वित्त मंत्री अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017-18 के लिए आम बजट पेश करते हुए घोषणा की कि बेघरों के लिए 2019 तक एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है. मई, 2018 तक देश के शत-प्रतिशत गांवों तक बिजली पहुंच जाएगी. इसके साथ ही वर्ष 2017-18 में मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में इसके लिए 38,500 करोड़ रुपये रखे गए थे.
14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में महिला शक्ति केंद्रों के लिए 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए 2017-18 में 2,814 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2019 तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला जाएगा और 50,000 ग्राम पंचायतों को भी गरीबी मुक्त किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों का 600 जिलों तक विस्तार होगा और 100 अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्र खोले जाएंगे, जिससे लोगों को विदेशों में नौकरी में मदद मिलेगी. 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को स्वास्थ्य वेलनेस केंद्रों में बदला जाएगा.
रीयल एस्टेट क्षेत्र में सुस्ती को खत्म करने के लिए सरकार ने बजट में सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा देने की घोषणा की. इससे इस खंड में निवेश आकर्षित किया जा सकेगा. साथ ही ऐसे डेवलपर्स जिनके पास बिना बिके मकान हैं, उनके लिए भी टैक्स रियायतों की घोषणा की गई है.
सस्ते मकानों को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने धारा 80-आईबीए में भी संशोधन का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत टैक्स कटौती के दावे के लिए परियोजना को तीन साल में पूरा करने की शर्त में ढील देकर इसे पांच साल कर दिया गया है.
14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में महिला शक्ति केंद्रों के लिए 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए 2017-18 में 2,814 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2019 तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला जाएगा और 50,000 ग्राम पंचायतों को भी गरीबी मुक्त किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों का 600 जिलों तक विस्तार होगा और 100 अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्र खोले जाएंगे, जिससे लोगों को विदेशों में नौकरी में मदद मिलेगी. 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को स्वास्थ्य वेलनेस केंद्रों में बदला जाएगा.
रीयल एस्टेट क्षेत्र में सुस्ती को खत्म करने के लिए सरकार ने बजट में सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा देने की घोषणा की. इससे इस खंड में निवेश आकर्षित किया जा सकेगा. साथ ही ऐसे डेवलपर्स जिनके पास बिना बिके मकान हैं, उनके लिए भी टैक्स रियायतों की घोषणा की गई है.
सस्ते मकानों को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने धारा 80-आईबीए में भी संशोधन का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत टैक्स कटौती के दावे के लिए परियोजना को तीन साल में पूरा करने की शर्त में ढील देकर इसे पांच साल कर दिया गया है.
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