महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पहले टी-20 मुकाबले में मुंह की खाने के बाद भारत के सामने एक कड़ी चुनौती है। भारत अगर आज होने वाला टी-20 मुकाबला नहीं जीता तो कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पहले ऐसे कप्तान होंगे, जो जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 सीरीज़ हारेंगे। अगर माही इस खराब रिकॉर्ड को अपने नाम नहीं करना चाहते तो उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना ही होगा।
बेहतर टीम सिलेक्शन
पिछले मैच में कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने 5 नए चेहरों को मौका दिया था, लेकिन धोनी का दांव सही नहीं बैठा।
आज उन्हें एक संतुलित टीम चुननी होगी ताकि सीरीज़ में टीम इंडिया अपनी वापसी कर सके। माना कि इस दौरे पर टीम इंडिया ने कई खिलाड़ियों को पहली बार भारत के लिए खेलने के लिए भेजा है, लेकिन माही का पहला काम मैच जीतना है न कि खिलाड़ियों को मौका देना।
गेंदबाजों प्रदर्शन सुधारें
पिछले मैच में भारत के तीन मुख्य गेंदबाज काफी महंगे साबित हुए थे। जयदेव उनदकट ने 4 ओवर में 43 रन, ऋषि धवन ने 4 ओवर ने 42 रन दिए और युज़वेन्द्र चहल ने 4 ओवर में 38 रन दिए। भारत को धवल कुलकर्णी और बरिंदर सरां जैसे गेंदबाजों को वापस टीम में लाना ही होगा क्योंकि जिन युवा चेहरों को टीम में मौका मिला वे नाकाम रहे।
संभलकर करनी होगी बल्लेबाज़ी
पिछले मैच में मंदीप सिंह 31 रन, केदार जाधव 19 रन, मनीष पांडे 48 रन बनाकर आउट हुए। ये बल्लेबाज़ तब आउट हुए जब ये पूरी तरह सेट हो चुके थे और इनके जिम्मेदारी थी कि वे आखिर तक क्रीज़ पर टिके रहते और टीम की नैया को पार लगाते, लेकिन ऐन मौके पर इन बल्लेबाज़ों के विकेट गिरे और टीम दो रन से पहला टी20 मुकाबला हार गई। धोनी ने मैच के बाद उन बल्लेबाज़ों को जिम्मेदार ठहराया भी। अब उम्मीद करनी चाहिए कि खिलाड़ी अपनी गलती से सीख ले चुके होंगे।
विरोधी को हल्के में न लें
पहली हार के बाद कप्तान धोनी यह कह चुके हैं कि आप सिर्फ अपनी साख के आधार पर नहीं खेल सकते। आपको इस खेल का सम्मान करना होगा। कागज़ पर टीम कितनी मजबूत है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। खिलाड़ी मैदान पर कैसा खेल दिखाते हैं उससे मैच का नतीजा तय होता है। विरोधी कोई भी हो, टीम इंडिया को अपने खेल का स्तर नहीं गिरने देना होगा।
बेहतर टीम सिलेक्शन
पिछले मैच में कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने 5 नए चेहरों को मौका दिया था, लेकिन धोनी का दांव सही नहीं बैठा।
आज उन्हें एक संतुलित टीम चुननी होगी ताकि सीरीज़ में टीम इंडिया अपनी वापसी कर सके। माना कि इस दौरे पर टीम इंडिया ने कई खिलाड़ियों को पहली बार भारत के लिए खेलने के लिए भेजा है, लेकिन माही का पहला काम मैच जीतना है न कि खिलाड़ियों को मौका देना।
गेंदबाजों प्रदर्शन सुधारें
पिछले मैच में भारत के तीन मुख्य गेंदबाज काफी महंगे साबित हुए थे। जयदेव उनदकट ने 4 ओवर में 43 रन, ऋषि धवन ने 4 ओवर ने 42 रन दिए और युज़वेन्द्र चहल ने 4 ओवर में 38 रन दिए। भारत को धवल कुलकर्णी और बरिंदर सरां जैसे गेंदबाजों को वापस टीम में लाना ही होगा क्योंकि जिन युवा चेहरों को टीम में मौका मिला वे नाकाम रहे।
संभलकर करनी होगी बल्लेबाज़ी
पिछले मैच में मंदीप सिंह 31 रन, केदार जाधव 19 रन, मनीष पांडे 48 रन बनाकर आउट हुए। ये बल्लेबाज़ तब आउट हुए जब ये पूरी तरह सेट हो चुके थे और इनके जिम्मेदारी थी कि वे आखिर तक क्रीज़ पर टिके रहते और टीम की नैया को पार लगाते, लेकिन ऐन मौके पर इन बल्लेबाज़ों के विकेट गिरे और टीम दो रन से पहला टी20 मुकाबला हार गई। धोनी ने मैच के बाद उन बल्लेबाज़ों को जिम्मेदार ठहराया भी। अब उम्मीद करनी चाहिए कि खिलाड़ी अपनी गलती से सीख ले चुके होंगे।
विरोधी को हल्के में न लें
पहली हार के बाद कप्तान धोनी यह कह चुके हैं कि आप सिर्फ अपनी साख के आधार पर नहीं खेल सकते। आपको इस खेल का सम्मान करना होगा। कागज़ पर टीम कितनी मजबूत है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। खिलाड़ी मैदान पर कैसा खेल दिखाते हैं उससे मैच का नतीजा तय होता है। विरोधी कोई भी हो, टीम इंडिया को अपने खेल का स्तर नहीं गिरने देना होगा।
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