
- पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने शुभमन गिल को सभी फॉर्मेट में कप्तान बनाने के विचार से असहमति जताई है
- उथप्पा के अनुसार गिल को सबसे तेजी वाले फॉर्मेट टी20 में अपनी जगह अभी भी पक्की करनी है
- रॉबिन का मानना है कि श्रेयस अय्यर टी20 टीम के भविष्य के कप्तान के रूप में ज्यादा उपयुक्त हैं
हाल ही में वनडे की कप्तानी से हटाए गए रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और उनके उत्तराधिकारी बन चुके शुभमन गिल ( Shubman Gill) को लेकर पूर्व क्रिकेटरों का एक वर्ग बंटा हुआ है. दोनों ही पहलुओं पर पिछले दो दिनों में काफी प्रतिक्रियाएं आई हैं. इसी कड़ी में पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने गिल के सभी फॉर्मेटों में कप्तान बनाने के विचार से असहमति जाहिर की है. रॉबिन का मानना है कि गिल को सबसे फटाफट फॉर्मेट में अभी भी टीम में अपनी जगह कमानी है. और श्रेयस अय्यर ऐसे खिलाड़ी हो सकते हैं, जो भविष्य में टी20 में सूर्यकुमार यादव की जगह कप्तान बन सकते हैं
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'यह खिलाड़ी टी20 कप्तान के लिए ज्यादा अनुकूल'
उथप्पा ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, 'मेरे लिए इस मामले में बहुत सख्ताई से न है. मुझे लगता है कि गिल टेस्ट क्रिकेट में बहुत ही शानदार खिलाड़ी हैं और उन्होंने यह बा बहुत ही अच्छी तरह साबित भी की है. लेकिन जहां तक वनडे क्रिकेट का सवाल है, तो उनके आंकड़े अच्छे हैं और उनके जैसे क्षमतावान खिलाड़ी के लिए ये आंकड़े बेहतर होंगे. लेकिन मुझे लगता है कि वे (सेलेक्टर्स) टी20 में श्रेयस अय्यर को कप्तान के रूप में देखेंगे. यह ऐसा फॉर्मेट है, जिसमें गिल को अभी भी अपनी जगह कमानी बाकी है'
'उपकप्तान होना कप्तानी की गारंटी नहीं'
रॉबिन ने यह भी कहा, 'उप-कप्तान बन जाना भविष्य में कप्तानी की गारंटी नहीं है. और टी20 टीम की उप-कप्तानी मिलने के बावजूद गिल को इस फॉर्मेट में अपनी जगह को अभी भी पक्का करना बाकी है. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि गिल इस बात को पक्का मानकर चलेंगे कि वह अगले कप्तान होंगे.' पूर्व बल्लेबाज ने कहा,'हम जानते हैं और देख चुके हैं कि भारतीय क्रिकेट में चीजें, हालात बहुत ही तेजी से बदलते हैं. ईमानदारी से कहूं, तो भारतीय क्रिकेट में उप-कप्तानी का ज्यादा मतलब नहीं है. पहले हम सभी ने देखा कि कई खिलाड़ी उप-कप्तान रहे, लेकिन वह कभी भारत के कप्तान नहीं बन सके'
'रोहित की बैटिंग एप्रोच में बड़ा बदलाव'
वहीं, रॉबिन ने यह भी कहा, 'अगर रोहित फिट रहते हैं, तो वह साल 2027 विश्व कप जरूर खेंलेंगे. पूर्व कप्तान अपनी बैटिंग शैली को लेकर बहुत ही आश्वस्त हैं और पिछले कुछ सालों में रोहित ने खुद को और ज्यादा विध्वसंक बल्लेबाज में तब्दील किया है. पिछले तीन-चार साल में रोहित पहले से कहीं आक्रामक खेले हैं. पहले वह शुरुआती 50 रन के लिए ज्यादा गेंद लेते थे. फिर अगले पचास और फिर इससे अगले अर्द्धशतक के लिए गेंद कम होती जाती थीं. लेकिन अब वह शुरुआत से ही आतिशी अंदाज में बैटिंग करते हैं, जो उनकी एप्रोच में बड़ा बदलाव है. '
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