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This Article is From Jan 14, 2019

सूरत की गठरियों में लागा चोर, मुसाफिर जाग ज़रा, 200 करोड़ की चोरी के विरोध में कपड़ा मार्केट बंद

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जनवरी 14, 2019 01:22 am IST
    • Published On जनवरी 14, 2019 01:22 am IST
    • Last Updated On जनवरी 14, 2019 01:22 am IST

सूरत के राधा कृष्ण कपड़ा बाज़ार में चोरी को लेकर हंगामा मचा हुआ है. राधा कृष्ण कपड़ा मार्केट भारत का सबसे बड़ा कपड़ा बाज़ार माना जाता है. यहां पर कपड़े की पांच-छह हज़ार दुकानें हैं. जब से यहां पिछले कई रविवार को डुप्लीकेट चाबी की मदद से माल चोरी की घटना सामने आई है, व्यापारियों के होश उड़े हुए हैं. सब अपने माल का स्टॉक चेक कर रहे हैं और सीसीटीवी की रिकार्डिंग देख रहे हैं. सारी दुकानों में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं और जिनके यहां हैं, बहुतों के पास नाइट विज़न नहीं हैं. पिछले रविवार को जब चार दुकानों में चोरी की घटना सामने आई तब से लेकर 20 व्यापारी एफआईआर दर्ज करा चुके हैं. सीसीटीवी कैमरे का तीन महीने से ज़्यादा का बैकअप नहीं होता है इसलिए चोरी का सही अंदाज़ा मिलना मुश्किल है.

अभी तक सौ से अधिक दुकानों में चोरी की बात सामने आई है. एक दुकान से एक बार में पांच से सात लाख का माल पार कर देता है. चोर उस दुकान को दोबारा टार्गेट नहीं करता है. यह सारी जानकारी सूरत के कपड़ा व्यापारियों ने फोन पर दी है. उनका कहना है कि चोरी पिछले कई रविवार से हो रही है. हर रविवार को 40-50 दुकानों से माल पार कर सूरत के ही दूसरे इलाके के गोदाम में रखा जाता है. अगर कीमत का अंदाज़ा करें तो अब तक 200 करोड़ से अधिक का माल चोरी होने की आशंका है. रविवार को माल चोरी कर मार्केट में ही रखा जाता था. फिर सोमवार को निकाला जाता था. क्योंकि बाज़ार का नियम है कि रविवार को बंद रहता है. किसी को दुकान खोलनी होती है तो विशेष अनुमति और फीस देकर शाम चार बजे तक ही खोल सकता है. उसके बाद मार्केट खाली करना पड़ता है. ज़ाहिर है चोरी उसके बाद ही होती है.

पुलिस जांच कर रही है. दो गोदाम भी पकड़े हैं जहां चोरी का माल छिपा कर रखा गया है. चोर पकड़ा जाएगा, इसका आश्वासन दिया जा रहा है. मगर व्यापारियों को मार्केट प्रबंधन पर ही शक है. फेडरेशन ऑफ टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (फोस्टा) की आलोचना हो रही है. बग़ैर उनकी जानकारी के रविवार को शाम चार बजे के बाद ये चोरियां कैसे होती रही हैं. रविवार को मार्केट से माल बाहर नहीं जा सकता तो मार्केट में ही रखा जाता होगा. इस संगठन में राजनीतिक संगठनों के आगे कमज़ोर पड़ जाने का आरोप लग रहा है. चोरी से पहले सीसीटीवी और इंटरनेट बंद होने की बात सामने आ रही है. इंटरनेट चालू होता तो व्यापारी अपने मोबाइल फोन पर दुकान की तस्वीरें देखते रहते. मगर बंद हो जाने से संपर्क टूट गया. यही नहीं व्यापारी जब चोरी की शिकायत करने जाते हैं तब पुलिस भी सहयोग नहीं करती है.

चोरी के विरोध में कपड़ा व्यपारियों ने बंद की दुकाने
चोरी के विरोध में कपड़ा व्यपारियों ने बंद की दुकाने

सूरते के व्यापारियों का कहना है कि वे आए दिन तरह तरह की चोरियों से परेशान रहते ही हैं मगर जब से इस तरह की चोरी की घटना सामने आई है, उनके होश उड़ गए हैं. इसलिए व्यापारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. मार्केट को बंद रखा है. आज चौथे दिन भारत का सबसे बड़ा कपड़ा मार्केट बंद है. मीडिया में इसे कानून व्यवस्था का प्रश्न नहीं बनाया जाएगा. बिहार यूपी होता तो हंगामा हो रहा होता. लेकिन गुजरात है तो 200 करोड़ की चोरी भी सामान्य हो जाती है. इन ख़बरों की स्थानीय अखबारों में ख़ूब चर्चा है मगर उसे चर्चा कौन मानता है. करोड़पति व्यापारी हैरान हैं कि उनकी भी समस्या के लिए गोदी मीडिया में जगह नहीं है. वे मुझसे कह रहे हैं कि मैं कुछ करूं. मैं अकेला क्या क्या करूं.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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