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This Article is From Jan 04, 2018

IND VS SA:..'इस ट्रिपल चैलेंज' ने चेतेश्वर पुजारा के सामने खड़ा किया 'सबसे बड़ा चैलेंज'!

भारतीय टीम साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में पहले मुकाबले से अपनी सालाना टेस्ट यात्रा शुरू करने जा रही है, लेकिन पहला टेस्ट शुरू होने से पहले ही चेतेश्वर पुजारा के सामने खड़ा हो गया है सबसे बड़ा चैलेंज. और इसका जिम्मेदार है 'ट्रिपल चैलेंज'.

IND VS SA:..'इस ट्रिपल चैलेंज' ने चेतेश्वर पुजारा के सामने खड़ा किया 'सबसे बड़ा चैलेंज'!
चेतेश्वर पुजारा (सदस्य, भारतीय क्रिकेट टीम)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
आलोचकों को जवाब दे पाएंगे चेतेश्वर पुजारा?
दक्षिण अफ्रीका में 4 टेस्टों में सिर्फ 44.12 का औसत
नेपियर में यादगार नहीं रहा इकलौता टेस्ट...अब फिर बाउंसी पिच सामने
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट की अगली दीवार के नाम से मशहूर हो चुके बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा  साल 2017 में टेस्ट में विराट कोहली को भी पछाड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर रहे. लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार से केपटाउन में  दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हो रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 'ट्रिपल चैलेंज' के चलते उनके करियर का अभी तक का सबसे बड़ा टेस्ट होने जा रही है. यह ट्रिपल चैलेंज केपटाउन में शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पहले ही उनकी राह में आकर खड़ा हो गया है. और इसने मिलाकर पुजारा के सामने उनके करियर का सबसे बड़ा चैलेंज खड़ा कर दिया है. 
 
बता दें कि 30 वर्षीय चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा गर्भवती हैं. हालिया समय पुजारा के लिए बहुत ही ज्यादा व्यस्तता भरा रहा है. कुछ ऐसा कि एक पांव मैदान पर और एक पांव पत्नी की जिम्मेदारी के लिए! एक तरफ पुजारा को अपने पहले बच्चे का इंतजार है, तो वहीं बीसीसीआई से मिलने वाली सालाना रकम में इजाफे का भी. लेकिन चेतेश्वर पुजारा और भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को उनके बल्ले से ठीक वैसे ही पारियों का इंतजार है, जैसी खत्म हुए साल में उन्होंने खेलीं. ऐसी पारियां जिनकी बदौलत पुजारा विराट कोहली को पछाड़कर साल 2017 में 11 टेस्ट मैचों में 1140 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई  कप्तान स्टीव स्मिथ (1305) के बाद सबसे कामयाब बल्लेबाज बन गए. 

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दरअसल उम्मीदों के साथ पुजारा के चाहने वालों के मन में डर भी चल रहा है. और इस डर को मारना अब पुजारा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. उनके चाहने वालों के घर में यह डर पैदा किया था साल 2014 के टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीकी दौरे ने. इस दौरे के बाद से पुजारा ने भारतीय क्रिकेट में अपने कद को कहीं ज्यादा ऊंचा किया है, लेकिन तब उस दौरे की समाप्ति पर खड़े हुए सवाल एक बार फिर से केपटाउन में पहले टेस्ट के साथ ही शुरू हो जाएंगे.

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अब इस बात के कोई मायने नहीं हैं  कि साल 2017 में उन्होंने क्या किया. निश्चित ही यह प्रदर्शन उन्हें साल 2017 का टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीतने का मजबूत दावेदार बनाता है, लेकिन अब पुजारा के लिए एक अलग ही चुनौती शुरू होगी. ऐसी चुनौती, जिसे लेकर उन पर उंगली उठती रही है. और उंगली उठने के पीछे वजह एक नहीं तीन है. हालांकि पुजारा ने दक्षिण अफ्रीकी धरती पर शतक बनाया है.  

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लेकिन दक्षिण अफ्रीकी जमीन पर 4 टेस्ट में सिर्फ 44.22 और विदेशी धरती पर घर (33 टेस्ट, 62.97) के मुकाबले विदेशी धरती पर 21 टेस्ट में 38.52 का औसत वह दूसरी बात है, जो चेतेश्रर पुजारी की चुनौती को करीब-करीब दो गुना बना दे रही है. वहीं, पुजारा केपटाउन में 2011 में खेले इकलौते टेस्ट में 2 ही रन बना सके थे. और अब केपटाउन में पहले टेस्ट में 'अति घसियाली पिच' मुंह उठाए खड़ी है. इन्हीं से मिलकर बने 'ट्रिपल चैलेंज' ने  पुजारा के सामने खड़ा कर दिया है उनके करियर का अभी तक का सबसे बड़ा चैलेंज. 

 

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