गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की लगातार बिगड़ती बियत के बाद बीजेपी ने यह फैसला किया है कि अब वह गोवा में एक नया मुख्यमंत्री बनाएगी. उसने अपने सरकार के बहुमत के लिए कांग्रेस के दो विधायकों का भी इस्तीफा भी करा दिया. गोवा जैसे छोटे से राज्य में अपनी सरकार बनवाने के लिए इतनी बड़ी मशश्कत करना यह दिखाता है कि बीजेपी छोटे से छोटे राज्य में अपनी सरकार बनवाने को लेकर कितनी गंभीर है. बीजेपी ने यही फॉर्मूला उत्तर पूर्व के कई राज्यों में अपनाया जहां बीजेपी के विधायकों की संख्या काफी कम है, मगर जोड़-तोड़ करके उन्होंने सरकार बनाई, यानी किसी भी हालत में किसी और पार्टी को सरकार नहीं बनाने देना है भले ही बीजेपी को उस राज्य में बहुमत न हो या वह सबसे बड़ी पार्टी भी न हो. अब जरा गोवा के हालात को देखें. जो आंकडे़ चुनाव बाद आए थे, उसमें 40 की विधानसभा में कांग्रेस के पास 16 और बीजेपी के पास 14 विधायक थे, मगर उसने एमजेपी के 3, गोवा पीपुल्स पार्टी के 3 और 3 निर्दलीय की मदद से सरकार बना ली. मगर इन सभी दलों ने एक ही शर्त्त रखी थी कि मनोहर पर्रिकर ही मुख्यमंत्री होंगे, तभी पर्रिकर को केंद्र में से रक्षामंत्री के पद से हटाकर गोवा भेजा गया.
इसके बाद जब पर्रिकर बीमार हुए तो बीजेपी ने कई बार वहां पर मुख्यमंत्री बदलने की कोशिश की मगर सफल नहीं हो पाई, क्योंकि मुख्यमंत्री के नाम पर उनके अपनी पार्टी में ही एक राय नहीं थी और सहयोगी भी नहीं मान रहे थे. इसलिए अस्पताल में भर्ती मुख्यमंत्री के नाम पर बीजेपी गोवा में राज करती रही. मगर अब ऐसे हालात बन गए हैं कि बीजेपी को पर्रिकर का विकल्प ढूंढ़ना ही पड़ रहा है तो बीजेपी ने साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडे अपनाने का सहारा लिया. ऑपरेशन गोवा के तहत गोवा के दो कांग्रेस विधायक को दिल्ली बुलाया गया उनसे इस्तीफा दिलवाया गया. कांग्रेस के दयानंद सोते और सुभाष शिरोडकर दिल्ली आकर बीजेपी में शामिल हो गए. अब गोवा के आंकड़ों को देखें तो 40 की गोवा विधानसभा में 2 कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, मतलब विधानसभा में सदस्य बचे 38. बीजेपी के आंकड़ों को देखें तो उनके 14, एमजीपी के 3, गोवा पीपुल्स पार्टी के 3 और 3 निर्दलीय विधायकों को मिला दें तो उसके पास बहुमत से अधिक विधायक होंगे. बता दें कि सोपते ने पिछले चुनाव में गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर को हराया था.
गोवा में यदि बीमार विधायकों को देखें तो कई और लोग हैं जैसे पांडुरंग मडगईकर को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और वो अपना इलाज करवा कर कुछ दिन पहले ही लौटे हैं. फ्रांसिस डिसूजा का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है, एमजेपी के सुदीन धावलेकर भी अपना इलाज करवा कर आए हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि बीजेपी का मुख्यमंत्री कौन होगा. जो नाम सबसे आगे चल रहा है उसमें विश्वजीत राणे का नाम सबसे आगे है. विश्वजीत ने सारी जिंदगी कांग्रेस में गुजारी और मन ही मन मुख्यमंत्री बनने का सपना दिल में पालते रहे. उनके पिता प्रताप सिंह राणे गोवा के चार बार मुख्यमंत्री रहे और अभी भी कांग्रेस से विधायक हैं. विश्वजीत को जब लगा कि कांग्रेस में उनका कोई चांस नहीं है तो उन्होंने पाला बदल लिया और बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी को भी यह सही बैठता था और अब तय है कि ऑपरेशन कमल के तहत गोवा में बीजेपी की सरकार बनने वाले हैं.
कुछ इसी तरह ऑपरेशन कमल के तहत कर्नाटक में भी बीजेपी ने सरकार बनाने की कोशिश की थी. उस चक्कर में राज्यपाल के पद की गरिमा पर भी दाग लगाया. उसी चक्कर में बीजेपी ने अपने से धुर विरोधी पीडीपी से हाथ मिलाकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाई जो चल नहीं पाई और अपने विरोधावासों के तले गिर गई. मगर गोवा में वह सफल हो गई. अब इंतजार कीजिए किसी नए राज्य के लिए जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच फासला कम हो और एक और ऑपरेशन कमल किया जाए.
मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...
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This Article is From Oct 16, 2018
ऑपरेशन कमल इन गोवा...
Manoranjan Bharati
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Updated:अक्टूबर 16, 2018 19:47 pm IST
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Published On अक्टूबर 16, 2018 19:45 pm IST
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Last Updated On अक्टूबर 16, 2018 19:47 pm IST
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