सेसेंक्स और निफ्टी दोनों में शुरुआती कारोबार में बढ़त देखनी को मिल रही है...
नई दिल्ली:
आज यानी बुधवार का बाजार के लिए बड़ा दिन है. सेसेंक्स और निफ्टी दोनों में शुरुआती कारोबार में बढ़त देखनी को मिल रही है. खास करके सरकारी बैकों के शेयर. वित्त मंत्री आज देश का बजट पेश करेंगे. नोटबंदी के बाद बाजार को बजट से उम्मीदें बहुत ज्यादा है. इनकम टैक्स से लेकर कॉर्पोरेट टैक्स में छूट की मांग की जा रही है. सरकारी बैकों को बैड लोन से उबारने के लिए कुछ राहतों को घोषणा मोदी सरकार कर सकती है. स्टॉक मार्केट बड़ी घोषणाओं के इंतजार में नोटबंदी के बाद हुए नुकसान से रिकवरी कर चुका है.
जेवी कैपिटल सर्विस के संजीव धवन का कहना है कि नोटबंदी से हालात अभी भी बेहतर नहीं हुए है. फीलगुड फैक्टर नदारद है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास यह अवसर है कि वे निवेशकों के रुख को ध्यान में रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दें. उन्हें कुछ बड़ी घोषणाए करनी होंगी." सरकारी बैंकों में नकदी का प्रवाह बढ़ाने और विनिवेश के रोडमैप को अगर बजट में शामिल कर लिया जाता है तो बेहतर होगा.
सरकारी बैंकों का सूचकांक एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ोदा के शेयरों में 1-2 की बढ़ोतरी के साथ 1 फीसदी की बढ़त पर कारोबार कर रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की कोई भी घोषणा होती है तो बाजार को सकारात्मक बल मिलेगा. हालांकि, अगर स्टॉक मार्केट में निवेश से प्राप्त होने वाली आमदनी पर कैपिटल गेन टैक्स लगाया गया तो बाजार नाखुश हो सकता है.
इस वर्ष रेल बजट को केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है. इसलिए रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में पूंजी के निवेश के लिए कुछ और रास्ते तलाशे जा सकते हैं. आईडीबीआई कैपिटल मार्केट एंड सिक्योरटीज के प्रमुख एके प्रभाकर का कहना है, "आगामी बजट से बाजार की उम्मीदें बहुत ज्यादा है. ऐसे में वित्त मंत्री जेटली के लिए उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना मुश्किल होगा. यदि थोड़ी से भी निराशा मिली तो बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है. यदि निफ्टी 8300 के स्तर से नीचे जाता है तो यह बहुत निचले स्तर पर चला जाएगा.
जेवी कैपिटल सर्विस के संजीव धवन का कहना है कि नोटबंदी से हालात अभी भी बेहतर नहीं हुए है. फीलगुड फैक्टर नदारद है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास यह अवसर है कि वे निवेशकों के रुख को ध्यान में रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दें. उन्हें कुछ बड़ी घोषणाए करनी होंगी." सरकारी बैंकों में नकदी का प्रवाह बढ़ाने और विनिवेश के रोडमैप को अगर बजट में शामिल कर लिया जाता है तो बेहतर होगा.
सरकारी बैंकों का सूचकांक एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ोदा के शेयरों में 1-2 की बढ़ोतरी के साथ 1 फीसदी की बढ़त पर कारोबार कर रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की कोई भी घोषणा होती है तो बाजार को सकारात्मक बल मिलेगा. हालांकि, अगर स्टॉक मार्केट में निवेश से प्राप्त होने वाली आमदनी पर कैपिटल गेन टैक्स लगाया गया तो बाजार नाखुश हो सकता है.
इस वर्ष रेल बजट को केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है. इसलिए रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में पूंजी के निवेश के लिए कुछ और रास्ते तलाशे जा सकते हैं. आईडीबीआई कैपिटल मार्केट एंड सिक्योरटीज के प्रमुख एके प्रभाकर का कहना है, "आगामी बजट से बाजार की उम्मीदें बहुत ज्यादा है. ऐसे में वित्त मंत्री जेटली के लिए उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना मुश्किल होगा. यदि थोड़ी से भी निराशा मिली तो बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है. यदि निफ्टी 8300 के स्तर से नीचे जाता है तो यह बहुत निचले स्तर पर चला जाएगा.
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