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Nirmali Result: JDU के गढ़ निर्मली में अनिरुद्ध फिर मारा मैदान, 37 हजार से अधिक वोटों से RJD को दी शिकस्त

सुपौल जिले की निर्मली विधानसभा सीट से जदयू के अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने चुनाव जीत लिया है. उन्होंने राजद प्रत्याशी को 37 हजार वोंटों के अंतर से हराया.

Nirmali Result: JDU के गढ़ निर्मली में अनिरुद्ध फिर मारा मैदान, 37 हजार से अधिक वोटों से RJD को दी शिकस्त
क्षेत्र के लोगों के बीच JDU प्रत्याशी अनिरुद्ध प्रसाद यादव.
सुपौल:

Nirmali Assembly Election Result 2025: सुपौल जिले की निर्मली सीट पर जदयू ने अपना दबदबा बरकरार रखा है. निर्मली विधानसभा क्षेत्र पिछले 15 साल से जदयू का मजबूत गढ़ रहा है. अब यह दूसरे दशक को पूरा करने की ओर बढ़ चला है. निर्मली सीट पर जदयू के अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने 37310 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. अनिरुद्ध की टक्कर राजद के बैद्यनाथ मेहता से थी. बैद्यनाथ 81594 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे. जबकि अनिरुद्ध प्रसाद यादव 118904 वोटों के साथ फिर से निर्मली के विधायक चुने गए. यहां से जन सुराज के राम प्रवेश कुमार यादव 6877 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे.

निर्मली विधानसभा सीट का रिजल्ट.

निर्मली विधानसभा सीट का रिजल्ट.

माूलम हो कि 2010 से निर्मली सीट JDU के पास रही है. जदयू ने यहां से मौजूदा विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव को फिर से टिकट दिया था. दूसरी ओर महागठबंधन की ओर से यहां RJD के बैद्यनाथ मेहता को उतारा था. अनिरुद्ध ने फिर से जीत हासिल कर ली है. 

निर्मली विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को 73.08 प्रतिशत मतदान हुआ है. 

पहली बार बिहार चुनाव में ताल ठोंक रही प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने निर्मली से वर्तमान प्रखंड प्रमुख रामप्रवेश कुमार यादव को टिकट दिया है. रामप्रवेश ने अपना नामांकन दाखिल भी कर दिया है.

दरअसल, निर्मली विधानसभा सीट 1951 में बनी थी और 1952 में पहला चुनाव कांग्रेस ने जीता. बाद में यह सीट अस्तित्व में नहीं रही और 2008 में परिसीमन के बाद ये सीट फिर अस्तित्व में आई.

2010 से निर्मली में लगातार जदयू को मिली जीत

परिसीमन के बाद 2010 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुए और जदयू के अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने बाजी मारी. उनकी जीत का सिलसिला 2015 और 2020 में भी बरकार रहा. अब तक हुए तीनों विधानसभा चुनाव में जदयू ने यहां से जीत का परचम लहराया.

जदयू को विधानसभा चुनाव में मिली जीत का फायदा लोकसभा चुनाव 2024 में भी मिला. जदयू के दिलेश्वर कामैत को निर्मली विधानसभा पर शानदार बढ़त मिली, जिसने उनकी जीत का रास्ता पक्का किया.

नेपाल बॉर्डर से पास स्थित है निर्मली

सुपौल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली निर्मली विधानसभा क्षेत्र राघोपुर और सरायगढ़ भपटियाही प्रखंडों से घिरा हुआ है और नेपाल सीमा के करीब होने के कारण सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. नेपाल का प्रमुख शहर विराटनगर यहां से महज 70 किलोमीटर उत्तर में स्थित है.

बाढ़ यहां की सबसे बड़ी समस्या

हालांकि, यहां की सबसे बड़ी समस्या बार-बार आने वाली बाढ़ है, जिससे यह इलाका बुरी तरह प्रभावित होता है. 1934 के भूकंप और 2008 के तटबंध टूटने की घटनाओं ने इस क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया. बाढ़ और जमीन विवाद आज भी यहां की प्रमुख समस्याओं में से एक हैं.

इसके अलावा, निर्मली में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. साथ ही सड़कों की स्थिति खराब है और स्वास्थ्य संस्थानों में संसाधनों और कर्मचारियों की कमी साफ दिखाई देती है. कृषि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का आधार है, जहां धान,गेहूं, मक्का और पटुवा प्रमुख फसलें हैं.

यादव समुदाय का वोट बैंक निर्मली में महत्वपूर्ण

चुनाव आयोग के अनुसार, निर्मली विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,96,989 रजिस्टर्ड मतदाता थे, जिनमें 17.30 प्रतिशत मुस्लिम और 13.88 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता शामिल थे. इसके अलावा, यादव समुदाय यहां सबसे अहम भूमिका निभाता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 63.20 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.

(सुपौल से अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट)

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