लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने एक बड़ा चुनावी वादा किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो देश के सभी गरीबों को न्यूनतम आमदनी की गारंटी दी जाएगी. उन्होंने यह ऐलान छत्तीसगढ़ में किया. कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार हर गरीब व्यक्ति को हर महीने 1500 से 1800 रुपए सीधे बैंक खाते में दिए जा सकते हैं. यह बहुत बड़ा वादा है जिससे कांग्रेस की चुनावी तस्वीर बदल सकती है. कुछ ऐसा ही वादा राहुल की दादी इंदिरा गांधी ने किया था. उन्होंने अपने खिलाफ लामबंदी के इंदिरा हटाओ नारे के बदले गरीबी हटाओ का नारा दिया था. उनके बेटे और राहुल के पिता राजीव गांधी ने भी गरीबी हटाओ का नारा दिया था. अब राहुल गांधी कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार बनी तो कोई भी गरीब भूखा नहीं सोएगा.
तो आखिर यह न्यूनतम आमदनी गारंटी है क्या. 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका जिक्र किया था. इसे यूनीवर्सल बेसिक इनकम भी कहा जाता है. इसके तहत एक तय सीमा से कम आमदनी वालों को हर महीने सीधे बैंक खाते में एक तयशुदा रकम दिए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन यह साफ नहीं था कि यह मौजूदा सब्सिडी के साथ ही दी जाएगी या फिर उसकी जगह. दिलचस्प बात यह है कि तब आर्थिक सर्वेक्षण में इस प्रस्ताव पर गंभीर चर्चा की जरूरत बताई गई थी लेकिन पिछले दो साल में सरकार में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई. न तो यूनीवर्सल बेसिक इनकम के बारे में बाद के किसी आर्थिक सर्वेक्षण में जिक्र आया और न ही बजट में.
अब जबकि मोदी सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट एक फरवरी को पेश करने जा रही है, उसे लेकर कई तरह के कयास हैं. कहा जा रहा है कि उसमें किसानों के लिए शून्य ब्याज दर पर कर्ज या फिर प्रति एकड़ प्रति फसल के हिसाब से तयशुदा रकम दी जा सकती है. मिडिल क्लास को आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने की भी अटकल है और सूक्ष्म, लघु और मंझौले उद्योग के लिए कोई पैकेज घोषित होने की भी बात. एक अटकल यह भी थी कि मोदी सरकार गरीबों के लिए यूनीवर्सल बेसिक इनकम का ऐलान करेगी. पर राहुल गांधी ने उससे पहले ही इसका ऐलान कर एक बड़ा दांव चल दिया है. वो भी ऐसे वक्त में जब मोदी सरकार उन रिपोर्ट पर अपनी पीठ थपथपा रही है जिनमें कहा गया है कि पिछले पांच साल में देश में गरीबों की संख्या कम हुई है.
जाहिर है बीजेपी को अब तुरंत ही कांग्रेस के वादे की काट ढूंढनी होगी. बजट को लेकर उम्मीदें बहुत ज्यादा बढ़ा दी गई हैं. बीजेपी के कुछ नेता कह चुके हैं कि अंतरिम बजट जैसी कोई चीज़ नहीं होती और एक फरवरी के बजट में सबके लिए कुछ न कुछ जरूर होगा. उधर, बीजेपी यह भी कह रही है कि कांग्रेस के चुनावी वादों का क्या हश्र हुआ यह अभी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में देखा गया जहां किसानों के कर्ज माफी का कांग्रेस ने वादा किया था लेकिन मप्र में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं. किसी किसान का 13 रुपए का कर्ज माफ हुआ तो किसी का 100 रुपए का. कांग्रेस का न्यूनतम आमदनी की गारंटी का वादा भी इसी कसौटी पर कसा जाएगा. तो सवाल है कि क्या राहुल गांधी ने बीजेपी को क्लीन बोल्ड कर दिया है? क्या बजट में बीजेपी कांग्रेस के इस दांव का जवाब दे पाएगी?
(अखिलेश शर्मा NDTV इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं)
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