दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक बार फिर घर में चलने वाले एक पेइंग गेस्ट (PG) हॉस्टल में आग लग गई. इसमें 35 लड़कियों फंस गई थीं. गनीमत यह रही कि स्थानीय लोगों और फायर ब्रिगेड की मदद से समय रहते इनको बचा लिया गया. लेकिन छोटे-छोटे घरें में चल रहे पीजी और कोचिंग सेंटरों में आग बुझाने के कोई इंतजाम न होने से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.
भीषण आग में जलते हुए मुखर्जी नगर के पीजी हॉस्टल (Paying Guest hostels) की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. बुधवार को देर शाम को इस बिल्डिंग में आग लगने के बाद इसमें फंसीं 34 लड़कियों और एक ढाई साल की बच्ची को फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों की मदद से निकाल लिया गया.
इस चार मंजिल की पीजी हॉस्टल में सिर्फ एक सीढ़ीइस चार मंजिला इमारत में UPSC की तैयारी करने वालों के लिए पीजी हॉस्टल चल रहा था लेकिन इसमें सीढ़ी महज एक ही है. अगर लोग इसकी पीछे की दीवार न तोड़ते तो बड़ी हादसा हो सकता था. स्थानीय लोग मानते हैं कि बड़े पैमाने पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर लोगों ने पेइंग गेस्ट हॉस्टल खोल रखे हैं.
मुखर्जी नगर के निवासी डा राजेश मेहता ने कहा, ''आप सोचिए यहां दूर-दूर से बच्चे पढ़ने, तैयारी करने के लिए आते हैं लेकिन लोगों ने कोई फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं कर रखे हैं. धड़ल्ले से पीजी खोल रखा है.''
लेकिन मुखर्जी नगर में आए दिन हो रहे इस तरह के हादसों से UPSC की तैयारी करने वाले हजारों युवाओं में डर पैदा हो गया है. यूपीएससी की तैयारी करने के लिए मुखर्जी नगर में रहने वाले उत्तर प्रदेश के अमित सिंह और हरियाणा की प्रीति ने जो बताया वह डरा देने वाला है.
छोटे से कमरे में तीन-तीन लड़कियां रह रहींप्रीति ने कहा, ''आप सोचिए हम लोग सात से आठ हजार महीना देते हैं लेकिन छोटे से कमरे में तीन-तीन लड़कियां रहती हैं. हमेशा खतरा बना रहता है खाना भी बीमार करने वाला है.'' छात्र अमित सिंह ने कहा, ''पिछले दिनों कोचिंग में आग लगी थी. कोई आग से बचाने के लिए उपाय नहीं है. हम लोग दूर-दूर से तैयारी करने के लिए आते हैं लेकिन बदले में हमे यहां जान का जोखिम है. न नगर निगम, न फायर डिपार्टमेंट कोई ध्यान दे रहा है.''
मुखर्जी नगर में इस साल 15 जून को एक कोचिंग में आग लगी थी. इससे बचने के लिए कई छात्र तीसरी मंजिल से गिरकर घायल हो गए थे. इसके बाद निगम और फायर डिपार्टमेट ने सर्वे किया था. बीस कोचिंग सेंटरों को सील भी किया गया था. लेकिन फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि पीजी को लेकर अभी कोई स्पष्ट नियम न होने से वह कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं.
कोचिंग और घर-घर चलने वाले पीजी हॉस्टल को लेकर कोई साफ गाइडलाइन न होने से UPSC की तैयारी करने वाले हजारों छात्रों के साथ बड़े हादसे की संभावना बनी रहती है. सोचिए दूर-दूर से बड़े सपने लेकर UPSC की तैयारी के लिए मुखर्जी नगर आने वाले छात्रों को यहां कैसा वातावरण मिल रहा है. सरकार को चाहिए कि फायर सेफ्टी की गाइडलाइन बनाकर सख्ती से उसका पालन करवाए ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हो पाएं.
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