- हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्रों में शून्य से नीचे तापमान गिरने से प्राकृतिक जलस्रोत जम चुके हैं और ठंड बढ़ी है
- लाहौल-स्पीति में रात के समय तापमान माइनस अठारह डिग्री से नीचे पहुंच गया है जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है
- राज्य के औसतन न्यूनतम तापमान में कमी आई है और यह सामान्य से कुछ नीचे बना हुआ है
हिमाचल प्रदेश में दिन में धूप खिलने से मैदानी व मध्य इलाकों में गर्मी का अहसास हो रहा है, वहीं उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सूखी ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. राज्य के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान तेजी से गिर रहा है और कई जगह सामान्य से नीचे माइनस में पहुंच गया है. जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में हालात और भी सख्त हैं, जहां तापमान शून्य से काफी नीचे दर्ज किया जा रहा है और प्राकृतिक जलस्रोत जम गए हैं.
ठंड से सिर्फ पहाड़ी इलाके ही नहीं, बल्कि निचले जिले भी बुरी तरह प्रभावित हैं. हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में ठंड अपने चरम सीमा पर है. हालात ऐसे हैं कि रात के समय पारा माइनस 18 डिग्री से नीचे जा रहा हैं. जनजातीय जिला लाहौल घाटी में इस समय नदी नाले और जल स्तोत्र जम गए हैं. पीने के पानी की दिक्कत बढ़ गई है. बर्फबारी होने पर किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि पारा गिरने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है.

लाहौल स्पीति के नदी-झरने जमें
दिन में तापमान माइनस 3 से माइनस 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. कड़ाके की ठंड का असर इतना गहरा है कि लाहौल स्पीति के कई नदी नाले झरने और पूरी तरह से जम चुके हैं. पानी की समस्या से लोग बदहाल है. सूखे मौसम के कारण किसान और बागवान बर्फ बारी के इंतजार कर रहे हैं.



जनजातीय क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड का असर ज्यादा है. लाहौल-स्पीति के कुकुमसेरी में माइन 6.3 डिग्री सेल्सियस, ताबो में माइनस 4.6 डिग्री और केलांग में शून्य से नीचे माइनस में तापमान बना हुआ है. किन्नौर के कल्पा में 1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. बीते 24 घंटों में राज्य के औसतन न्यूनतम तापमान में 0.2 डिग्री की कमी आई है, जबकि यह सामान्य से 0.3 डिग्री नीचे बना हुआ है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं