
- महाआर्यमन सिंधिया 29 वर्ष की आयु में मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं.
- महाआर्यमन सिंधिया ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है और उनके खिलाफ मैदान में कोई अन्य प्रत्याशी नहीं उतरा.
- महाआर्यमन ने ग्वालियर क्रिकेट डिविजन के उपाध्यक्ष के रूप में और सिंधिया कप शुरू किया है.
इंदौर के होलकर स्टेडियम की हरी-भरी पिच पर, जहां कभी राजनीति और क्रिकेट की जंग के नारे गूंजा करते थे, आज इतिहास की किताब में एक नया नाम दर्ज होने जा रहा है. दर्शक दीर्घा में शांति है, पर हवा में उत्सुकता तैर रही है. उम्र सिर्फ़ 29 साल और सामने है वो रिकॉर्ड जिसे अब तक कोई नहीं तोड़ पाया. जी हां, महाआर्यमन सिंधिया, जो बनने जा रहे हैं मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के अब तक के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष.
ये वही कुर्सी है जिस पर कभी 37 बरस की उम्र में माधवराव सिंधिया बैठे थे, और फिर 35 की उम्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कब्ज़ा जमाया था. पर इस बार तस्वीर अलग है. न कोई विपक्ष, न कोई टक्कर, न नारेबाज़ी, न पोस्टर युद्ध. नामांकन की आख़िरी तारीख़ 30 अगस्त को बीत चुकी है, और मैदान पर सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ महाआर्यमन. अब 2 सितंबर को औपचारिक ऐलान होना है और रिकॉर्ड बुक में जुड़ जाएगा नया स्कोर: 29 साल, सबसे युवा अध्यक्ष.
ज़रा याद कीजिए 2010 और 2012 के मुकाबले. वो गरम दोपहरें, जब होलकर की गैलरियों में गूंजते थे 'सिंधिया जिंदाबाद' और 'विजयवर्गीय जीतेंगे' के नारे. हर वोट जैसे विकेट था, हर बैलेट बॉक्स जैसे रन का बोर्ड. सिंधिया ने 2010 में 70 वोटों से जीत, 2012 में 77 वोटों का फासला रखा, पर 2025 की कहानी अलग है यहां जीत नहीं, बल्कि सहज ताजपोशी है.
महाआर्यमन सिर्फ़ सिंधिया परिवार की अगली कड़ी बनकर मैदान पर नहीं उतरे हैं. पिछले दो साल से वो क्रिकेट मैनेजमेंट की पिच पर खेल रहे हैं, ग्वालियर क्रिकेट डिविज़न के उपाध्यक्ष के तौर पर और मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग सिंधिया कप की शुरुआत करके. ये टूर्नामेंट, IPL की तर्ज़ पर, राज्य की क्रिकेट में नई ऊर्जा और रंग भर चुका है. साथी उन्हें युवा, ऊर्जावान और आधुनिक सोच वाला बताते हैं जो क्रिकेट प्रशासन को नए अंदाज़ में सजाने का इरादा रखते हैं.
पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अरुंधति किरकिरे ने इस प्रक्रिया को 'पारदर्शी और उम्मीद जगाने वाला' बताया है, वहीं सदस्य इसे 'नई ऊर्जा से भरी युवा टीम' कह रहे हैं. समर्थकों की नज़र में यह केवल एक नई शुरुआत नहीं, बल्कि उस विरासत की निरंतरता है जिसमें क्रिकेट और नेतृत्व हमेशा साथ-साथ चले हैं.
और इस युवा कप्तानी को पहले से ही ड्रेसिंग रूम में तालियां मिल रही हैं. पूर्व मैनेजिंग कमेटी सदस्य राजीव सिंह चौहान कहते हैं,"सारे पदाधिकारियों ने फॉर्म जमा किए हैं, महाआर्यमन सिंधिया अध्यक्ष के लिए, सुधीर असनानी सचिव के लिए, और दो अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी संध्या अग्रवाल और अरुंधति किरकिरे, जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है. मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस टीम को जोड़े रखा. अध्यक्ष-सचिव के लिए किसी और ने फॉर्म नहीं भरा है."
वहीं सदस्य संजीव दुआ मानते हैं,"छह साल बाद नई टीम बन रही है. यह युवा टीम है और मध्यप्रदेश की क्रिकेट को आगे ले जाएगी."
स्टेडियम की घास पर सूरज की रोशनी पड़ रही है, जैसे कोई नया मैच शुरू होने को है. 1 सितंबर को जब पिता और पुत्र इंदौर पहुंचेंगे, तो यह सिर्फ़ चुनावी औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि उस बैटन का सौंपा जाना होगा, जो तीन पीढ़ियों से क्रिकेट और नेतृत्व के बीच दौड़ रहा है. और इस बार, बिना किसी गेंदबाज़ का सामना किए, महाआर्यमन सिंधिया पिच पर कदम रख रहे हैं इतिहास की पारी शुरू करने के लिए.
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