हाल ही में चोटिल मोहम्मद शमी की जगह उमेश यादव लगभ साढ़े तीन साल बाद टीम इंडिया में लौटे, तो बहुत लोगों को यह बात हजम नहीं हुई. फैंस से लेकर मीडिया तक में हल्ला मच गया कि वह एकदम पैराशूट से कैसे टीम में आ गए. हालांकि, बाद में कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले पर विस्तार से सफायी दी, तो बहुत हद तक समझ में आया कि ऐसा क्यों हुआ. बहरहाल, उमेश यादव ने अपनी कमबैक पर काफी कुछ कहा है.
34 साल के हो चुके उमेश ने कहा कि वह नेट पर वह बहुत अच्छा कर रहे थे, लेकिन बहुत लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं थी. और लोगों ने मेरी अहमियत को तब समझा जब वह इस साल आईपीएल से पहले केकेआर फ्रेंचाइजी के साथ जुड़े और गुजरे सेशन में शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि साल 2020 में बेंगलोर के लिए खेलने के बाद मैंने व्हाइट-बॉल क्रिकेट नहीं खेली. मैं अच्छा कर रहा था, अभ्यास कर रहा था, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला.
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उन्होंने कहा कि उसके पहले किसी को मालूम नही था कि मैं नेट पर कैसा प्रदर्शन कर रहा था. जब केकेआर के लिए मुझे मौका मिला, तो हर किसी ने देखना कि मैं कितना अच्छा कर रहा था. लोग इस प्रदर्शन के बाद जान गए कि मैं ऑफ सीजन के बाद आराम नहीं कर रहा था. बता दें कि उमेश यादव ने इस साल आईपीएल में केकेआर के लिए खेलते हुए 12 मैचों में 16 विकेट चटकाए. उनका औसत 21.19 रहा, तो इकॉनमी-रेट 7.06 का रहा.
उमेश बोले कि आप कह सकते हैं कि मैं भाग्यशाली था क्योंकि भारत में बारिश के कारण ज्यादा मैच नहीं हो रहे थे. मैं लकी रहा कि मिड्लसेक्स ने मुझे ऑफर दिया. मैं जान गया का केवल भागीदारी करने और मैच न खएलने से कोई फायदा नहीं होगा. जब आप खेलते हो, तो आपका शरीर उस माहौल में बना रहता है, आपकी मांसेशियां ढीली हो जाती हैं और आप और फुर्तीले हो जाते हो. मैं अपनी काउंटी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा था. इंग्लैंड में मौसम अच्छा था.
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