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This Article is From May 04, 2023

जयशंकर, लॉवरोव ने भारत-रूस संबंधों की समीक्षा की, एससीओ, जी- 20, ब्रिक्स पर भी हुई चर्चा 

दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की बैठक से इतर एक ‘‘तटीय रिसॉर्ट’’ में हुई. रूसी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने अंतर्देशीय संबंधों को लेकर एक निष्पक्ष बहुध्रुवीय व्यवस्था का निर्माण करने की दिशा में प्रयास जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.

जयशंकर, लॉवरोव ने भारत-रूस संबंधों की समीक्षा की, एससीओ, जी- 20, ब्रिक्स पर भी हुई चर्चा 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लॉवरोव के साथ दोनों देशों के ‘खास और विशेषाधिकार युक्त' रणनीतिक साझेदारी की व्यापक समीक्षा की. दोनों नेताओं की यह बैठक यूक्रेन संकट को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में हुई.

दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की बैठक से इतर एक ‘‘तटीय रिसॉर्ट'' में हुई. रूसी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने अंतर्देशीय संबंधों को लेकर एक निष्पक्ष बहुध्रुवीय व्यवस्था का निर्माण करने की दिशा में प्रयास जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.

रूसी विदेश मंत्री लॉवरोव एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आज सुबह गोवा पहुंचे. एक दिन पहले ही रूस ने यूक्रेन पर क्रेमलिन पर हमला करने और राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की हत्या करने का असफल प्रयास करने का आरोप लगाया था. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव के साथ हमारे द्विपक्षीय, वैश्विक और बहुपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा की. एससीओ की भारत की अध्यक्षता को समर्थन देने के लिए रूस का आभार जताया. साथ ही एससीओ, जी20 और ब्रिक्स से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा की.''

रूसी बयान के अनुसार, दोनों विदेश मंत्रियों ने हमारे ‘खास और विशेषाधिकार युक्त' रणनीतिक गठजोड़ के मुख्य क्षेत्रों में सहयोग की सराहना की. इसमें कहा गया है, ‘‘ द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास आधारित विचारों का आदान-प्रदान और ज्वलंत वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दे एजेंडा में रहे जिसमें आने वाले दिनों में सम्पर्क का कार्यक्रम शामिल है.''

इसमें कहा गया है, ‘‘एससीओ, जी20 और ब्रिक्स सहित महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारे संवाद के ढांचे के बारे में साझा पहल विकसित करने को लेकर समन्वय को मजबूत बनाने के इरादे की पुष्टि हुई.''

सूत्रों ने बताया कि जयशंकर और लॉवरोव ने वैश्विक भू-राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में अपने द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा की.  यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दोनों के बीच बातचीत के दौरान कारोबार से जुड़े मुद्दे उठे या नहीं.

भारत व्यापार असंतुलन से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के विषय को रूस के समक्ष उठाता रहा है जो अभी मास्को के पक्ष में है. पिछले कुछ महीने में व्यापार असंतुलन रूस के पक्ष में और झुक गया है क्योंकि यूक्रेन संकट के आलोक में भारत ने रूस से सस्ती दर पर कच्चे तेल की खरीद को बढ़ाया है. एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है और यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा है.

एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन में की थी. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे.

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