Shoaib Akhtar on Fastest Ball in record in Cricket History: 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर शोएब अख्तर ने साल 2003 वर्ल्ड कप के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ 161.3 किमी/घंटा की रफ्तार के साथ गेंद करके इतिहास बनाया था. अख्तर द्वारा बनाया गया यह रिकॉर्ड आजतक बना हुआ है. कोई भी गेंदबाज उनके इस विश्व रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पा रहा है. हालांकि इस समय मयंक यादव और उमरान मलिक जैसे तेज गेंदबाज हैं जिन्होंने अपनी स्पीड से प्रभावित किया लेकिन अख्तर के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच पाए हैं. वहीं, अब 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' से खुद ही उनके इस रिकॉर्ड के बारे में सवाल किया गया है.
पाकिस्तान के पीटीवी स्पोर्ट्स पर शोएब अख्तर से सवाल पूछा गया कि इसका क्या कारण है कि आजतक आपके द्वारा फेंके गए सबसे तेज गेंद के रिकॉर्ड को कोई गेंदबाज तोड़ नहीं पाया है? इस सवाल पर दिग्गज पूर्व पाक गेंदबाज ने रिएक्ट किया है और जवाब दिया है. शोएब ने जो जवाब दिया है उसने फैन्स के बीच सुर्खियां बटोर ली है.
अख्तर ने सवाल का जवाब देते हुए कहा, "देखिए मुझे लगता है कि आजकल ज्यादा क्रिकेट हो रही है. गेंदबाजों पर दबाव काफी ज्यादा है. खिलाड़ी आजकल ज्यादा ट्रेवल भी करते हैं. आजकल के क्रिकेट में खिलाड़ी चोटिल भी ज्यादा हो रहे हैं और खिलाड़ी जल्दी थक जा रहे हैं."
अख्तर ने आगे कहा, " आजकल के क्रिकेट में जब आप तेज गेंद करने की कोशिश करते हैं तो आपको चोट लगने की संभावना ज्यादा होती है. देखिए मैं ये नहीं कह रहा हूं कि मैं ही सबसे तेज गेंदबाज हूं, और भी गेंदबाजों ने किया है. शॉन टेट ने भी फेंकी है. ब्रेट ली ने भी तेज गेंद फेंकी है. शमी भी तेज फेंकते हैं."
मैं खुद ट्रेनिंग देकर गेंदबाजो को बताऊं, कैसे तोड़ सकते हैं मेरा रिकॉर्ड- शोएब अख्तर
पूर्व पाक गेंदबाज ने आगे कहा, "आजके गेंदबाजों को यदि मैं खुद ट्रेनिंग करूं तो शायद कोई मेरा रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं. अख्तर ने आगे कहा कि. मैं चाहता हूं कोई गेंदबाज मेरा रिकॉर्ड तोड़े.. मेरे पास एक आइडिया है, या तो मैं खुद गेंदबाज को ट्रेन करूं कि कैसे तेज गेंद फेंकी जा सकती है."
वैसे, अख्तर ने तेज गेंदबाजों को लेकर अपनी जर्नी का भी जिक्र किया और कहा कि कैसे मैं बल्लेबाजों के लिए काल बना था. पूर्व गेंदबाज ने आगे कहा, "देखिए मैं बल्लेबाजों को डराकर रखने की कोशिश करता था. मैं बना हुआ ही ऐसा था. मेरे बाल खुले रहते थे. मेरे अंदर आक्रमकता थी.मुझे आक्रमक होना पड़ा था. क्योंकि मैं वसीम और वकार के साथ खेल रहा था, मुझे उनके सामने खुद की पहचान बनानी थी. इसलिए मैंने अपना स्टाइल खुद बनाया जिससे इन महान गेंदबाजों के सामने खुद की पहचान बना सूकं."
'रावलपिंडी एक्सप्रेस' ने आगे कहा, " मैं तेज फेंकता था लेकिन मैंने अपनी गेंदबाजी पर वर्क किया. मैं अपनी गेंदबाजी में और क्या करूं कि जिससे मुझे पहचान मिल सके. तब मैंने खुद को आतंक फैलाने वाला गेंदबाज बनाने के बारे में सोचा, मैं भागकर आता था जिससे बल्लेबाज मेरा इंतजार करते थे. मैं उन्हें इंतजार कराता था .. जिससे वो जब बल्लेबाजी स्टांस पर हो तो वो मेरे बारे में सोचते रहे. मैंने बल्लेबाजों के अंदर अपना आतंक बना दिया था."