विज्ञापन

बिहार में सिमटती JDU तो RJD को मिलती बढ़त, बढ़ते-घटते वोट शेयर और सीटों के आंकड़ों का इशारा किस तरफ

बिहार में पिछले तीन विधानसभा चुनावों के दौरान तीन बड़े राजनीतिक दलों जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी के प्रदर्शन में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. चलिए उन चुनावों में वोट शेयर और सीटों की संख्या में आने वाले उतार-चढ़ाव से इसे जानते हैं.

बिहार में सिमटती JDU तो RJD को मिलती बढ़त, बढ़ते-घटते वोट शेयर और सीटों के आंकड़ों का इशारा किस तरफ
ANI
  • बिहार के पिछले तीन विधानसभा चुनावों में JDU, BJP और RJD के प्रदर्शन में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है.
  • वोट शेयर और सीटों की संख्या में ये बदलाव ही बिहार के चुनावों को अप्रत्याशित बनाती हैं.
  • राज्य में 115 सीटें हासिल करने वाला अब 43 पर सिमट गया है तो जिसे 22 सीटें मिल रही थीं अब वो नंबर-1 पार्टी है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना:

बिहार में दो चरणों में छह और 11 नवंबर को चुनाव हो रहे हैं. इसके नतीजे 14 नवंबर को आने हैं. पहले चरण में 121 तो दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होंगे. राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है. वहीं 14 लाख मतदाता बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट करेंगे. बिहार की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. चुनाव में एनडीए का सीधा मुकाबला महागठबंधन है.

पहले चरण में छह नवंबर को बिहार के 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होने हैं. इनमें राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर, वैशाली, नालंदा, समस्तीपुर, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, दरभंगा, सहरसा, खगड़िया, मुंगेर और मधेपुरा शामिल हैं. दूसरे चरण में 11 नवंबर को पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर की 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

बिहार चुनाव में इन दोनों चरणों में जिन जिलों में चुनाव होने हैं, वहां पिछले तीन चुनावों में तीन बड़े राजनीतिक दलों ने कैसा प्रदर्शन किया था, चलिए इसे वोट शेयर और सीटों की संख्या में आने वाले उतार-चढ़ाव से जानते हैं.

2020 में जेडीयू का वोट शेयर 15.4 प्रतिशत रहा पर उसे कुल 43 सीटें हीं मिली जो 2010 के मुकाबले 62.60 प्रतिशत कम है

2020 में जेडीयू का वोट शेयर 15.4 प्रतिशत रहा पर उसे कुल 43 सीटें हीं मिली जो 2010 के मुकाबले 62.60 प्रतिशत कम है
Photo Credit: ANI

जेडीयू के प्रदर्शन में लगातार गिरावट

2010 के चुनाव में वोट शेयर और सीटों के मामले में जेडीयू बिहार विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी थी. 2025 के पहले चरण में जिन सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें जेडीयू को 24.6 प्रतिशत वोट मिले थे तो सीटें 59 हासिल हुई थीं, वहीं दूसरे चरण (2025 के मुताबिक) की सीटों पर उसे 20.5 प्रतिशत वोट मिले थे और कुल सीटें 56 हासिल हुई थीं. 2010 में जेडीयू को कुल 115 सीटें हासिल हुई थीं. लेकिन अगले दो चुनावों में उसकी सीटों में बेहद गिरावट देखने को मिली है.

2015 के चुनाव में जेडीयू की सीटों में 2010 के मुकाबले 38.26 फीसद की गिरावट देखने को मिली और वो 71 सीटों पर सिमट गई. हालांकि यह चुनाव वो आरजेडी के साथ महागठबंधन का हिस्सा बन कर लड़ी पर उसके वोट शेयरों में जबरदस्त कमी आ गई. 2010 में जेडीयू को 22.6 प्रतिशत वोट शेयर मिले थे लेकिन 2015 में यह 16.8 प्रतिशत पर आ गिरा. 

2020 में जेडीयू के वोट शेयर में 2015 के मुकाबले तो बहुत कमी नहीं आई पर उसकी सीटों में फिर बड़ी गिरावट देखने को मिली. 2020 में जेडीयू का वोट शेयर 15.4 प्रतिशत रहा पर उसे कुल 43 सीटें हीं मिली जो 2010 के मुकाबले 62.60 प्रतिशत कम है.

Latest and Breaking News on NDTV

आरजेडी का चुनावी ग्राफ ऊपर की ओर

आंकड़े बताते हैं कि जो आरजेडी 2010 में बीजेपी से भी अधिक 20 प्रतिशत वोट शेयर पाने के बावजूद केवल 22 सीटों पर सिमट गई थी. उसे (2025 के चुनावी चरणों के मुताबिक) पहले चरण में 15 तो दूसरे में केवल सात सीटें हासिल हुई थीं, उसने उसके बाद के चुनावों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. 2015 में आरजेडी के वोट शेयर में मामूली गिरावट आई लेकिन उसके सीटों की कुल संख्या 80 पर पहुंच गई तो 2020 में उसने न केवल वोट शेयर के मामले में बड़ा छलांग लगाया बल्कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भी बनी. 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी का कुल वोट प्रतिशत 23.1 रहा. पहले चरण में 42 तो दूसरे में 33 सीटों के साथ उसने बीजेपी से एक अधिक 75 सीटें जीती थीं.

Latest and Breaking News on NDTV

बीजेपी के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव

बीजेपी ने 2010 के कुल 16.5 प्रतिशत वोट शेयर को अगले चुनाव में बड़ा किया. उसे 2015 में 24.4 प्रतिशत वोट हासिल हुए, लेकिन 2010 में हासिल 91 सीटों के मुकाबले उसे 2015 में कुल 53 सीटों पर सिमट जाना पड़ा तो इसकी सबसे बड़ी वजह नीतीश कुमार और लालू यादव का एक साथ चुनाव मैदान में उतरना था. साल 2000 के बाद राज्य में भारी संख्या में मतदान हुआ 56.8 प्रतिशत वोटरों ने अपने वोट डाले. आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी तो नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी 71 सीट हासिल किए.

हालांकि 2020 में एक बार फिर जेडीयू की एनडीए में वापसी हुई और इसका असर बीजेपी की कुल सीटों में हुए इजाफे में देखने को मिला. कोरोना महामारी की विभीषिका के तुरंत बाद 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आरजेडी से एक कम 74 सीटें हासिल कीं, पिछले चुनाव के मुकाबले उसे 21 सीटों का लाभ हुआ. हालांकि उसके कुल वोट शेयर में 4.9 फीसद का बड़ा गिरावट देखने को मिला. तो इसकी वजह आरजेडी बना जिसके वोट शेयर में 4.7 फीसद की बढ़ोतरी हुई.

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: ANI

अन्य दलों में किसका प्रदर्शन अहम

एनडीए के घटक दल एलजेपी और हम ने राज्य में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. 2010 में हम को एक भी सीट नहीं हासिल हुई थी तो उसने अगले दो चुनावों में एक और चार सीटें जीतीं. वहीं एलजेपी ने 2010 में कुल 6.7 वोट प्रतिशत के साथ तीन सीटें हासिल की थीं, जो 2020 में केवल एक सीट पर सिमट कर रह गई. हालांकि वोट शेयर के मामले में एलजेपी अब भी एनडीए के घटक दलों के बीच बीजेपी और जेडीयू के बाद तीसरे पायदान पर है.

उधर देश के सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का वोट शेयर 2010 के 8.4 प्रतिशत से 2020 में 9.5 प्रतिशत रहा, इसमें मामूली बढ़त देखी गई है. हालांकि महागठबंधन में आने के बाद से कांग्रेस के ये वोट शेयर उसके चार सीटों को दो अंकों में बदलने में कामयाब रहे. 2015 में कांग्रेस को 27 सीटें तो 2020 में 19 सीटें हासिल हुईं.

Latest and Breaking News on NDTV

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com