क्या युवराज सिंह पर सवाल उठा रहे है कप्‍तान धोनी...

क्या युवराज सिंह पर सवाल उठा रहे है कप्‍तान धोनी...

महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह...

नई दिल्ली:

टीम इंडिया वर्ल्ड टी-20 के लिए तैयार है। कप्तान धोनी टीम इंडिया को नंबर 1 दावेदार बता चुके हैं। धोनी ने हर खिलाड़ी का रोल भी साफ कर दिया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि युवराज के रोल को लेकर कप्तान अभी भी आश्वस्त नहीं हैं। तभी तो उन्होंने साफ कर दिया कि जो नंबर 6,7,8 के करीब बल्लेबाज़ी करने आ रहे हैं, उन्हें पहली गेंद से ही हिट लगाना होगा।

धोनी ने कुछ बल्लेबाजों को अभ्यास न मिलने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम उन खिलाड़ि‍यों को मौका देने की कोशिश करेंगे, जिन्हें अभी तक बल्‍लेबाजी का अवसर नहीं मिला है, लेकिन जो खिलाड़ी नंबर 6,7,8 के करीब आ रहे हैं, उन्हें पहली गेंद से हिट लगाने पर ध्यान देना होगा। यह मायने नहीं रखता कि आप उस समय कितनी गेंद खेल रहे हैं। अगर आप 3, 4 या 5 गेंदों पर 10-12 रन टीम को दे रहे हों तो वह हमारे लिए फायदेमंद है।

अब यह इशारा आखिर युवराज के अलावा किसकी तरफ हो सकता है। टॉप 4 बल्लेबाज़ शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। निचले क्रम में धोनी और हार्दिक पांड्या लंबे हिट्स लगा ही रहे हैं। एक युवराज को ही बल्लेबाज़ी का अभ्यास नहीं मिला है और जब मिला तो वह उसे भुना नहीं सके।

गौरतलब है कि इससे पहले धोनी ने ही यह कहा था कि युवराज को बल्लेबाज़ी में समय चाहिए, वह आते ही लंबे हिट्स नहीं लगा सकते। वह एक प्रॉपर बल्लेबाज़ हैं। ऐसे में अगली बार जब युवी अंतिम ओवर्स में बल्लेबाज़ी करने उतरेंगे तो उनकी बल्लेबाज़ी का अंदाज़ देखना दिलचस्प होगा।

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भारत की टी-20 टीम में स्‍थान बनाने के बाद युवराज अब तब बल्‍ले से वह चमक नहीं दिखा सके है, जो कभी उनकी पहचान हुआ करती थी। ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज के आखिरी मैच के आखिरी ओवर  में एंड्रयू टे की गेंद पर एक चौका और एक छक्‍का लगाने को छोड़ दें तो अब तक वापसी के बाद उनका बल्‍ला खामोश ही रहा है। मैच में युवी ने 12 गेंदों पर नाबाद 15 रन बनाए थे। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज में भी चंडीगढ़ का यह बल्‍लेबाज कुछ खास नहीं कर पाया। तीन मैचों की दो पारियों में उनके खाते में महज 10 रन (औसत 5.00 और स्‍ट्राइक रेट 66.66) ही आए। हालांकि युवराज वर्ल्‍ड टी-20 की टीम में स्‍थान बनाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन टीम में भविष्‍य में भी अपना स्‍थान बनाए रखने का सबसे अधिक दबाव उन पर ही है।