
- भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने धमकाने के आरोप लगाए हैं.
- राहुल गांधी ने जिन कृषि कानूनों के आधार पर आरोप लगाए हैं, वे अरुण जेटली के निधन के बाद अस्तित्व में आए थे.
- रोहन जेटली ने राहुल गांधी के आरोपों पर कहा कि उनके पिता लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और संवाद में विश्वास रखते थे.
भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने धमकाने के आरोप लगाए हैं. हालांकि राहुल गांधी के दावों पर सवाल उठ रहे हैं और इसका कारण है कि जिन कृषि कानूनों को आधार बनाकर राहुल गांधी ने जेटली पर उन्हें धमकाने के आरोप लगाए हैं, उनका अस्तित्व ही जेटली के निधन के बाद सामने आया. हालांकि राहुल गांधी ने आज जो दावा किया है कुछ वैसी ही बात उन्होंने पिछले साल अपने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर 17 मार्च को मुंबई में आयोजित रैली में भी की थी.
कांग्रेस के एक कार्यक्रम में आज राहुल गांधी ने “अरुण जेटली वाले किस्से” में भूमि अधिग्रहण बिल की जगह कृषि कानूनों का जिक्र कर कह दिया कि जेटली को धमकी देने के लिए भेजा गया और उन्होंने कहा कि आपने कृषि कानूनों के खिलाफ मुहिम बंद नहीं की तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी. हालांकि उस वक्त राहुल गांधी ने दावा किया था कि अरुण जेटली ने उनसे भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध नहीं करने को लेकर आगाह किया था कि "भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ बोलोगे तो आपके ऊपर केस दर्ज करेंगे".
विवाद के बाद कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि आज राहुल गांधी ने अपने भाषण में जब “कृषि कानून” की बात कही तो उसका मतलब “भूमि अधिग्रहण कानून” से ही था. राहुल गांधी पहले भी ये बात कह चुके हैं.
राहुल गांधी पर अरुण जेटली के बेटे का हमला
दूसरी तरफ बीजेपी अब राहुल गांधी के बयान को बेबुनियाद बताकर हमलावर है. अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने भी राहुल गांधी के बयान पर तीखा एतराज जताते हुए कहा कि पहली बात तो यही है कि राहुल गांधी जिन कानूनों की बात कर रहे हैं, वो जेटली के निधन के बाद आए हैं. दूसरी बात यह है कि वे लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और संवाद में विश्वास रखते थे.
बहरहाल कांग्रेस राहुल गांधी के मुंबई वाले बयान के जरिए सोशल मीडिया पर बीजेपी का काउंटर कर रही है. तथ्य जो भी हों लेकिन ये सवाल तो है कि जो व्यक्ति अपना बचाव करने के लिए जीवित नहीं है उसपर आरोप लगाना कितना सही है.
24 अगस्त 2019 को हो गया था जेटली का निधन
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 को हो गया था. कृषि कानून का मसौदा मोदी कैबिनेट के सामने तीन जून 2020 लाया गया था. पहले इस पर अध्यादेश लाया गया और बाद में संसद से पारित होने के बाद यह कानून बना. ये वही तीन कृषि कानून थे, जिनके के खिलाफ पंजाब के किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमा पर साल भर आंदोलन किया जिसके बाद मोदी सरकार ने इन कानूनों को वापस ले लिया था.
इससे पहले 2015 में पीएम मोदी ने अपनी ही सरकार द्वारा लाए गए जमीन अधिग्रहण से जुड़े अध्यादेश को समाप्त करने का एलान किया था. ये अध्यादेश राहुल गांधी की पहल पर यूपीए सरकार द्वारा 2013 में बनाए गए जमीन अधिग्रहण कानून में कुछ संशोधन के लिए लाया गया था, लेकिन विपक्ष और किसान संगठनों के विरोध के बाद सरकार ने अपने कदम खींच लिए थे.
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