
- बिहार चुनाव में एनडीए के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय है, लेकिन आधिकारिक घोषणा चुनाव आयोग के बाद होगी
- चिराग पासवान सीटों की संख्या को लेकर सक्रिय हैं और वे सम्मानजनक हिस्से की मांग कर रहे हैं.
- बीजेपी और जेडीयू मिलकर लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, चिराग को 20 सीटें मिल सकती हैं.
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए के बीच अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन फॉमूर्ला तय है. बीजेपी बिहार में इस बार 'बड़े भाई' की भूमिका में नजर आ सकती है. चिराग पासवान को कितनी सीटें देगी है, इसका गणित भी तय हो गया है. सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद एनडीए में सीटों का बंटवारा कर दिया जाएगा. लेकिन सीटों के बंटवारें में इस देरी की वजह क्या है? चुनाव आयोग दशहरे के बाद अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा.
चिराग पासवान के तेवर अब भी नहीं पड़े ठंडे
सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर के पहले सप्ताह में एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना. इससे पहले प्रारंभिक दौर की बातचीत इस महीने के अंत तक होने की उम्मीद है. बता दें कि ऐसा उम्मीदवारों के ऐन वक्त पर पाला बदलने से रोकने के लिए भी किया जाएगा. एनडीए के छोटे घटक दल ज़्यादा सीटों के लिए ज़ोर आज़माइश कर रहे हैं. एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान के तेवर अब भी ठंडे नहीं पड़े हैं. चिराग के समर्थक उन्हें बिहार के अगले सीएम के तौर पर पेश कर रहे हैं. हालांकि, ख़ुद चिराग पासवान कह चुके हैं कि नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा हैं. लेकिन चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि सीट बंटवारे में सम्मान से समझौता नहीं करेंगे. इस बीच बीजेपी नेताओं का दावा है कि चिराग पासवान, पीएम मोदी को ही अपना नेता मानते हैं और वे एनडीए छोड़ कर नहीं जाएंगे. पिछला चुनाव चिराग पासवान ने अकेले लड़ा था और जेडीयू को नुक़सान पहुंचाया था.

सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार!
सूत्रों के अनुसार, बिहार में एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर फॉर्मूला तैयार है. बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा. सीटों के बंटवारे को लेकर घटक दलों में सहमति बन चुकी है. पिछले विधानसभा चुनाव के हिसाब से ही सीटों का बंटवारा होगा. हालांकि, इसमें चिराग़ पासवान को एडजस्ट करना होगा. सूत्रों के अनुसार, वे चालीस प्लस सीटें मांग रहे हैं. चिराग के लिए ज़्यादा सीटें मांगना राजनीतिक मजबूरी है, क्योंकि उन्हें अपने समर्थकों का हौसला बना कर रखना है. सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान गठबंधन के लिए ज़रूरी हैं और सीट बंटवारे में उनकी भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा. हालांकि, जेडीयू चिराग को बीस से अधिक सीटें देने के पक्ष में नहीं है.
बिहार में बड़े भाई की भूमिका में रहेगा बीजेपी
बता दें कि नीतीश कुमार के पहले रामविलास पासवान और फिर चिराग पासवान के बीच खट्टे-मीठे रिश्ते रहे हैं. पिछली बार चिराग पासवान की पार्टी ने 135 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था और केवल वे एक सीट ही जीत पाए थे. इधर बीजेपी और जेडीयू के बीच यह सहमति है कि दोनों ही दल 100-100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन जेडीयू बीजेपी से कुछ सीटें अधिक लड़ेगी, ताकि बिहार में बड़े भाई का संदेश दे सके.

बिहार में पिछले चुनाव में कौन कितनी सीटों पर लड़ा
बिहार के पिछले चुनाव में बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 74 सीटें जीती थीं, जबकि जेडीयू ने बीजेपी से पांच अधिक 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह केवल 43 सीटें ही जीत सकी थी. पिछली बार एनडीए में मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी भी थी, जिसे 13 सीटें दी गईं थीं और उसने चार सीटों पर जीत हासिल की थी. पिछले विधानसभा चुनाव में मांझी की पार्टी ने एनडीए के घटक दल के तौर पर सात सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार सीटें जीती थी. जबकि कुशवाहा का समझौता असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ था और उनकी पार्टी ने 99 सीटों पर चुनाव लड़ा था और कोई सीट नहीं जीत सके थे.
इस बार एनडीए में पांच पार्टियां हैं. बीजेपी और जेडीयू में क़रीब सौ-सौ सीटों के बंटवारे के बाद बची क़रीब चालीस सीटों में बाकी तीन पार्टियों को एडजस्ट किया जाना है. इस लिहाज़ से चिराग पासवान के खाते में 20-25 सीटें आने की बात कही जा रही है. सवाल यही है कि क्या वे इतनी कम सीटों पर तैयार होंगे, क्योंकि लोकसभा चुनाव में उन्होंने पांच सीटें जीती हैं और इसके हिसाब से उनका दावा तीस सीटों पर बनता है.
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