- गंभीर ने कहा कि सूर्यकुमार की खराब फॉर्म से वह परेशान नहीं क्योंकि आक्रामक क्रिकेट में विफलताएं सामान्य हैं
- ' टीम किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है और पूरे टीम प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करती है'
- गंभीर ने बताया कि टीम की खेल शैली महत्वपूर्ण और आक्रामक क्रिकेट में प्रभाव ज्यादा मायने रखता है
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर टी20 अंतरराष्ट्रीय कप्तान सूर्यकुमार यादव (Gautam Gambhir on Suryakumar) की खराब फॉर्म से परेशान नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि जब टीम बहुत अधिक आक्रामक क्रिकेट खेलने पर ध्यान केंद्रित करती है तो ‘विफलताएं मिलती हैं.' भारत ने पिछले महीने यूएई में सूर्यकुमार की कप्तानी में एशिया कप टूर्नामेंट जीता था, लेकिन भारतीय कप्तान की बल्लेबाजी फॉर्म कुछ खास नहीं रही क्योंकि वह सात पारी में सिर्फ 72 रन ही बना पाए थे. हालांकि मुख्य कोच ने सूर्यकुमार का समर्थन किया है. गंभीर ने ‘जियो हॉटस्टार' पर चर्चा के दौरान कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो सूर्यकुमार की बल्लेबाजी फॉर्म से मैं चिंतित नहीं हूं क्योंकि हमने अपने ड्रेसिंग रूम में बहुत अधिक आक्रामक रवैया अपनाया है.जब आप इस सोच को अपनाते हैं तो विफलताएं तो होती हैं. गौतम ने कप्तान सूर्यकुमार के बारे में कई अहम बातें बोली. आप
1. 'टीम एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं'
उन्होंने कहा,‘सूर्यकुमार के लिए 30 गेंद पर 40 रन बनाना और आलोचना से बचना आसान होता,लेकिन हमने मिलकर तय किया है कि इस तरीके को अपनाते हुए विफल होने में कोई समस्या नहीं है.' जब सूर्यकुमार बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जूझ रहे थे तब अभिषेक शर्मा और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ियों ने अपनी जबरदस्त बल्लेबाजी से टूर्नामेंट में धूम मचा दी. इस पर गंभीर ने कहा, 'उनका ध्यान किसी एक खिलाड़ी पर नहीं बल्कि पूरी टीम पर है'
2. 'व्यक्ति विशेष नहीं, खेल शैली अहम'
गौतम बोल,‘अभी अभिषेक शर्मा अच्छी फॉर्म में हैं और उन्होंने पूरे एशिया कप में इसे बनाए रखा. जब सूर्या लय में आ जाएंगे तो वह उसी हिसाब से जिम्मेदारी उठाएंगे. टी20 क्रिकेट में हमारा ध्यान व्यक्तिगत रनों पर नहीं बल्कि उस तरह के क्रिकेट पर होता है, जैसा हम खेलना चाहते हैं. हमारी आक्रामक शैली में बल्लेबाज अधिक बार विफल हो सकते हैं, लेकिन आखिर में रन से अधिक प्रभाव मायने रखता है.' गंभीर ने इस दौरान निडर टीम संस्कृति बनाने के अपने विजन और सूर्यकुमार के साथ अपनी साझेदारी के बारे में बात की.
3. 'सूर्यकुमार ने शानदार माहौल बनाए रखा'
गंभीर बोले, ‘सूर्यकुमार एक बेहतरीन इंसान हैं और अच्छे इंसान अच्छे नेतृत्वकर्ता बनते हैं. वह मेरी काफी सराहना करते हैं, लेकिन मेरा काम बस खेल को समझने के अपने तरीके के आधार पर उन्हें सही सलाह देना है. आखिरकार यह उनकी टीम है.' उन्होंने कहा, 'उनका आजाद ख्यालों वाला स्वभाव टी20 क्रिकेट के सार से पूरी तरह मेल खाता है. यह आजादी और खुद को जाहिर करने के बारे में है. सूर्या ने पिछले डेढ़ साल में इस माहौल को शानदार ढंग से बनाए रखा है.'
4. 'मेरा मकसद सबसे सफल कोच बनना नहीं'
उन्होंने कहा,‘हमारी पहली बातचीत से ही हम सहमत थे कि हमें हारने का डर नहीं होगा. मेरा मकसद सबसे सफल कोच बनना नहीं है. मैं चाहता हूं कि हम सबसे अधिक निडर टीम बनें. उन्होंने कहा,‘एशिया कप फाइनल जैसे बड़े मैच में मैंने खिलाड़ियों से कहा कि कैच छोड़ना, खराब शॉट खेलना या खराब गेंद फेंकना ठीक है. इंसान गलतियां करते हैं. सिर्फ ड्रेसिंग रूम में बैठे लोगों की राय मायने रखती है.' गंभीर ने कहा, ‘सूर्यकुमार और मैं हमेशा सहमत होते हैं: हम गलतियों से कभी नहीं डरेंगे. मैच जितना बड़ा होगा, हमें उतना ही निडर और आक्रामक होना होगा. संकीर्ण सोच से विरोधी टीम को ही फायदा होता है. हमारे पास जो प्रतिभा है उसे देखते हुए अगर हम निडर होकर खेलेंगे तो हम ठीक रहेंगे.'
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