द्रविड़ ने इंडीज में सबसे अधिक टेस्ट रन बनाए हैं, जबकि सचिन 7वें नंबर पर हैं (फाइल फोटो)
जिम्बाब्वे के आसान दौरे के बाद अब टीम इंडिया को जुलाई में वेस्टइंडीज दौरे पर जाना है, जहां वह मेजबान टीम के साथ 21 जुलाई से 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। इंडीज के विकेट हमेशा ही तेज गेंदबाज को सपोर्ट करते रहे हैं और उन्हें तेज गेंदबाजों के लिए 'स्वर्ग' माना जाता रहा है, लेकिन बावजूद इसके कई भारतीय बल्लेबाजों ने यहां शानदार खेल दिखाया है। वैसे भी हमारी जीत तो ज्यादातर बल्लेबाजों पर ही टिकी होती है। हम आपको बता रहे हैं कि अब तक के इंडीज दौरे में टीम इंडिया के कौन-से बल्लेबाज प्रभावी रहे हैं और दुनियाभर में धूम मचाने वाले मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर इनके बीच कहां ठहरते हैं-
'द वॉल' ने यहां भी जमाए पैर
तेज विकेट पर आसानी से बल्लेबाजी के लिए तकनीक का खासा महत्व होता है। जाहिर है इस मामले में टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ से बेहतर भला कौन हो सकता है। उनके नाम इंडीज की धरती पर भारत की ओर से सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है। द्रविड़ ने 1997 से 2011 के बीच अपने क्रिकेट करियर में इंडीज की जमीन पर 17 टेस्ट मैच खेले और 28 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 1511 रन अपने नाम किए। उनका बेस्ट 146 रन और औसत 65.69 रहा। हालांकि औसत के मामले में वह दूसरे नंबर पर हैं। उनके बल्ले से 3 सेंचुरी और 11 फिफ्टी निकलीं।
'लिटिल मास्टर' का कोई सानी नहीं
इंडीज में रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर काबिज लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर सुनील गावस्कर (करियर 1971-1983) टीम इंडिया के बेहतरीन ओपनर रहे हैं। तेज विकेट पर बल्लेबाजी के मामले में भारतीय खिलाड़ियों में उनसे बेहतर तो कोई हो ही नहीं सकता। इंडीज जैसी तेज गेंदबाजों (माइकल होल्डिंग, मैल्कम मार्शल आदि) से सजी टीम के खिलाफ उन्होंने 13 शतक लगाए हैं, जिनमें से 7 उन्होंने इंडीज की धरती पर ही ठोके हैं। वेस्टइंडीज की धरती से ही 1971 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले सनी ने अपना पहला शतक इसी सीरीज के तीसरे मैच में ठोक दिया था। क्वींस पार्क ओवल में खेले गए सीरीज के अंतिम मैच में उन्होंने दोनों पारियों में शतक (124 और 220) बनाए थे।
गावस्कर के नाम इंडीज की धरती पर 13 मैचों की 24 पारियों में 1404 रन हैं और उनका औसत तो देखिए, जो इंडीज में रन बनाने वाले टॉप-10 भारतीय बल्लेबाजों में सबसे अधिक 70.20 है। इंडीज में उन्होंने 7 शतक और 4 फिफ्टी लगाई हैं। उनका बेस्ट 220 रन है।
'वेरी-वेरी स्पेशल' भी पीछे नहीं
कलाई के उस्ताद वीवीएस लक्ष्मण (करियर 1997-2011) इंडीज की धरती पर सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने यहां द्रविड़ से एक मैच कम यानी 16 मैच खेले हैं, जिनमें उनके 'कलात्मक' बल्ले से 27 पारियों में 1146 रन निकले हैं। वीवीएस ने इंडीज में 2 शतक और 10 फिफ्टी जमाई हैं और उनका बेस्ट 130 रन और औसत 47.75 रहा।
ऑलराउंडर, फील्डिंग के उस्ताद उमरीगर
इस सूची में चौथे नंबर पर मौजूद फर्स्ट स्लिप में फील्डिंग के उस्ताद माने जाने वाले पॉली उमरीगर (करियर 1953-1962) बैटिंग के साथ-साथ बॉलिंग (ऑफस्पिन) में भी माहिर थे। भारतीय क्रिकेट में उनकी धमक का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब वह रिटायर हुए, तो उस समय भारत की ओर से सबसे अधिक टेस्ट खेलने, सबसे अधिक रन बनाने और सबसे अधिक शतक लगाने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम था। उनके रिकॉर्ड रिटायरमेंट के साल 1962 से 1978 तक कायम रहे, जिन्हें सुनील गावस्कर ने तोड़ा था।
इंडीज की धरती पर रन बनाने वाले भारतीयों की सूची में उमरीगर चौथे नंबर हैं। उन्होंने इंडीज की धरती पर 10 मैच खेले और 20 पारियों में 1005 रन बनाए, जिनमें 3 शतक और 7 फिफ्टी ठोकीं। उनका औसत लक्ष्मण से बेहतर 55.83 है और बेस्ट निजी स्कोर 172 रन नाबाद है।
11 में से 9 शतक विदेशी धरती पर - मोहिंदर अमरनाथ
करियर के शुरुआती दौर में शॉर्ट पिच गेंदबाजी के आगे कमजोर माने जाने वाले अमरनाथ (करियर 1976-1983) ने खुद को इस तरह ढाला कि जब वह रिटायर हुए, तो उन्हें तेज गेंदबाजी खेलने में माहिर बल्लेबाजों में से एक माना जाने लगा था। खास बात यह कि टेस्ट में उनके 11 में से 9 शतक विदेशी धरती पर बने हैं। इंडीज में बेहतरीन खेल दिखाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में पांचवें नंबर पर मौजूद अमरनाथ ने 9 टेस्ट खेले और 877 रन जोड़े, जिनमें 2 शतक और 6 फिफ्टी शामिल रहीं।
वह कई बार टीम से बाहर हुए, लेकिन दमदार वापसी की। खासतौर से 1982-83 के सीजन में 3 साल बाद टीम में वापसी करते हुए उन्होंने 1182 रन बनाए, जिनमें 5 शतक शामिल रहे। वह 1983 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे और कप जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।
मास्टर-ब्लास्टर हैं 7वें नंबर पर
टीम इंडिया की ओर से टेस्ट में 51 शतक और 15921 रन बना चुके तेंदुलकर ने वेस्टइंडीज की धरती पर उस तरह प्रभावित नहीं किया, जिसके लिए उन्हें जाना जाता रहा। इंडीज में सबसे अच्छा खेलने वाले बल्लेबाजों में सचिन सातवें नंबर पर हैं। उनसे पहले दिलीप सरदेसाई का नाम है, जिन्होंने वेस्टइंडीज में खेले 8 टेस्ट में 751 रन (3 शतक, 2 फिफ्टी) बनाए थे और उनका औसत 53.64 रहा, जबकि सचिन के बल्ले से इंडीज की धरती पर 10 मैचों में 620 रन निकले, जिनमें महज एक शतक और 5 फिफ्टी शामिल हैं। उनका बेस्ट 117 रन रहा।
'द वॉल' ने यहां भी जमाए पैर
तेज विकेट पर आसानी से बल्लेबाजी के लिए तकनीक का खासा महत्व होता है। जाहिर है इस मामले में टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ से बेहतर भला कौन हो सकता है। उनके नाम इंडीज की धरती पर भारत की ओर से सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है। द्रविड़ ने 1997 से 2011 के बीच अपने क्रिकेट करियर में इंडीज की जमीन पर 17 टेस्ट मैच खेले और 28 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 1511 रन अपने नाम किए। उनका बेस्ट 146 रन और औसत 65.69 रहा। हालांकि औसत के मामले में वह दूसरे नंबर पर हैं। उनके बल्ले से 3 सेंचुरी और 11 फिफ्टी निकलीं।
'लिटिल मास्टर' का कोई सानी नहीं
इंडीज में रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर काबिज लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर सुनील गावस्कर (करियर 1971-1983) टीम इंडिया के बेहतरीन ओपनर रहे हैं। तेज विकेट पर बल्लेबाजी के मामले में भारतीय खिलाड़ियों में उनसे बेहतर तो कोई हो ही नहीं सकता। इंडीज जैसी तेज गेंदबाजों (माइकल होल्डिंग, मैल्कम मार्शल आदि) से सजी टीम के खिलाफ उन्होंने 13 शतक लगाए हैं, जिनमें से 7 उन्होंने इंडीज की धरती पर ही ठोके हैं। वेस्टइंडीज की धरती से ही 1971 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले सनी ने अपना पहला शतक इसी सीरीज के तीसरे मैच में ठोक दिया था। क्वींस पार्क ओवल में खेले गए सीरीज के अंतिम मैच में उन्होंने दोनों पारियों में शतक (124 और 220) बनाए थे।
गावस्कर के नाम इंडीज की धरती पर 13 मैचों की 24 पारियों में 1404 रन हैं और उनका औसत तो देखिए, जो इंडीज में रन बनाने वाले टॉप-10 भारतीय बल्लेबाजों में सबसे अधिक 70.20 है। इंडीज में उन्होंने 7 शतक और 4 फिफ्टी लगाई हैं। उनका बेस्ट 220 रन है।
'वेरी-वेरी स्पेशल' भी पीछे नहीं
कलाई के उस्ताद वीवीएस लक्ष्मण (करियर 1997-2011) इंडीज की धरती पर सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने यहां द्रविड़ से एक मैच कम यानी 16 मैच खेले हैं, जिनमें उनके 'कलात्मक' बल्ले से 27 पारियों में 1146 रन निकले हैं। वीवीएस ने इंडीज में 2 शतक और 10 फिफ्टी जमाई हैं और उनका बेस्ट 130 रन और औसत 47.75 रहा।
ऑलराउंडर, फील्डिंग के उस्ताद उमरीगर
इस सूची में चौथे नंबर पर मौजूद फर्स्ट स्लिप में फील्डिंग के उस्ताद माने जाने वाले पॉली उमरीगर (करियर 1953-1962) बैटिंग के साथ-साथ बॉलिंग (ऑफस्पिन) में भी माहिर थे। भारतीय क्रिकेट में उनकी धमक का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब वह रिटायर हुए, तो उस समय भारत की ओर से सबसे अधिक टेस्ट खेलने, सबसे अधिक रन बनाने और सबसे अधिक शतक लगाने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम था। उनके रिकॉर्ड रिटायरमेंट के साल 1962 से 1978 तक कायम रहे, जिन्हें सुनील गावस्कर ने तोड़ा था।
इंडीज की धरती पर रन बनाने वाले भारतीयों की सूची में उमरीगर चौथे नंबर हैं। उन्होंने इंडीज की धरती पर 10 मैच खेले और 20 पारियों में 1005 रन बनाए, जिनमें 3 शतक और 7 फिफ्टी ठोकीं। उनका औसत लक्ष्मण से बेहतर 55.83 है और बेस्ट निजी स्कोर 172 रन नाबाद है।
11 में से 9 शतक विदेशी धरती पर - मोहिंदर अमरनाथ
करियर के शुरुआती दौर में शॉर्ट पिच गेंदबाजी के आगे कमजोर माने जाने वाले अमरनाथ (करियर 1976-1983) ने खुद को इस तरह ढाला कि जब वह रिटायर हुए, तो उन्हें तेज गेंदबाजी खेलने में माहिर बल्लेबाजों में से एक माना जाने लगा था। खास बात यह कि टेस्ट में उनके 11 में से 9 शतक विदेशी धरती पर बने हैं। इंडीज में बेहतरीन खेल दिखाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में पांचवें नंबर पर मौजूद अमरनाथ ने 9 टेस्ट खेले और 877 रन जोड़े, जिनमें 2 शतक और 6 फिफ्टी शामिल रहीं।
वह कई बार टीम से बाहर हुए, लेकिन दमदार वापसी की। खासतौर से 1982-83 के सीजन में 3 साल बाद टीम में वापसी करते हुए उन्होंने 1182 रन बनाए, जिनमें 5 शतक शामिल रहे। वह 1983 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे और कप जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।
मास्टर-ब्लास्टर हैं 7वें नंबर पर
टीम इंडिया की ओर से टेस्ट में 51 शतक और 15921 रन बना चुके तेंदुलकर ने वेस्टइंडीज की धरती पर उस तरह प्रभावित नहीं किया, जिसके लिए उन्हें जाना जाता रहा। इंडीज में सबसे अच्छा खेलने वाले बल्लेबाजों में सचिन सातवें नंबर पर हैं। उनसे पहले दिलीप सरदेसाई का नाम है, जिन्होंने वेस्टइंडीज में खेले 8 टेस्ट में 751 रन (3 शतक, 2 फिफ्टी) बनाए थे और उनका औसत 53.64 रहा, जबकि सचिन के बल्ले से इंडीज की धरती पर 10 मैचों में 620 रन निकले, जिनमें महज एक शतक और 5 फिफ्टी शामिल हैं। उनका बेस्ट 117 रन रहा।
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