विज्ञापन

PLI स्कीम का असर: भारत से निर्यात होने वाली चीजों में स्मार्टफोन दूसरे नंबर पर पहुंचा: अश्विनी वैष्णव

PLI Scheme Impact : केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन-लिंक्ड (पीएलआई) स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में कंपनियों को 1,600 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया है. इसमें से 964 करोड़ रुपये भारत में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कर रही कंपनियों को जारी किए हैं.

PLI स्कीम का असर: भारत से निर्यात होने वाली चीजों में स्मार्टफोन दूसरे नंबर पर पहुंचा: अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि PLI स्कीम ने वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता में इजाफा किया है.
नई दिल्ली:

केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री, अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने गुरुवार को कहा कि देश के निर्यात में स्मार्टफोन अब दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. यह चार साल पहले 14वें पर था. भारत द्वारा स्मार्टफोन का निर्यात (Smartphone Export) बढ़ना प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme) का परिणाम है, जिसमें सरकार घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, "देश के निर्यात में स्मार्टफोन दूसरी रैंक पर है. चार साल पहले यह 14वें नंबर पर था. यह पीएलआई स्कीम का बड़ा माइलस्टोन है."

PLI स्कीम ने वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता में किया इजाफा

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि पीएलआई स्कीम ने वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता में इजाफा किया है. इससे स्किल बढ़ने के साथ बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं. अश्विनी के मुताबिक, देश में इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है. यह सेक्टर विश्व के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है.भारत के शीर्ष पांच निर्यातों में अब मोटर वाहन डीजल ईंधन, स्मार्टफोन, विमानन ईंधन, हीरे और मोटर गैसोलीन शामिल हैं.

केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन-लिंक्ड (पीएलआई) स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में कंपनियों को 1,600 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया है. इसमें से 964 करोड़ रुपये भारत में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कर रही कंपनियों को जारी किए हैं.

देश का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 27.4 प्रतिशत बढ़कर 22.5 अरब डॉलर हुआ

इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स भारत के निर्यात बास्केट में सबसे तेजी से बढ़ते सेगमेंट के रूप में उभरा है. इसका कारण केंद्र की पीएलआई स्कीम की सफलता है, जिससे देश में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित हुई हैं. देश का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 2024-25 के अप्रैल-नवंबर में 27.4 प्रतिशत बढ़कर 22.5 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की इसी अवधि के दौरान यह 17.66 अरब डॉलर था.

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स शुरू होने से निर्यात में तेजी की उम्मीद

जानकारों के मुताबिक, देश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स शुरू होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में और तेजी आने की उम्मीद है.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ महीने पहले गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.यह भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत स्वीकृत की जाने वाली पांचवीं सेमीकंडक्टर यूनिट है और साणंद में स्थापित होने वाली दूसरी इकाई है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com