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This Article is From Mar 02, 2020

रेल मंत्री जी को कोई जगा सकता है तो प्रभु राम ही, नहीं तो परीक्षा का काम तमाम ही समझें

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मार्च 02, 2020 18:39 pm IST
    • Published On मार्च 02, 2020 18:36 pm IST
    • Last Updated On मार्च 02, 2020 18:39 pm IST

पिछले साल 28 फ़रवरी को रेलवे ने 35000 भर्ती का विज्ञापन निकाला. 500 रुपये देकर फार्म भरे हुए एक साल हो गए हैं. अभी तक परीक्षा नहीं हुई है. यही नहीं उसके पहले लोको पायलट की जो परीक्षा हुई थी, उसकी भी प्रक्रिया समाप्त नहीं हुई है. कई लोगों की नियुक्तियां नहीं हुई हैं.

हैरानी की बात है कि जब NTPC की परीक्षा फार्म भरने वाले ट्विटर पर ट्रेंड कराने गए तो दस हज़ार ट्वीट भी नहीं करा पाए. जबकि दावा करते हैं कि दो करोड़ लोगों ने फार्म भरे हैं. इससे ज़्यादा तो सांप्रदायिक चीजों को ट्रेंड कराने के लिए लोग ट्वीट कर देते हैं.

आप ट्रेंड की भाषा देखिए. जो पीड़ित है वो भी टिक टॉक की भाषा बोल रहा है. इमेज के ज़रिए अपना मज़ाक़ बना रहा है. अपनी तकलीफ़ को मस्ती का फ़ार्मूला बना रहा है. आईटी सेल के पास जाना चाहिए. वे लोग ही बताएंगे कि कैसे ट्रेंड कराया जाता है और खबरों से होते हुए मंत्री तक पहुंचा जाता है. आज कल जिसे देखिए राम नाम की माला जप रहा है तो आप भी जपें और देखें कि गोयल साहब पर असर होता है कि नहीं.

आप पत्र पढ़ें...

नमस्कार सर, मैंने RRB NTPC का फॉर्म भरा था जिसके अंतर्गत 35000 बहाली का विज्ञापन आया था. 31 मार्च 2019 को आवेदन करने की आखिरी तारीख थी. 1 साल होने को है. अभी तक परीक्षा का कोई अता पता नहीं है. करीब डेढ़ करोड़ बच्चों ने आवेदन किया था. सर मैं चाहता हूं कि इस मसले को आप अपने प्राइम टाइम शो में उठाएं. 2 दिन पहले हमलोगों ने ट्विटर के माध्यम से आवाज़ उठाई थी.

युवाओं की आवाज़ समाप्त हो चुकी है. अब एक ही आवाज़ें हैं. हिन्दू मुस्लिम आवाज़. सैकड़ों वेबसाइट बने हैं हम जैसों के बारे में अफ़वाह उड़ाने के लिए. ज़्यादातर युवा इनकी चपेट में हैं. उन्हें इनसे भी कहना चाहिए कि उनकी नौकरी की आवाज़ उठाएं. इस पोस्ट के कमेंट से साबित हो जाएगा कि दो करोड़ फार्म भरने वालों का कोई वजूद नहीं है. या तो वे गाली देने वालों के बीच के हैं या फिर उनमें साहस नहीं बचा है जवाब देने के लिए. इस पोस्ट की शेयरिंग भी बताएगी कि युवा जो कहता है कि दो करोड़ है दरअसल ज़ीरो हो चुका है.

आप शेयरिंग की संख्या से चेक कर सकते हैं.

क्या हम मान लें कि दो करोड़ युवाओं में से दस हज़ार के पास ही ट्विटर खाता है और नेट कनेक्शन है?

यही कारण था कि मैंने नौकरी सीरीज़ बंद कर दी.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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