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बिहार में वोट की चोट के बाद क्या बोल रहे वोटर, जरा इशारा समझिए

पहले चरण में 14 मंत्री भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, मंगल पांडे, नितिन नवीन, जीवेश मिश्रा, संजय सरावगी और सुनील कुमार, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, मदन सहनी और महेश्वर हजारी शामिल हैं, जबकि राजद नेता और पूर्व मंत्री तेजस्वी यादव की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होना है.

बिहार में वोट की चोट के बाद क्या बोल रहे वोटर, जरा इशारा समझिए
  • बिहार में पहले चरण का मतदान हो रहा है, दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को है और मतगणना 14 नवंबर को होगी.
  • मुजफ्फरपुर में वोटरों ने गरीबों की मदद, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुधार को प्राथमिकता बताया.
  • हाजीपुर में शिक्षा व्यवस्था की खराबी और सड़क सुरक्षा को सुधारने की मांग प्रमुख रूप से उठी है.
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बिहार में आज पहले चरण का मतदान हो रहा है. दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा और उसके बाद मतगणना 14 नवंबर को होगी. पहले चरण का चुनाव प्रचार समाप्त होने तक बिहार में खूब शब्दों के तीर चले. सत्ता पक्ष और विपक्ष में तलवारें पहले से ही चल रही थी, गठबंधन के अंदर भी एक-दूसरे को पटखनी देने की पूरी कोशिश की गई. यहां तक की राजनीतिक परिवारों के अंदर भी दो-फाड़ हुए. एक से बढ़कर एक वादे किए गए. जनता को लुभाने के लिए नेताओं ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. बदले में बस इतनी ही डिमांड थी कि वोट उन्हें ही देना. फिर वो सारे दुख दूर कर देंगे. मगर जनता क्या सोच रही है? वोट की चोट के बाद जनता के जवाब बहुत कुछ इशारा कर रहे हैं... 

मुजफ्फरपुर का जानिए मूड

मुजफ्फरपुर में एक बुजुर्ग से वोट करने के बाद पूछा गया कि किस आधार पर वोटे किए तो बोले, "गरीब-गुरबा को ध्यान में रखा जाए. शिक्षा पर नौकरी पर और समझिए कि खाना-पीना, बीमारी यही सब पर न चाहिए." यहीं एक महिला वोटर ने कहा, "मतदान स्थल पर बहुत अच्छा इंतजाम है. कोई दिक्कत नहीं है. जिसका सरकार अच्छा हो, अच्छा काम कर रहा है, उसी को न देंगे वोट. "

हाजीपुर का क्या है मन

हाजीपुर में मुस्लिम महिला इशरात ने कहा कि मुद्दे तो बहुत सारे हैं, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा एजुकेशन है. एजुकेशन बहुत-बहुत-बहुत खराब है खासकर सरकारी स्कूलों में. किताबें देते हैं, मगर क्लास नहीं चलती. बारिश के समय में इतने एक्सीडेंट होते हैं कि हद से ज्यादा. जो भी सरकार आए वो एजुकेशन और रोड पर ध्यान दे. बेरोजगारी है, लोग शहरों की तरफ भाग रहे हैं. 

शेखपुरा क्या सोच रहा

शेखपुरा में महिला वोटर ने कहा कि पहली बार मतदान कर अच्छा लग रहा है. अच्छा विकास हो सके इसी के लिए मैंने वोट डाला है. दूसरी महिला वोटर ने कहा कि वोट डाले हैं कि सब लोगों की नौकरी लगे. स्वास्थ्य विभाग में, पढ़ाई-लिखाई जैसे अभी ढंग से हो रहा है, वैसे होते रहे. 

सारण में क्या चल रहा

सारण में महिला वोटर ने कहा कि बच्चों के रोजगार के लिए वोट दिया है. सरकार पैसा देगी तो बिजनेस कर लेंगे. एक अन्य वोटर ने कहा कि सरकार जो कर रही है, उससे और बेहतर करे. बस यही उम्मीद है कि जो किए हैं, उससे और बेहतरीन करे. 

बेगूसराय के दिल में क्या

बेगूसराय में वोट देने के लिए लाइन में खड़े एक वोटर ने कहा कि जो विकास करेगा उसी को वोट देंगे. पीछे खड़े शख्स ने कहा कि जो विकास कर सके और शांति व्यवस्था बनाकर रखे उसे ही वोट डालेंगे. एक आम जनता को फायदा हो. सुख-शांति से सब रहें. जाति-पाति बिहार में अब समाप्त हो चुका है. नेताओं की बात पर अब लोग नहीं चल रहे हैं. विकास का मुद्दा सर्वोपरि है. 

आरा क्या तय करेगा

आरा की एक महिला वोटर ने कहा कि लोग अब बहुत जागरुक हो गए हैं. अगर आप वोट डालने नहीं आते हैं तो आपको सरकार से सवाल पूछने का कोई हक नहीं. आप अगर किसी भी प्रत्याशी को पसंद नहीं करते तो नोटा को वोट करें. एक अन्य वोटर ने कहा कि इस बार बिहार के विकास के लिए वोट डाल रहे हैं. खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर लोग वोट कर रहे हैं.  

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