- जडेजा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारने का श्रीलंका में अगली सीरीज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
- जडेजा ने बताया कि दूसरे टेस्ट मैच को ड्रॉ कराना युवा खिलाड़ियों के लिए जीत के समान होगा और सीखने का मौका होगा
- जडेजा ने कहा कि घरेलू मैदान पर हारने पर युवा खिलाड़ियों के अनुभव की कमी पर ज्यादा चर्चा होती है.
India vs South Africa 2nd Test Day 4, Ravindra Jadeja Statement: अनुभवी ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में संभावित हार का अगले साल अगस्त में श्रीलंका में होने वाली टेस्ट सीरीज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि दूसरे टेस्ट में ड्रॉ कराना युवा टीम के लिए 'जीत' जैसा होगा. भारत का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैच की सीरीज गंवाना लगभग तय है क्योंकि आखिरी दिन 549 रन का लक्ष्य हासिल करना नामुमकिन होगा.
चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद जडेजा ने संवाददाताओं से कहा,"मुझे नहीं लगता कि इसका अगली सीरीज पर कोई असर पड़ेगा. लेकिन एक क्रिकेटर के तौर पर कोई भी सीरीज हारना नहीं चाहता, विशेषकर भारत में. इसलिए उम्मीद है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलने की कोशिश करेंगे. हम कल अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगे." उन्होंने कहा,"हम टेस्ट मैच बचाने की कोशिश करेंगे. अगर हम सीरीज नहीं भी जीत रहे हैं तो भी हम मैच ड्रॉ कर सकें जो हमारे लिए जीत की तरह की स्थिति होगी."
अगले कुछ हफ्तों में 37 बरस के होने वाले जडेजा का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज गंवाना भारतीय टीम में शामिल युवा खिलाड़ियों के लिए सीखने के लिहाज से बहुमूल्य होगा. मेजबान टीम में यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन, नितीश कुमार रेड्डी, ध्रुव जुरेल और वाशिंगटन सुंदर जैसे कई युवा खिलाड़ी हैं जो अपने टेस्ट करियर के शुरुआती चरण में हैं. जडेजा ने कहा,"देखिए टीम में जो युवा खिलाड़ी हैं, मुझे लगता है कि वे सीखने के चरण में हैं. उनका करियर शुरू हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आप चाहे कोई भी प्रारूप खेलें, यह आसान नहीं है. आप चाहे कोई भी प्रारूप खेलें, यह हमेशा थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है."
जडेजा ने बताया कि जब भी कोई टीम अपने घर में हारती है तो जीतने के मुकाबले युवाओं का कम अनुभव अधिक सुर्खियां बटोरता है. उन्होंने कहा,"भारत में जब ऐसी स्थिति होती है और आप टीम में तीन-चार युवा खिलाड़ियों को खिलाते हैं तो ऐसा लगता है कि पूरी टीम युवा और कम अनुभव वाली है. और इसे सुर्खियां बनाया जाता है."
जडेजा ने कहा,"लेकिन जब भारत स्वदेश में जीतता है तो लोग सोचते हैं कि यह कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन अगर आप भारत में कोई सीरीज हार जाते हैं तो यह बहुत बड़ी बात बन जाती है." उन्होंने कहा,"एक युवा के लिए यह सीखने का दौर है. अगर वे इस स्थिति को अच्छी तरह से संभालते हैं तो वे खिलाड़ी के तौर पर परिपक्व होंगे और भारत का भविष्य बेहतर होगा."
कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि क्रिकेट परिस्थितियों पर आधारित खेल है और जब भातर ने पहली पारी में बल्लेबाजी की तो हालात अनुकूल नहीं थे. जडेजा ने कहा,"ईमानदारी से कहूं तो एक गेंदबाज के तौर पर जब हम शुरुआती दो दिन गेंदबाजी कर रहे थे तो विकेट पर कोई निशान नहीं थे. विकेट शीशे की तरह चमक रहा था." उन्होंने कहा,"और जब वे गेंदबाजी करने आए तो तेज गेंदबाजों के विकेट लेने की वजह से स्पिनरों को अधिक मौका मिला और उनकी गेंद टर्न कर रही थी और उछाल ले रही थी."
जडेजा ने कहा कि भारत के पहली पारी में 288 रन से पिछड़ने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी के परिस्थितियों की चिंता किए बगैर बल्लेबाजी की. जडेजा इस बात से सहमत थे कि दोनों गेम में टॉस गंवाने की भूमिका रही.
उन्होंने कहा,"टॉस जीतना या हारना खेल का हिस्सा है लेकिन खेल पर इसका असर पड़ता है. जब आप पहली बार गेंदबाजी कर रहे होते हैं, जब विकेट पर कुछ नहीं हो रहा होता तो आपको लगेगा कि स्पिनर्स सामान्य और साधारण हैं." जडेजा ने कहा,"लेकिन जब आप 300 रन आगे हों और गेंदबाजी कर रहे हों तो आप देखेंगे कि हर गेंदबाज बड़ा लगेगा." जडेजा चाहते हैं कि बल्लेबाज बीते चार दिनों को भूल जाएं और सिर्फ आखिरी दिन के खेल पर ध्यान दें.
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