहा।

धोनी ने पाकिस्तान पर 10 रन की जीत दर्ज करने के बाद कहा, कुल मिलाकर यह मैच अच्छा रहा। पहले दो मैचों में हार के कारण इस मैच में जीत से काफी अधिक खुशी होगी। जीत की खुशी हमेशा अच्छी होती है। यह पूरी टीम के प्रयास से मिली, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि हम शृंखला पहले ही हार चुके थे। इस छोटे स्कोर की रक्षा में गेंदबाजों के अलावा भारतीय क्षेत्ररक्षकों की भूमिका काफी अहम रही, जिनकी तारीफों के पुल बांधते हुए धोनी ने कहा, तेज गेंदबाजों ने हमें अच्छी शुरुआती दिलाई। भुवनेश्वर ने दो विकेट लिए, जिसके बाद बाकी दो तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। स्पिनरों ने इसके बाद दबाए बनाए रखा जो लगातार बढ़ता रहा, लेकिन इस मैच में अहम भूमिका क्षेत्ररक्षकों की रही। हमने अपने क्षेत्ररक्षण से 20 से 22 रन बचाए, जो कम स्कोर वाले मैच में अहम होते हैं। हमने एक कैच छोड़ा, लेकिन ऐसा हो जाता है। भारत ने खराब फॉर्म से जूझ रहे सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की जगह अजिंक्य रहाणे को उतारा, लेकिन टीम एक बार फिर अच्छी शुरुआत हासिल करने में विफल रही। धोनी ने हालांकि बल्लेबाजों का बचाव किया।

धोनी ने कहा, मैं बल्लेबाजों के बचाव में सिर्फ इतना बोल सकता हूं कि आज हमने इतने रन बनाए, जितने जरूरी थे। हमें इससे अधिक स्कोर बनाना चाहिए था। शुरुआत में विकेट गंवाने के बाद हमने बीच के ओवरों में भी काफी विकेट गंवाए। हम 220..225 रन बना सकते थे। उन्होंने कहा, हमारी टीम सलामी बल्लेबाजों पर काफी निर्भर करती है, इसलिए अच्छी शुरुआत काफी जरूरी है। हालांकि जिस मौसम में मैच हो रहे हैं उसमें तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है और पाकिस्तान का गेंदबाजी आक्रमण काफी अच्छा है। भारतीय कप्तान से जब यह पूछा गया कि क्या 167 रन का स्कोर काफी था तो उन्होंने कहा, हमें पता था कि 168 के आसपास रन काफी नहीं होने वाले। हमने फैसला किया कि हम स्कोरबोर्ड की तरफ नहीं देखेंगे, जिससे मदद मिली। गेंदबाजों ने काफी अनुशासित गेंदबाजी की। ऐसे समय में तेज गेंदबाज काफी प्रयोग करने की कोशिश करते हैं और शॉर्ट गेंद फेंकते हैं, लेकिन इस मैच में उन्होंने एक जगह पर गेंदबाजी की। सहवाग को इस मैच में नहीं खिलाने पर धोनी ने कहा कि यह बदलाव अंतिम लम्हों पर किया गया। उन्होंने कहा, अंतिम एकादश में यह बदलाव अंतिम लम्हों में किया गया। कभी-कभी कुछ चीजें आपके हाथ में नहीं होती। धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय शृंखला से पूर्व इस मैच में मिली जीत को अहम बताया।

उन्होंने कहा, इस तरह की जीत काफी अहम होती है। इससे लय बनाने में मदद मिलती है। जब लोग आपको नकार देते हैं तब इस तरह की जीत से प्रेरणा मिलती है। टीम के अच्छे प्रदर्शन में पूरी टीम के प्रयास को अहम बताते हुए धोनी ने कहा, मैं किसी से यह उम्मीद नहीं कर रहा है कि वह 100 या 150 रन या बड़ा शतक बनाकर टीम को जीत दिलाए। मैं चाहता हूं कि योगदान दिया जाए। खिलाड़ी 45 के आसपास रन का योगदान दें और 80 से 90 रन की साझेदारी करें तो भी अच्छा रहेगा। युवराज सिंह की जगह गेंदबाजी में रविंद्र जडेजा को मौका दिए जाने के फैसले का बचाव करते हुए धोनी ने कहा, पांच क्षेत्ररक्षकों को 30 गज के घेरे में रखने के नए नियम से हमें कुछ सामंजस्य बिठाने पड़ रहे हैं।
युवी को इन नियमों का आदी होने में समय लगेगा और हम उसे समय देना चाहते हैं, क्योंकि आपको मिडविकेट या डीप मिडविकेट ऊपर रखकर गेंदबाजी करनी होती है और यह आसान नहीं होता। जडेजा को बल्लेबाजी में रविचंद्रन अश्विन से नीचे भेजा गया और इस पर भारतीय कप्तान ने कहा, अगर अश्विन और मेरे बीच अच्छी साझेदारी हो जाती तो जडेजा अंतिम ओवरों में तेजी से रन बटोर सकता था, जबकि अश्विन के लिए स्लॉग करना आसान नहीं होता, इसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह फैसला किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच और अधिक द्विपक्षीय शृंखलाओं के मुद्दे पर जवाब देने से बचते हुए धोनी ने कहा, पाकिस्तान के खिलाफ मैच कहीं भी हो यह विशेष होता है। पिछले डेढ़ साल में दोनों टीमों के बीच हुए मुकाबलों में काफी नरम रुख देखने को मिला है। मैदान पर कभी-कभार ही कोई घटना होती है। पाकिस्तान के खिलाफ मैच हालांकि बीसीसीआई पर निर्भर करते हैं। हम तो सैनिक हैं, बीसीसीआई हमें जहां भेजेगा हम वहां चले जाएंगे।

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भारतीय कप्तान ने हालांकि एक बार फिर टीम में सक्षम ऑलराउंडर की जरूरत पर जोर दिया। धोनी ने कहा, नियमों में बदलाव के कारण हमें एक अच्छे ऑलराउंडर की जरूरत है, जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों कर सके। इरफान पठान के अलावा हमारे पास कोई वास्तविक ऑलराउंडर नहीं है। भुवनेश्वर ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन उसे ऑलराउंडर बनने के लिए बल्लेबाजी में भी योगदान देना होगा। उसे अपने खेल के इस पक्ष में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा, वह प्रवीण कुमार की तरह का गेंदबाज है। जब प्रवीण आया था तो 135 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबीजी करता था और शायद भुवनेश्वर की रफ्तार भी इतनी है, लेकिन वह काफी समझदार गेंदबाज है। कुल मिलाकर उसमें अभी सुधार की गुंजाइश है।