- पश्चिम बंगाल का उत्तर 24 परगना जिला भारत का सबसे अधिक आबादी वाला जिला बना
- महानगर क्षेत्र के उपनगरीय विस्तार और प्रवासन में तेजी से वृद्धि के कारण यहां की जनसंख्या तेजी से बढ़ी
- औद्योगिक बेल्ट, आईटी पार्क्स और लॉजिस्टिक हब्स ने उत्तर 24 परगना को पूर्वी भारत का महत्वपूर्ण केंद्र बनाया
पश्चिम बंगाल का उत्तर 24 परगना ज़िला अब भारत का सबसे अधिक आबादी वाला ज़िला बन गया है. नवीनतम जनसांख्यिकीय आकलन के अनुसार, यहां की आबादी करीब 1.09 करोड़ (10.9 मिलियन) पहुंच चुकी है, जिससे इसने महाराष्ट्र के ठाणे को पीछे छोड़ दिया है. उत्तर 24 परगना की तेज़ जनसंख्या वृद्धि कई सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक कारणों से जुड़ी है. जैसे कि कोलकाता से जुड़ा उपनगरीय विस्तार और प्रवासन में तेजी से आया उछाल.
क्यों यहां बढ़ रही तेजी से आबादी
यह ज़िला कोलकाता महानगर क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. बारासात, बैरकपुर, मध्यमग्राम, डुम डुम और कामरहाटी जैसे इलाक़े कोलकाता के विस्तार क्षेत्र के रूप में तेज़ी से विकसित हो रहे हैं. सुव्यवस्थित सड़कें, रेल और मेट्रो नेटवर्क ने यहां रोज़गार और आवास की संभावनाएं बढ़ाई हैं. उत्तर 24 परगना को दो प्रकार के प्रवास से लगातार जनसंख्या लाभ हो रहा है. राज्य के भीतर और बाहर से आने वाले प्रवासी, जो रोज़गार, शिक्षा और शहरी सुविधाओं के लिए यहां बस रहे हैं.
औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों का विस्तार
बांग्लादेश से वैध और अवैध दोनों प्रकार के प्रवासन, क्योंकि यह ज़िला भारत-बांग्लादेश सीमा का सबसे बड़ा हिस्सा साझा करता है. यहां के कई शहरी केंद्रों में 20,000 से अधिक लोग प्रति वर्ग किलोमीटर की जनसंख्या घनत्व है, जो कि मुंबई के बाद भारत में सबसे अधिक है. औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है. बैरकपुर औद्योगिक बेल्ट, आईटी पार्क्स, और लॉजिस्टिक हब्स ने इस ज़िले को पूर्वी भारत का एक आर्थिक केंद्र बना दिया है. सॉल्ट लेक और न्यू टाउन जैसे क्षेत्र आज आईटी और रियल एस्टेट के प्रमुख केंद्र हैं.
भारत के शीर्ष 10 सबसे अधिक आबादी वाले ज़िले
- उत्तर 24 परगना (प.बं.) – 1.10 करोड़
- ठाणे (महाराष्ट्र) – 1.09 करोड़
- बेंगलुरु अर्बन (कर्नाटक) – 96 लाख
- पुणे (महाराष्ट्र) – 94 लाख
- मुंबई उपनगरीय (महाराष्ट्र) – 93 लाख
- अहमदाबाद (गुजरात) – 72 लाख
- मुर्शिदाबाद (प.बं.) – 71 लाख
- जयपुर (राजस्थान) – 66 लाख
- रंगा रेड्डी (तेलंगाना) – 65 लाख
- नागपुर (महाराष्ट्र) – 58 लाख
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1947 के भारत विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से बड़ी संख्या में शरणार्थियों ने इस क्षेत्र में बसावट की, जिससे जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हुई. साल1986 में यह ज़िला पुराने 24 परगना से अलग होकर उत्तर 24 परगना के रूप में गठित हुआ. 2011 की जनगणना के अनुसार ठाणे की आबादी 1.10 करोड़ थी, लेकिन 2014 में पालघर ज़िला बनाए जाने के बाद ठाणे की आबादी घटकर लगभग 80 लाख रह गई. इस पुनर्गठन के बाद उत्तर 24 परगना देश का सबसे जनसंख्या-घनत्व वाला ज़िला बन गया.
विकास और चुनौतियां
उत्तर 24 परगना में आज 1,500 से अधिक आईटी कंपनियां सक्रिय हैं और लगभग 3.5 लाख लोग इस क्षेत्र में कार्यरत हैं. यहां तेज़ी से फैलता मेट्रो नेटवर्क, नए आवासीय प्रोजेक्ट, और औद्योगिक निवेश इस ज़िले को पूर्वी भारत का आर्थिक इंजन बना रहे हैं. हालांकि, इस तीव्र विकास के साथ बढ़ती जनसंख्या, यातायात जाम, जल-जमाव, और संसाधनों पर दबाव जैसी चुनौतियाँ भी बढ़ रही है. उत्तर 24 परगना आज भारत के शहरीकरण की रफ़्तार और जनसंख्या प्रबंधन की चुनौतियों दोनों का प्रतीक बन गया है. यह ज़िला दिखाता है कि कैसे आर्थिक अवसर और शहरी विस्तार एक साथ मिलकर एक क्षेत्र को जनसंख्या के केंद्र में बदल सकते हैं.
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