हार्दिक पांड्या के सेलिब्रेशन का अंदाज रॉकस्टार जैसा रहता है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बल्लेबाजी... तेज गेंदबाजी... फील्डिंग.... इन सबमें महारत... मतलब एक संपूर्ण ऑलराउंडर. हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के उभरते सितारे हार्दिक पांड्या की, जो इन दिनों सातवें आसमान पर हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले दो मैचों के लिए चुनी गई टीम इंडिया में जगह मिल गई है. इसी साल वनडे और टी-20 में पदार्पण करने वाले पांड्या को अब टेस्ट में भी प्लेइंग इलेवन में मौका मिल सकता है, क्योंकि भुवनेश्वर कुमार चोटिल हैं. भुवी न केवल गेंद बल्कि जरूरत पड़ने पर बल्ले से भी योगदान देते थे. ऐसे में उनकी भरपाई हार्दिक पांड्या ही कर सकते हैं, क्योंकि वह तेज गेंदबाजी के साथ-साथ बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं. हालांकि पांड्या जिस रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे हैं, वैसी पहले नहीं कर पाते थे. अब उन्होंने खुद अपने निखरे हुए खेल का श्रेय टीम इंडिया की 'दीवार' रहे पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को दिया है. उनका कहना है कि द्रविड़ ने ही उन्हें सही मायनों में क्रिकेटर बनाया है...जानिए उन्होंने इस बारे में और क्या कहा...
ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने कहा है कि भारत-ए की ओर से ऑस्ट्रेलियाई दौरे के समय उन्हें कोच राहुल द्रविड़ ने जो मार्गदर्शन दिया, उससे उन्हें ‘मानसिक मजबूती’ मिली और उनके प्रदर्शन में निखार आया. ऑस्ट्रेलिया दौरे में द्रविड़ की सलाह से उन्हें लंबे समय तक क्रिकेट में बने रहने का हुनर हासिल हुआ. उनकी बल्लेबाजी तकनीक और गेंदबाजी की रफ्तार में व्यापक बदलाव आया.
द्रविड़ सर से ज्यादा और कहीं नहीं सीखा...
हार्दिक ने पीटीआई से कहा, ‘मेरे लिए, भारत-ए टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया के मेरे दौरे के बाद सारी चीजें बदल गईं. इस दौरे ने बतौर क्रिकेटर मुझे काफी बदल दिया. मैं राहुल द्रविड़ के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं. मैं समझता हूं कि खेल के मानसिक पहलू होते हैं जिन पर काम किए जाने की जरूरत होती है. उन्होंने (द्रविड़) ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाया.’
पांड्या ने ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैंने उन डेढ़ महीनों में राहुल सर की अगुवाई में जो कुछ सीखा, उससे कहीं ज्यादा मैंने कहीं और से सीख ली. वह मुझे बताते थे कि मुझे किन चीजों की कोशिश करनी चाहिए. मैं मानसिक रूप से मजबूत था, लेकिन उनसे बात करने के बाद मैं सीख गया कि मैं इससे भी बेहतर हो सकता हूं. अगर आज मेरी गेंदबाजी की बात हो रही हे तो यह राहुल सर और भारत-ए के गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे की वजह से ही है.’
140 के आसपास स्पीड
टीम इंडिया के लिए 4 वनडे और 16 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेल चुके हार्दिक पांड्या 16 फर्स्ट क्लास मैचों में 22 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. इन मैचों में उन्होंने 27.96 के औसत से 5 फिफ्टी लगाई हैं. हार्दिक इन दिनों न केवल 140 किमी के आसपास की रफ्तार से गेंदें फेंक रहे हैं, बल्कि उन्हें अतिरिक्त उछाल भी मिल रही है और वह स्विंग कराने में भी सफल हो रहे हैं. इसके साथ ही वह बल्लेबाजी भी अच्छी कर लेते हैं.
फील्डिंग भी कमाल की
हार्दिक पांड्या बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ फील्डिंग में भी महारत रखते हैं और टीम इंडिया के बेस्ट फील्डरों में से एक हैं. टी-20 वर्ल्ड कप को याद कीजिए, जब उन्होंने पाकिस्तानी ओपनर शरजील खान का मिड-ऑन पर शानदार कैच लपका था. यह कैच इतना जबर्दस्त था, कि दक्षिण अफ्रीका के महान फील्डर रहे पूर्व खिलाड़ी जॉन्टी रोड्स भी वाह-वाह कर उठे थे और रॉकस्टार कहा था.
मुख्य चयनकर्ता भी खासे प्रभावित
मुंबई में टीम की घोषणी के समय मुख्य चयनकर्ता एमएस प्रसाद ने पांड्या के चयन को लेकर कहा था, 'यह सही है कि हार्दिक पांड्या ने ज्यादा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन हमें सही वक्त पर सही ऑलराउंडर भी तलाशना है. हार्दिक ने वनडे और टी-20 में शानदार प्रदर्शन किया है. खासकर ऑस्ट्रेलिया-ए दौरे के बाद उनकी शख्सियत बदल गई है. उनकी गेंदबाजी की रफ्तार बढ़ी है. वो गेंद को अच्छी तरह स्विंग करवा सकते हैं. वो अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं.' इतना ही नहीं वनडे कप्तान एमएस धोनी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली भी उनकी प्रतिभा के कायल हैं...अब देखना होगा कि वनडे-टी-20 की तरह टेस्ट मैचों में भी वह मौके का पूरा फायदा उठा पाते हैं या नहीं...
(इनपुट भाषा से भी)
ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने कहा है कि भारत-ए की ओर से ऑस्ट्रेलियाई दौरे के समय उन्हें कोच राहुल द्रविड़ ने जो मार्गदर्शन दिया, उससे उन्हें ‘मानसिक मजबूती’ मिली और उनके प्रदर्शन में निखार आया. ऑस्ट्रेलिया दौरे में द्रविड़ की सलाह से उन्हें लंबे समय तक क्रिकेट में बने रहने का हुनर हासिल हुआ. उनकी बल्लेबाजी तकनीक और गेंदबाजी की रफ्तार में व्यापक बदलाव आया.
द्रविड़ सर से ज्यादा और कहीं नहीं सीखा...
हार्दिक ने पीटीआई से कहा, ‘मेरे लिए, भारत-ए टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया के मेरे दौरे के बाद सारी चीजें बदल गईं. इस दौरे ने बतौर क्रिकेटर मुझे काफी बदल दिया. मैं राहुल द्रविड़ के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं. मैं समझता हूं कि खेल के मानसिक पहलू होते हैं जिन पर काम किए जाने की जरूरत होती है. उन्होंने (द्रविड़) ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाया.’
पांड्या ने ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैंने उन डेढ़ महीनों में राहुल सर की अगुवाई में जो कुछ सीखा, उससे कहीं ज्यादा मैंने कहीं और से सीख ली. वह मुझे बताते थे कि मुझे किन चीजों की कोशिश करनी चाहिए. मैं मानसिक रूप से मजबूत था, लेकिन उनसे बात करने के बाद मैं सीख गया कि मैं इससे भी बेहतर हो सकता हूं. अगर आज मेरी गेंदबाजी की बात हो रही हे तो यह राहुल सर और भारत-ए के गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे की वजह से ही है.’
हार्दिक पांड्या के भाई क्रुणाल पांड्या (बाएं) भी क्रिकेटर हैं (फाइल फोटो)
140 के आसपास स्पीड
टीम इंडिया के लिए 4 वनडे और 16 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेल चुके हार्दिक पांड्या 16 फर्स्ट क्लास मैचों में 22 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. इन मैचों में उन्होंने 27.96 के औसत से 5 फिफ्टी लगाई हैं. हार्दिक इन दिनों न केवल 140 किमी के आसपास की रफ्तार से गेंदें फेंक रहे हैं, बल्कि उन्हें अतिरिक्त उछाल भी मिल रही है और वह स्विंग कराने में भी सफल हो रहे हैं. इसके साथ ही वह बल्लेबाजी भी अच्छी कर लेते हैं.
फील्डिंग भी कमाल की
हार्दिक पांड्या बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ फील्डिंग में भी महारत रखते हैं और टीम इंडिया के बेस्ट फील्डरों में से एक हैं. टी-20 वर्ल्ड कप को याद कीजिए, जब उन्होंने पाकिस्तानी ओपनर शरजील खान का मिड-ऑन पर शानदार कैच लपका था. यह कैच इतना जबर्दस्त था, कि दक्षिण अफ्रीका के महान फील्डर रहे पूर्व खिलाड़ी जॉन्टी रोड्स भी वाह-वाह कर उठे थे और रॉकस्टार कहा था.
मुख्य चयनकर्ता भी खासे प्रभावित
मुंबई में टीम की घोषणी के समय मुख्य चयनकर्ता एमएस प्रसाद ने पांड्या के चयन को लेकर कहा था, 'यह सही है कि हार्दिक पांड्या ने ज्यादा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन हमें सही वक्त पर सही ऑलराउंडर भी तलाशना है. हार्दिक ने वनडे और टी-20 में शानदार प्रदर्शन किया है. खासकर ऑस्ट्रेलिया-ए दौरे के बाद उनकी शख्सियत बदल गई है. उनकी गेंदबाजी की रफ्तार बढ़ी है. वो गेंद को अच्छी तरह स्विंग करवा सकते हैं. वो अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं.' इतना ही नहीं वनडे कप्तान एमएस धोनी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली भी उनकी प्रतिभा के कायल हैं...अब देखना होगा कि वनडे-टी-20 की तरह टेस्ट मैचों में भी वह मौके का पूरा फायदा उठा पाते हैं या नहीं...
(इनपुट भाषा से भी)
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