
- दो EPIC नंबर रखना कानूनन गैर-कानूनी है और इस पर कार्रवाई हो सकती है, जो मतदाता सुरक्षा कानून में स्पष्ट है
- डुप्लीकेट EPIC हटाने के लिए Form-7 (Objection/Deletion) ऑनलाइन भी आप जमा कर सकते हैं
- दस्तावेजों में सही EPIC विवरण, पहचान पत्र, पता प्रमाण और स्व-घोषणा शामिल करनी होती है
बिहार में चल रहे Special Intensive Revision (SIR) के बीच सबसे बड़ा सवाल लोगों के सामने है कि अगर आपके पास गलती से दो EPIC नंबर (दो वोटर-ID) हैं तो क्या करें? विपक्ष इसे “वोट चोरी” कहकर मुद्दा बना रहा है, वहीं चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि किसी का नाम बिना नोटिस, सुनवाई और कारण बताओ आदेश के नहीं काटा जाएगा. लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल है कि क्या दो EPIC रखना अपराध है? तो इसका जवाब है- हां. आइए जाने अनजाने में अगर आप भी 2 EPIC लेकर बैठे हैं तो कैसे इस समस्या से बाहर निकले, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको क्या-क्या परेशानी हो सकती है?
कानून क्या कहता है?
धारा 17 (RPA, 1950): एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्र में नाम नहीं हो सकता.
धारा 18: एक ही निर्वाचन क्षेत्र में नाम दो बार दर्ज नहीं हो सकता.
धारा 31: मतदाता सूची में नाम जोड़ने/काटने के लिए झूठा लिखित बयान देने पर एक साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
सरल भाषा में अगर इसे हम समझे तो दो EPIC/दोहरी एंट्री रखना गैर–कानूनी है. अगर यह सामने आता है तो कार्रवाई संभव है.
क्या है सही रास्ता: डुप्लीकेट एंट्री सरेंडर/डिलीट कैसे करें?
डिलीट Form-7 (Objection/Deletion) से होता है. इसके तीन आसान तरीके हैं
A) ऑनलाइन (Voters' Services Portal)
- voters.eci.gov.in पर लॉग-इन/साइन-अप करें.
- Objection/Deletion (Form-7) चुनें.
- कारण में Duplicate entry / Registered at two places चुनें.
- अपना सही EPIC बनाए रखें; जिस एंट्री को हटवाना है, उसका EPIC/विवरण भरें.
- ID प्रूफ + पता प्रमाण और छोटा Self-Declaration अपलोड करें.
- सबमिट करते ही Reference ID मिलेगा इसी से स्टेटस ट्रैक करें.
B) Voter Helpline App (सरकारी ऐप)
ऐप खोलें Services - Deletion (Form-7) - कारण Duplicate - आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड - सबमिट - Reference ID से ट्रैक करें.
C) ऑफ़लाइन (BLO/ERO के ज़रिये)
नज़दीकी ERO/तहसील/ब्लॉक कार्यालय से Form-7 लें- भरें - BLO को दें या ERO दफ़्तर में जमा करें - रसीद संभालकर रखें.
किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ेगी?
- आपका सही EPIC/एंट्री दर्शाने वाला विवरण (किसे रखना है उसे साफ- साफ़ लिखें)
- कोई एक ID: आधार/पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस आदि
- पता प्रमाण: जहाँ “सही” एंट्री रखनी है
- Self-Declaration: दूसरी एंट्री गलती से बनी है, उसे हटाना चाहते हैं (Form-7 में कॉलम होता है)
आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
BLO घर/पते पर सत्यापन करेगा.
ERO आदेश जारी करेगा: डुप्लीकेट एंट्री हट जाएगी, आपका एक EPIC वैध रहेगा.
अगर कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं तो क्या करें?
RPA धारा 24 के तहत अपील का विकल्प खुला है (राज्य के CEO कार्यालय तक अपील की जा सकती है).
सरेंडर का असली मतलब यहां जानिए
प्लास्टिक कार्ड काट देना सरेंडर नहीं है. असली काम है रोल से डुप्लीकेट एंट्री हटवाना जो सिर्फ Form-7 से होगा. मायने रोल–एंट्री का है, कार्ड का नहीं.
सरेंडर नहीं करने पर क्या-क्या हो सकता है?
- धारा 17/18 का उल्लंघन (दोहरी एंट्री)
- धारा 31 के तहत कैद/जुर्माना का खतरा है
- भविष्य में पासपोर्ट/सरकारी वेरिफ़िकेशन में दिक्कत हो सकती है.
कुछ सवाल जिसके जवाब अक्सर पूछे जाते हैं?
Q1. दो EPIC अलग–अलग राज्यों में हैं कौन सा रखें?
जहां आप सामान्य निवास हैं, अर्थात आप रहते हैं वहीं की एंट्री रखें; दूसरी को Form-7 से हटवाएं.
Q2. शहर बदला है पहले नया जोड़ूँ या पुराना हटाऊं?
पहले नए पते पर Form-6 से नाम जोड़ें, फिर पुराने पते की एंट्री Form-7 से हटवा दें. सिस्टम कई बार खुद भी पुराना स्ट्राइक–ऑफ कर देता है, लेकिन आपका Form-7 डालना रिकॉर्ड साफ़ रखता है.
Q3. स्टेटस/अपील कैसे ट्रैक करूं?
पोर्टल/ऐप की Reference ID से ट्रैक करें. नापसंद आदेश पर धारा 24 के तहत अपील कर सकते हैं.
बिहार के वोटर्स अभी क्या कर सकते हैं?
SIR के दौरान घर–घर सत्यापन हो रहा है. राजनीतिक विवाद चाहे जो हो, प्रक्रिया के हिसाब से नोटिस, सुनवाई के बिना नाम नहीं हटना चाहिए. मगर डुप्लीकेट आपके ही नाम पर जोखिम बन सकता है. इसलिए पहल आप करें, रिकॉर्ड क्लीन रखें.
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