सभी यह जानते हैं कि पूर्व ओपनर गौतम गंभीर हमेशा की कितने साफ-साफ और साहसिक तरीके से बोलने वाले शख्स हैं. पिछले कई सालों में उन्होंने अपनी कुछ ऐसी ही छवि सार्वजनिक जीवन में बनायी है. और अब एक बार फिर से इस पूर्व ओपनर ऐसे विषय को लेकर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर उंगली उठायी है, जो बहुत ही संवेदनशील विषय रहा है. और यह है अलग-अलग फैंटेसी लीगों का. अलग-अलग नामों से कई मंच बने हुए हैं और एमएस धोनी से लेकर टीम इंडिया के कई दिग्गज सितारे इन लीगों का प्रचार कर रहे हैं. इसी विषय को लेकर जब एक अग्रणी अखबार के कार्यक्रम में गौतम से सवाल किया गया है, तो उन्होंने गांगुली पर उंगली उठाते हुए कहा है कि अगर सौरव ही फैंटेसी लीग प्लेटफॉर्म का प्रचार कर रहे हैं, तो फिर बाकी खिलाड़ियों को इसे करने से नहीं रोका जा सकता. गंभीर ने कार्यक्रम में कहा कि अगर गांगुली ऐसा कर रहे हैं, तो आप बाकी खिलाड़ियों से ऐसा न करने की उम्मीद नहीं कर सकते.
पूर्व ओपनर ने कहा कि अगर गांगुली कहते हैं कि किसी को भी यह फैंटेसी लीग प्लेटफॉर्म का प्रचार करने की इजाजत नहीं है, तो मैं सोचता हूं कि हर सख्स को इस पर अमल करना चाहिए, लेकिन यह अमलीकरण शीर्ष स्तर से होना चाहिए. या फिर इसे हमें भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित करना चाहिए. ऐसा राज्य स्तर पर नहीं हो सकता और किसी को भी इसके प्रचार-प्रसार की इजाजत नहीं होनी चाहिए. वैसे गौतम गंभीर भले ही यह कह रहे हैं कि कि इसे राज्य स्तर पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है, लेकिन यहां असम, सिक्किमस नगालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने फैटेंसी लीग खासकर ड्रीम-11 को पूरी तरह से अपने यहां बैन किया हुआ है.
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गंभीर ने यह भी कहा कि इन दिनों आईपीएल में ज्यादातर प्रायोजन फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म से आ रहा है. ऐसे में बीसीसीई को इस तरह के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना होगा. उन्होंने कहा कि यह एक सामूहिक फैसला होना चाहिए कि हमें इसके लिए अनुमति देनी चाहिए या नहीं. इस कार्यक्रम में गंभीर ने कई ऐसे विषयों पर बात की, जो आने वाले समय में चर्चा का विषय बनेंगे.
वास्तव में गंभीर एक बहुत ही बड़ा सवाल उठा दिया है. और यह एक ऐसा सवाल है जो सामने आया है, तो इस पर आने वाले दिनों में चर्चा और जोर-शोर से होगी. पिछले काफी लंबे समय से इस बात को लेकर दबी जुबां में जरूर चर्चा हो रही थी कि बीसीसीआई अध्यक्ष का विज्ञापन करना कितना सही है. इस बाबत हितों का टकराव कानून क्या कहता है, लेकिन अब तो बात आगे निकलकर फैंटेसी प्लेटफऑर्म के प्रचार पर चली गयी है, जिसे पहले से ही कई राज्यों ने प्रतिबंधित किया हुआ है.
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