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बिहार चुनाव: सोनबरसा में जेडीयू ने लगातार चौथी बार दर्ज की जीत, रत्‍नेश सदा ने कांग्रेस उम्‍मीदवार को हराया

सोनबरसा सीट पर जेडीयू उम्‍मीदवार रत्‍नेश सदा ने जीत दर्ज की है. उन्‍होंने कांग्रेस की सरिता देवी को 13,454 मतों से हराया. शुक्रवार को घोषित चुनाव परिणाम में रत्‍नेश सदा को 97,833 मत मिले तो सरिता देवी को 84379 मत मिले.

बिहार चुनाव: सोनबरसा में जेडीयू ने लगातार चौथी बार दर्ज की जीत, रत्‍नेश सदा ने कांग्रेस उम्‍मीदवार को हराया
  • बिहार के सहरसा जिले की सोनबरसा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
  • जेडीयू के रत्नेश सदा ने हालिया चुनाव में कांग्रेस की सरिता देवी को तेरह हजार से अधिक मतों से हराया है.
  • सोनबरसा विधानसभा सीट पर इस बार 68.09 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
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पटना:

बिहार के सहरसा जिले की सोनबरसा विधानसभा सीट (अनुसूचित जाति आरक्षित) प्रदेश की राजनीति में एक अहम स्थान रखती है. इस सीट पर जेडीयू उम्‍मीदवार रत्‍नेश सदा ने जीत दर्ज की है. उन्‍होंने कांग्रेस की सरिता देवी को 13,454 मतों से हराया. शुक्रवार को घोषित चुनाव परिणाम में रत्‍नेश सदा को 97,833 मत मिले तो सरिता देवी को 84,379 मत मिले. वहीं तीसरे स्‍थान पर जन सुराज पार्टी के उम्‍मीदवार सत्‍येंद्र कुमार रहे. उन्‍हें 5655 मतों से संतोष करना पड़ा. बिहार चुनाव के पहले चरण में सोनबरसा सीट पर वोटिंग हुई थी. इस सीट पर 68.09 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. 

राजनीतिक दृष्टि से देखें तो सोनबरसा विधानसभा 1951 से अस्तित्व में है. इस चुनाव से पहले तक यह सीट 17 चुनाव देख चुकी थी. कांग्रेस ने यहां चार बार जीत दर्ज की है, जबकि राजद और जदयू तीन-तीन बार, जनता दल ने दो बार और लोकदल, संयुक्त समाजवादी पार्टी व निर्दलीय प्रत्याशियों ने एक-एक बार जीत हासिल की है. 1985 में लोकदल के टिकट पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर यहां से विधायक बने थे.

2008 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित

2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गई. इसके बाद 2000 और 2005 में राजद के रामचंद्र पुर्वे ने जीत दर्ज की, जबकि 2010, 2015 और 2020 में जदयू के रत्नेश सदा ने लगातार तीन बार विजय हासिल की. हालांकि उनकी जीत का अंतर घटता-बढ़ता रहा. 2010 में जहां वे 31,445 वोटों से जीते थे, वहीं 2015 में यह अंतर बढ़कर 53,763 हो गया, लेकिन 2020 में घटकर 13,466 पर सिमट गया. माना जाता है कि लोजपा की 8.1 फीसदी वोट हिस्सेदारी ने एनडीए के वोटों को प्रभावित किया.

सोनबरसा विधानसभा में जदयू की पकड़ केवल विधानसभा चुनावों तक सीमित नहीं रही है. 2009 से अब तक हुए हर लोकसभा चुनाव में, सिवाय 2015 के, जदयू को यहां बढ़त मिली है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने बढ़त दर्ज की.

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