दिलीप वेंगसरकर ने भी मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

दिलीप वेंगसरकर ने भी मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

फोटो- दिलीप वेंगसरकर का इस्‍तीफा पत्र...

खास बातें

  • 15 साल तक देश और दुनिया उनके बल्ले का जादू देखती रही.
  • वेंगसरकर को कलात्मक बल्लेबाज़ माना जाता था.
  • 80 के दशक में वेंगसरकर भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक थे.
मुंबई:

भारतीय क्रिकेट में कर्नल के नाम से मशहूर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने भी मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.

1977-78 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में वेंगसरकर ने अपने को भरोसेमंद खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया और फिर अगले 15 साल तक देश और दुनिया उनके बल्ले का जादू देखती रही.

वेंगसरकर को वैसे तो कलात्मक बल्लेबाज़ माना जाता था, लेकिन मौक़ा पड़ने पर वे किसी भी गेंदबाज़ की धुनाई भी कर सकते थे. वर्षों तक उन्होंने भारत के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी की और एक दशक से ज़्यादा समय तक इस नंबर पर कई यादगार पारियां खेलीं.

80 के दशक में वेंगसरकर भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक थे. उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी भी की. 1992 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पर्थ में अपना आख़िरी टेस्ट मैच खेला. वेंगसरकर ने कुल 116 टेस्ट मैचों में 42.13 की औसत से 6,868 रन बनाए. वहीं, 129 वन-डे मैचों में उन्होंने 3508 रन बनाए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब तक कर्नाटक से बृजेश पटेल, मध्यप्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया, संजय जगदाले समेत दूसरे कई क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी इस्तीफा दे चुके हैं.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सबसे पहले बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के की कुर्सी गई. अब जिन क्रिकेट संघों ने फैसले को नहीं माना था उनके पदाधिकारियों के बीच खलबली मची हुई है.


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