- एशिया कप ट्रॉफी को एशियाई क्रिकेट परिषद के मुख्यालय से हटाकर अबू धाबी में कहीं स्थानांतरित कर दिया गया है
- भारत ने नकवी से ट्रॉफी स्वीकार करने से इनकार किया था जिससे मैच के बाद प्रस्तुति में देरी हुई
- BCCI अधिकारी ने एसीसी मुख्यालय का दौरा कर ट्रॉफी के बारे में पूछताछ की तो बताया गया कि ट्रॉफी अबू धाबी में है
Asia Cup Trophy Relocated from ACC Headquarters: दुबई में 28 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए फाइनल के समापन के कुछ हफ़्तों बाद भी एशिया कप ट्रॉफी का मामला नए मोड़ लेता जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, ट्रॉफी को एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) मुख्यालय से हटाकर अबू धाबी में किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है. एशिया कप ट्रॉफी को लेकर गतिरोध तब शुरू हुआ जब भारत ने नकवी से ट्रॉफी स्वीकार करने से इनकार कर दिया. नकवी पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं और दोनों देशों के बीच पांच विकेट की जीत के बाद सीमा पार तनाव के बीच यह ट्रॉफी ले जाने का काम भी कर रहे हैं.

इस प्रसिद्ध सफलता के तुरंत बाद, अफरा-तफरी मच गई और मैच के बाद की प्रस्तुति 90 मिनट की देरी से हुई. भारत के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, एक अधिकारी ने एशिया कप ट्रॉफी को मंच पर रखे स्थान से हटा दिया और बिना कोई स्पष्टीकरण दिए उसे ज़मीन से उठा ले गया.
भारत ट्रॉफी की वापसी का इंतज़ार कर रहा है, और अब पूरी कहानी ने एक नया मोड़ ले लिया है. पिछले हफ़्ते एक बीसीसीआई अधिकारी ने एसीसी मुख्यालय का दौरा किया और चांदी के बर्तनों के बारे में पूछताछ की. कर्मचारियों ने अधिकारी को बताया कि ट्रॉफी अबू धाबी में किसी दूसरी जगह ले जाई गई है.
सूत्रों ने बताया, "कुछ दिन पहले एक बीसीसीआई अधिकारी एसीसी मुख्यालय गए थे. जब उन्होंने एसीसी कार्यालय में ट्रॉफी के बारे में पूछताछ की, तो कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि इसे यहां से हटा दिया गया है और अबू धाबी में किसी जगह पर मोहम्मद नक़वी के पास है."
इस महीने की शुरुआत में, नक़वी ने ट्रॉफी वापस करने की शर्त रखते हुए कहा था कि अगर भारत इसे "सचमुच" चाहता है, तो वे इसे एसीसी कार्यालय आकर उनसे ले सकते हैं. जियो न्यूज़ के अनुसार, हाल ही में, नक़वी ने भारत को एशिया कप 2025 की ट्रॉफी प्रदान करने के लिए एक समारोह आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था.
नक़वी की यह प्रतिक्रिया बीसीसीआई द्वारा उन्हें लिखे गए एक औपचारिक पत्र के बाद आई है, जिसमें बोर्ड ने उन्हें ट्रॉफी भारत को सौंपने के लिए कहा था. अपने जवाब में, नक़वी अपने रुख पर अड़े रहे और उन्होंने बीसीसीआई से अनुरोध किया कि वह किसी भारतीय खिलाड़ी को समारोह में भेजकर उनसे ट्रॉफी ले.
सितंबर के अंत में एसीसी की बैठक हुई. बैठक के बाद, कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि नक़वी ने फाइनल के बाद हुई अफरा-तफरी के लिए बीसीसीआई से माफ़ी मांगी थी. हालांकि, एक दिन बाद, नक़वी ने इन खबरों का साफ़ खंडन किया. रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि एसीसी की बैठक में ट्रॉफी भारत को सौंपने के बारे में कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया था.
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