बिहार में जातिगत जनगणना (Caste Census) का मुद्दा जोर शोर से चल रहा है. हाल ही में बिहार के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में जातिगत जनगणना कराने का आग्रह किया. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सोमवार को जाति आधारित जनगणना की मांग को दोहराते हुए कहा कि जातिगत जनगणना के बिना सामाजिक न्याय और जन उत्थान संभव नहीं होगा.
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में कहा, "जातिगत जनगणना से जो आंकड़े प्राप्त होंगे वो सरकार की आंखें खोल देंगे. बहुत से मिथक टूट जाएंगे. आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े व सशक्त नागरिकों की सही संख्या सरकार को जनोपयोगी योजनाओं का खाका तैयार करने में मदद करेगी. सामाजिक न्याय और जनउत्थान इसके बिना असंभव ही रहेगा."
जातिगत जनगणना से जो आँकड़े प्राप्त होंगे वो सरकार की आँखें खोल देंगे,बहुत से मिथक टूट जाएँगे।आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े व सशक्त नागरिकों की सही संख्या,सरकार को जनोपयोगी योजनाओं का खाका तैयार करने में मदद करेगी।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 6, 2021
सामाजिक न्याय और जनउत्थान इसके बिना असंभव ही रहेगा।#CasteCensus pic.twitter.com/mfIn7Wd9PQ
वहीं, हाल ही में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पीएम मोदी के साथ बैठक को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि सिर्फ बिहार ही नहीं सभी राज्यों से यही मांग की जा रही है. इस मुद्दे पर बिहार के सभी दल एकमत हैं. पीएम मोदी ने हम सभी की बात को ध्यान से सुना. हमने बताया कि ये राष्ट्रहित में है. हमें लगता है कि इस मांग पर केंद्र सरकार गंभीरतापूर्वक विचार करेगी.
नीतीश कुमार से पूछा गया कि केंद्र के फैसले का कब तक इंतजार करेंगे तो उन्होंने कहा कि उम्मीद है प्रधानमंत्री मोदी जातिगत जनगणना के मुद्दे पर जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व फैसला ले लेंगे.
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