भारतीय स्पिन महान हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब बेबाकी से बोलना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा है कि उनके खेल करियर के बाद के वर्षों में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया तो टीम प्रबंधन ने उन्हें कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया. उस समय एमएस धोनी ( MS Dhoni) भारत के कप्तान थे. जब हरभजन सिंह 30 साल के थे तो उनके खेलने के मौके लगातार कम होते चले गए. भज्जी ने कहा एक समय के बाद उन्होंने ये पूछना कम कर दिया कि उनको मौका क्यों नहीं मिल रहा.
एक इंटरव्यू के दौरान भज्जी (Harbhajan Singh) ने कहा कि एमएस धोनी ( MS Dhoni) से उन्होंने कई बार पूछने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया. फिर एक प्वाइंट के बाद मैंने पूछना भी बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि जब कोई आपको बताना ही नहीं चाहता कि क्या हुआ तो फिर कोई मतलब नहीं है उसी बात को बार बार पूछना. जो चीज हमारे हाथ में ही नहीं है उसके बारे में बात करने से भी कोई मतलब नहीं है इसलिए मैंने कुछ दिनों के बाद इसके बारे में सोचना भी बंद कर दिया था.
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हरभजन (Harbhajan Singh) ने कहा कि जिस टीम ने 2011 में वर्ल्डकप (WorldCup 2011) जीता था उस टीम ने उसके बाद कभी भी एक साथ क्रिकेट नहीं खेला. इसके बाद जब मैं 31 साल का हुआ तो मैंने अपने करियर की 400वीं विकेट हासिल की और अगर मैं कुछ साल और क्रिकेट खेल गया होता तो जरूर 100 विकेट और हासिल कर सकता था ऐसा मुझे यकीन था, लेकिन इसके बाद ना ही मैं क्रिकेट खेल पाया और ना ही विकेट ले पाया. भज्जी ने कहा कि मैं बहुत दिनों तक हैरान रहा कि आखिर मुझे टीम में क्यों नहीं रखा जा रहा है. उन्होंने कहा मुझे आजतक भी नहीं पता कि किसे मुझे टीम में रखने में समस्या थी.
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