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बिहार में बाघ का आतंक, महिला को जिंदा चबा गया, सिर्फ पैर का एक टुकड़ा ही मिला

घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. रेंजर सत्यम सोनू ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आसपास के इलाके में बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.

बिहार में बाघ का आतंक, महिला को जिंदा चबा गया, सिर्फ पैर का एक टुकड़ा ही मिला
बिहार में बाघ ने ली महिला की जान.
  • बिहार के पश्चिम चंपारण के सोनबरसा गांव में बाघ ने 50 वर्षीय महिला उमछी देवी को मौत के घाट उतार दिया.
  • महिला मवेशी चराने जंगल के पास थी जब बाघ ने उस पर हमला किया और उसे जंगल की ओर खींच ले गया.
  • वन विभाग की टीम ने घटना की जांच शुरू कर दी है और बाघ की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
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पश्चिम चंपारण:

बिहार के पश्चिम चंपारण में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) से सटे गौनाहा प्रखंड में बाग का आतंक देखा जा रहा है. सोनबरसा गांव में बाघ ने 50 साल की महिला को मौत के घाट (Bihar Tiger Attacked Women) उतार दिया. मृतका की पहचान सोनबरसा गांव रहने वाली उमछी देवी, पत्नी खेलावन महतो के रूप में हुई है.

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महिला को खींचकर ले गया बाघ

गुरुवार शाम करीब साढ़े चार बजे उमछी देवी गांव के उत्तर दिशा में बोटाहवा सेमर के पास जंगल के करीब मवेशी चरा रही थीं, तभी अचानक जंगल से निकला बाघ उन पर टूट पड़ा. ग्रामीणों के शोर मचाने के बावजूद बाघ महिला को खींचकर जंगल की ओर ले गया. कुछ देर बाद जब लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां महिला के फटे हुए कपड़े और एक पैर का टुकड़ा ही मिला, बाकी शरीर का कोई हिस्सा नहीं मिल सका. हमले की जगह जंगल से लगभग 500 मीटर की दूरी  बताई जा रही है.

बाघ की गतिविधियों पर रखी जा रही नजर

घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. रेंजर सत्यम सोनू ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आसपास के इलाके में बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. विभाग ने यह भी कहा कि बाघ की मूवमेंट ट्रेस करने के लिए विशेष टीम लगाई गई है, ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

खेतों और जंगल किनारे जाने से डर रहे लोग

गांव और आसपास के इलाकों में इस घटना के बाद भारी दहशत है. लोग अब खेतों और जंगल किनारे जाने से डर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार हो रहे बाघ के हमलों के बावजूद सुरक्षा के ठोस इंतज़ाम नहीं किए जा रहे. कई लोगों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि चेतावनी बोर्ड और गश्ती व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए.

 लगातार बढ़ रहा बाघ का खतरा 

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के इलाकों में पिछले कुछ महीनों से बाघ के हमले लगातार सामने आ रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि जंगल से सटे गांवों में इंसानी गतिविधि और मवेशियों की आवाजाही बाघों को आकर्षित करती है, जिससे इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं.

इनपुट- बिंदेश्वर कुमार 

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