देश के सबसे साफ शहर से बेसहारा बुजुर्गों को हटाया! कांग्रेस ने की जिम्मेदारों पर केस दर्ज करने की मांग

इंदौर में रैन बसेरा में रहने वाले बेसहारा बुजुर्गों को नगर निगम की गाड़ी शहर के बाहर छोड़ आई, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई का आदेश दिया

इंदौर:

लगातार पांचवे साल देश का सबसे साफ शहर, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला शहर इंदौर (Indore) अब एक वायरल वीडियो (Video) की वजह से सुर्खियों में है. यहां नगर निगम की गाड़ी ने शहर के बाहरी इलाके में वृद्ध बेसहारा लोगों को छोड़ दिया. इस चौंकाने वाले प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. अब कांग्रेस (Congress) चाहती है दोषियों पर एफआईआर हो. भारत के सबसे साफ शहर के रैन बसेरा में बुजुर्ग वापस लौट आए हैं. लेकिन कुछ बुजुर्गों के साथ कांग्रेस पुलिस के पास पहुंच गई. आरोप है कि वीडियो (Video) में दिख रहे कुछ लोग गायब हैं. ऐसे में दोषियों पर अपहरण का मामला दर्ज होना चाहिए.

कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि ''सबने मांग की है, जो 15 लोग थे उसमें 4 लोग मिले हैं. जो 11 हैं वो कहां हैं, उनका पता लगाया जाए. लगातार जिन लोगों को उठाया है उनको कहां रखा है. उनकी जानकारी चाहिए. हमने आईजी से शिकायत की है. जो गुम हैं, उनके अपहरण का केस दर्ज होना चाहिए. किसी की मौत हो जाती है तो 302 का केस लगना चाहिए.''

इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक हरि नारायण चारी मिश्रा ने कहा कि ''इस मामले में इन लोगों ने बताया है कि कुछ लोग नहीं पहुंचे हैं. कोशिश होगी कि उनको भी जल्द से जल्द पहुंचाया जाए. पुलिस वीडियो फुटेज देखेगी उनको ढूंढेगी. मिसिंग पर्सन का है, अगर उसमें ऐसी कोई बात है तो हम बोलेंगे तथ्यों की पड़ताल करें.''

इंदौर में शुक्रवार को शहर के बाहरी इलाके में हाईवे के किनारे बुजुर्ग बेघर लोगों को रास्ते में छोड़कर भागते हुए नगर निगम के कर्मचारी कैमरे में कैद हुए थे. क्षिप्रा इलाके में ग्रामीणों के विरोध के बाद ये कर्मचारी बुजुर्गों को वापस ले जाने के लिए तैयार हुए. इस घटना की तस्वीरें किसी को भी झकझोरने वाली हैं. एक बुजुर्ग ट्रक के कोने में पड़े हुए थे. एक बूढ़ी महिला असहाय हैं जिन्हें ट्रक पर चढ़ाया गया, वो भी विरोध के बाद. 

इस मामले में पहले तो नगर निगम यह मानने को तैयार ही नहीं था कि ऐसी कोई घटना हुई है. अतिरिक्त आयुक्त अभय राजंगांवकर ने कहा कि ''वीडियो में कर्मचारी वास्तव में बेघर लोगों को रात के तापमान से बचाने के लिए एक रैन बसेरे में ले जा रहे थे.''

लेकिन फिर मुख्यमंत्री ने फौरन कार्रवाई के आदेश दिए. उन्होंने ट्वीटर पर इसकी जानकारी भी साझा की. शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ''माननीय मुख्यमंत्री ने स्वयं उपायुक्त को निलंबित किया है. आगे कहीं इस प्रकार की कोई पुनरावृत्ति ना हो इसको लेकर हम स्पष्ट निर्देश जारी कर रहे हैं.''

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बहरहाल अब बुजुर्ग रैन बसेरा में हैं. कैमरे के सामने कम से कम प्रशासन और विपक्ष उनकी अच्छी देखभाल कर रहा है. इंदौर को मिनी बॉम्बे के रूप में जाना जाता है. शहर लगातार चार साल से देश के सबसे साफ शहर के तमगे को हासिल करता रहा है. इस साल पांचवीं बार रेस में है, लेकिन अगर इसका मतलब बुजुर्ग, बेसहारा गरीबों को शहर से साफ करना है तो शायद इससे गंदी तस्वीर और हो नहीं सकती.