विज्ञापन
This Article is From Feb 25, 2023

मुंबई : वर्ली से मरीन ड्राइव 8 मिनट में! सुरंग, समंदर पाटकर बनी सड़क और ब्रिज पर से होगा सफर

मुंबई की नई कोस्टल रोड के जरिए सुरंग, जमीन और समंदर पर बने पुल पर से होगा अनोखा सफर, न कोई सिग्नल होगा और न ही कोई टोल नाका

प्रतीकात्मक फोटो.

मुंबई:

मुंबई की नई कोस्टल रोड का काम 70 फीसदी पूरा हो चुका है. साढ़े बारह हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रही मुंबई कोस्टल रोड का पहला चरण साढ़े दस किलो मीटर का है जो मरीन ड्राइव से वर्ली तक है. बीएमसी के मुताबिक नवंबर 2023 तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा. 

मुंबई के पश्चिमी समुद्री किनारे पर बन रही कोस्टल रोड के पूरा होने का सभी को बेसब्री इंतजार है. इस रोड के बन जाने के बाद मरीन ड्राइव से वर्ली तक का सफर सिर्फ आठ मिनट में पूरा होगा, वह भी बिना किसी टोल के. मुंबई की नई पहचान बनने जा रही कोस्टल रोड का सपना तेजी से आकार ले रहा है. पहले चरण का कोस्टल रोड बांद्रा-वर्ली सी लिंक से मरीन ड्राइव तक होगा. इसमें सुरंग होगी, समुद्र को पाटकर बनी सड़क होगी और समुद्र पर पुल भी होगा.

मरीन ड्राइव से प्रियदर्शनी पार्क तक का सफर सुरंग से तय करना होगा. इसके लिए दो-दो किलोमीटर की दो सुरंगें होंगी. इसमें से एक पूरी खोदी जा चुकी है जबकि दूसरी का काम जल्द ही पूरा होने वाला है. प्रियदर्शनी पार्क से सुरंग में से सड़क मरीन ड्राइव तक जाएगी. मतलब यहां से हम  अंदर प्रवेश करेंगे तो कुछ ही मिनटों में मरीन ड्राइव तक पहुंच जाएंगे, यानी मालाबार हिल सहित अन्य इलाके जमीन के नीचे से ही पार करते हुए निकल जाएंगे.

बीएमसी के कोस्टल रोड के चीफ इंजीनियर मंतैया स्वामी ने बताया कि, इसमें तीन लेन हैं. दो लेन जनरल ट्रैफिक के लिए और एक लेन एंबुलेंस, बस और इमरजेंसी सर्विसेज के लिए रिजर्व होगी.

एल एंड टी के अधिकारी प्रदीप पाटिल ने बताय कि, इसकी गहराई आप देखेंगे तो दस मीटर से लेकर 70 मीटर तक है. मालाबार हिल के जोन पर ज्यादा गहराई है. जैसे-जैसे गिरगांव चौपाटी जाएंगे, तो गहराई कम होती जाएगी. यह भारत की पहली सबसे बड़े 12 मीटर व्यास की सुरंग है. एक साइड का टनल पूरा हो गया है, दूसरी साइड का भी कुछ दिन में हो जाएगा.

सुरंग के बाद सफर शुरू होगा समुद्र पाटकर बनाई जा रही सड़क पर. महालक्ष्मी मंदिर के पीछे से होती हुई सड़क हाजी अली के सामने से वर्ली की तरफ आगे बढ़ेगी. हाजी अली से लगकर यहां बड़ा इंटरचेंज है. मतलब कोस्टल  रोड से कोई बाहर शहर में जा सकता है या फिर कोस्टल रोड पर आ सकता है. इस तरह के बड़े इंटरचेंज बनाए जा रहे हैं. इसे डबलडेकर फ्लाईओवर हम कह सकते हैं.

कोस्टल रोड पर कुल तीन इंटरचेंज हैं. सुरंग से निकलने के बाद पहला अमरशन गार्डन के पास, दूसरा हाजी अली और तीसरा वर्ली में सी लिंक के पास. यहां कार पार्किंग की भी सुविधा होगी.

बीएमसी के डिप्टी चीफ इंजीनियर विजय जोरे ने कहा कि, प्रियदर्शनी पार्क से वर्ली तक का जो हिस्सा बना है वह पूरा रिक्लेमेशन के ऊपर है. जो कि 111 हेक्टेयर है. इसमें तीन इंटरचेंज हैं. लंबाई करीब साढ़े छह किलोमीटर है. इसमें 10 बस बे हैं, 16 पब्लिक अंडर पास हैं. यह लैंड स्कैपिंग का बड़ा हिस्सा है. इस पर कोई सिग्नल नही होगा. मरीन ड्राइव से वर्ली तक आठ मिनट में पहुंच जाएंगे. जबकि पुरानी सड़क से आधा घंटा लगता है. इस रोड पर कोई टोल नहीं है.

बदलती मुंबई की यह बदलती तस्वीर है. वर्ली में तेज गति से कोस्टल रोड बन रही है, साथ ही लोगों की सुविधा के लिए मनोरंजन पार्क,जॉगिंग ट्रैक ,साइकिल ट्रैक भी बनाया जा रहा है. खास तौर पर जिस तरह से हम मरीन ड्राइव पर देखते हैं, ठीक वैसी ही व्यवस्था यहां की जा रही है. 

जब कोस्टल रोड बनाने की बात उठी थी तब बहुत विरोध हुआ था. कहा जा रहा था कि समुद्र किनारे की मुंबई की सुंदरता खत्म हो जाएगी, समुद्री जीवन को भी नुकसान पहुंचेगा. मछुआरों ने भी विरोध किया था. लेकिन अब हम जब देख रहे हैं कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट वैसा आकार ले रहा है जैसा पहले सिर्फ मरीन ड्राइव का ही था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com