तालाबंदी में तरह तरह से छूट दी जा रही है. गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों को ठीक से देखें और समझें. अलग अलग ज़िला प्रशासन रेड, ग्रीन या आरेंज ज़ोन के हिसाब से निर्णय ले रहा है. उनके ट्विटर हैंडल पर जाकर देखें और नियमों को समझें.
दूसरा यह बात ध्यान में रखें और अपनी आदत का हिस्सा बना लें कि जब भी बाहर निकलें मास्क लगाएँ. दो गज दूरी या छह फ़ीट की दूरी बनाए रखें. हाथ साफ़ रखें. बाहर से घर आकर कपड़ा बदलें. चेहरे को साफ़ करें. चेहरे को स्पर्श करना छोड़ दें. हाथ मिलाने की प्रथा को अलविदा कह दें. कोई हाथ बढ़ाए तो निःसंकोच कह दें कि इसकी ज़रूरत नहीं. बग़ैर इसके आपका स्वागत है और आपसे मिलकर ख़ुशी हुई. नमस्ते और आदाब से संक्षिप्त और सुरक्षित कुछ
भी नहीं.
यह संभव है कि आपको लगे कि अब कुछ नहीं होगा. कितना ये सब करें. जब भी ऐसा लगे तभी ये समझें कि यही सब करना ही है. याद दिलाते रहना है. थोड़ा थोड़ा करके नियमों को नहीं तोड़ना है.
दूसरों को भी याद दिलाना है. लेकिन प्यार से. इसके नाम पर न तो आतंकित होना है और न किसी को आतंकित करना है.
इस अनुशासन का पालन अब आपको करना है. सरकार देखे या न देखे. यह न समझें कि कोई पुलिस वाला नहीं देख रहा है तो आप फिर से ढिलाई कर सकते हैं. इन नियमों का पालन ऐसे कीजिए कि पुलिस वाले को देखने की ज़रूरत ही न पड़े. पुलिस के लिए नहीं खुद के लिए, अपने परिवार और समाज के लिए करें.
कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं है. नई दुनियादारी ही दवा है. खाँसी सर्दी से बचें. इसके लिए क्या करना चाहिए डॉक्टर से सलाह लें. शरीर को फ़िट रखने का नियमित अभ्यास करें. मैं भी योग करता हूँ और आप भी नियमित योग करें. बहुत लोग ग़लत तरीक़े से योग करते है. उन्हें लगता है कि वे योग कर रहे हैं. अधिकांश लोग प्राणायाम ग़लत तरीक़े से करते हैं. इसलिए भ्रम से निकलें और सही से योग करें. बहुत फ़िट व्यक्ति को भी कोरोना हो सकता है लेकिन फ़िट रहेंगे तो आत्मविश्वास बना रहेगा कि आप सामना कर लेंगे.
फिर से. तालाबंदी खुलेंगी इसका मतलब यह नहीं कि सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा. ऐसा अब नहीं होगा.
अच्छी बात है कि भारत में कोविड-19 की संख्या कम है. ठीक है कि टेस्ट को लेकर सवाल उठते हैं मगर ध्यान रहे कि संख्या बढ़ ही रही है. तो जो भी लोग काम करने बाहर निकलेंगे वो नियमों का पालन करते रहेंगे. याद रखिए कौन आपके क़रीब आया था, आप किस किस के क़रीब गए थे?
अगर ज़रा भी संख्या में तेज़ी आई तो फिर से तालाबंदी के अलावा कोई रास्ता नहीं. हम एक चक्र में फँस चुके है.
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