 
                                            लोजपा नेता चिराग पासवान (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले को लेकर लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं सांसद चिराग पासवान ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की आरजेडी और राहुल गांधी की कांग्रेस नोटबंदी का विरोध कर रही है, ऐसे में इस कदम का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य सरकार का रुख स्पष्ट करना चाहिए.
चिराग पासवान ने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि नीतीश कुमार जहां एक ओर नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं, वहीं उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव इसका विरोध कर रहे हैं.
नीतीश कुमार के भाजपा के करीब आने और एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'नीतीशजी एनडीए गठबंधन के पुराने साथी रहे हैं. ऐसे समान विचारधारा वाले लोग अगर एनडीए में आते हैं, तो इससे एनडीए को मजबूती मिलेगी. इस बारे में निर्णय जेडीयू और भाजपा को लेना है. भाजपा जो भी निर्णय लेगी, हम उसका स्वागत करेंगे.' उन्होंने कहा कि यह दो दलों भाजपा और जेडीयू का आपसी मसला है.
बिहार में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन की सरकार के बारे में एक सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही हमारे अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा था कि यह सरकार दो-ढाई साल से अधिक नहीं चल पाएगी. अब एक साल का प्रदेश की महागठबंधन सरकार का कामकाज देखने के बाद यह स्पष्ट है कि नीतीश और लालू में कई मुद्दों पर मतभेद उभर कर सामने आए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले को क्रांतिकारी करार देते हुए जमुई से सांसद ने कहा कि नोटबंदी पर बिहार में महागठबंधन सरकार में इस मामले में एकराय नहीं है. नोटबंदी एक बहुत बड़ा फैसला है और इतने बड़े नीतिगत फैसले पर अगर जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस में एक राय नहीं बनती है, तो छोटे-छोटे फैसले पर एकराय कैसे बनेगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                चिराग पासवान ने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि नीतीश कुमार जहां एक ओर नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं, वहीं उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव इसका विरोध कर रहे हैं.
नीतीश कुमार के भाजपा के करीब आने और एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'नीतीशजी एनडीए गठबंधन के पुराने साथी रहे हैं. ऐसे समान विचारधारा वाले लोग अगर एनडीए में आते हैं, तो इससे एनडीए को मजबूती मिलेगी. इस बारे में निर्णय जेडीयू और भाजपा को लेना है. भाजपा जो भी निर्णय लेगी, हम उसका स्वागत करेंगे.' उन्होंने कहा कि यह दो दलों भाजपा और जेडीयू का आपसी मसला है.
बिहार में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन की सरकार के बारे में एक सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही हमारे अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा था कि यह सरकार दो-ढाई साल से अधिक नहीं चल पाएगी. अब एक साल का प्रदेश की महागठबंधन सरकार का कामकाज देखने के बाद यह स्पष्ट है कि नीतीश और लालू में कई मुद्दों पर मतभेद उभर कर सामने आए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले को क्रांतिकारी करार देते हुए जमुई से सांसद ने कहा कि नोटबंदी पर बिहार में महागठबंधन सरकार में इस मामले में एकराय नहीं है. नोटबंदी एक बहुत बड़ा फैसला है और इतने बड़े नीतिगत फैसले पर अगर जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस में एक राय नहीं बनती है, तो छोटे-छोटे फैसले पर एकराय कैसे बनेगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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