सांकेतिक तस्वीर
चेन्नई:
आगामी आम बजट को देखते हुए बीमा कंपनियों की चाहत है कि एक व्यक्ति द्वारा मकान और घरेलू संपत्तियों के बीमे के लिए भरे जाने वाले प्रीमियम पर टैक्स छूट की व्यवस्था हो और टेक्निकल रिजर्व के गैर-कराधान प्रावधान को और स्पष्ट किया जाए। यह बात उद्योग संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव आर. चंद्रशेखरन ने रविवार को आईएएनएस से कहा, 'संपत्ति बीमा का बाजार बढ़ाने के लिए और मुआवजे पर सरकारी खर्च घटाने के लिए प्राकृतिक आपदा के ऐवज में संपत्ति बीमा के प्रीमियम को कर छूट के योग्य बनाया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'बीमा योजना टैक्स के दायरे में आने से सरकार की आय बढ़ेगी, इसलिए टैक्स आय में मामूली गिरावट ही आएगी।' उन्होंने कहा, 'दूसरी ओर इसका लाभ यह होगा कि देश की संपत्ति की सुरक्षा होगी और सरकार को भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मुआवजे पर कम भुगतान करना होगा।'
उद्योग की यह भी मांग है कि बीमा कंपनियों के टेक्निकल रिजर्व पर सरकार कानूनी स्थिति स्पष्ट करे। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा है कि इस पर टैक्स छूट होनी चाहिए।
चंद्रशेखरन ने कहा, 'स्थिति हालांकि स्पष्ट है, लेकिन कई मामलों में व्याख्या संबंधी मुद्दे के कारण कंपनियों को टैक्स अधिकारियों को स्पष्टीकरण देने में समय और कोशिशें बर्बाद करनी होती हैं। यदि टेक्निकल रिजर्व के कराधान पर स्पष्ट वैधानिक निर्देश जारी हो जाए, तो वह ज्यादा अच्छा होगा।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव आर. चंद्रशेखरन ने रविवार को आईएएनएस से कहा, 'संपत्ति बीमा का बाजार बढ़ाने के लिए और मुआवजे पर सरकारी खर्च घटाने के लिए प्राकृतिक आपदा के ऐवज में संपत्ति बीमा के प्रीमियम को कर छूट के योग्य बनाया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'बीमा योजना टैक्स के दायरे में आने से सरकार की आय बढ़ेगी, इसलिए टैक्स आय में मामूली गिरावट ही आएगी।' उन्होंने कहा, 'दूसरी ओर इसका लाभ यह होगा कि देश की संपत्ति की सुरक्षा होगी और सरकार को भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मुआवजे पर कम भुगतान करना होगा।'
उद्योग की यह भी मांग है कि बीमा कंपनियों के टेक्निकल रिजर्व पर सरकार कानूनी स्थिति स्पष्ट करे। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा है कि इस पर टैक्स छूट होनी चाहिए।
चंद्रशेखरन ने कहा, 'स्थिति हालांकि स्पष्ट है, लेकिन कई मामलों में व्याख्या संबंधी मुद्दे के कारण कंपनियों को टैक्स अधिकारियों को स्पष्टीकरण देने में समय और कोशिशें बर्बाद करनी होती हैं। यदि टेक्निकल रिजर्व के कराधान पर स्पष्ट वैधानिक निर्देश जारी हो जाए, तो वह ज्यादा अच्छा होगा।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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