प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
वर्ष 2014 के आम चुनाव के विपरीत बिहार विधानसभा चुनाव में लोग मतदान को सीधा नहीं देख पाएंगे, क्योंकि चुनाव आयोग ने यह निर्णय किया है कि मतदान केंद्र में वेबकास्ट अब सिर्फ चुनावी मशीनरी के लिए सीमित रहेगा और आम जनता के लिए यह उपलब्ध नहीं होगा।
चुनाव आयोग के एक आदेश के मुताबिक यह निर्णय मतपत्रों और ईवीएम के कंट्रोल यूनिटों की गोपनीयता से संबंधित चुनाव संचालन नियमावली के प्रावधान की भावना को ध्यान में रखकर लिया गया है।
पिछले साल 21 मार्च को चुनाव आयोग ने लोगों से वेबस्ट्रीम के जरिये मतदान को सीधा देखने और नियमों का उल्लंघन पाने पर अधिकारियों को सचेत करने को कहा था। चुनाव आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा था कि वह जितना संभव हो सके उतने मतदान केंद्रों पर मतदान की लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था करें।
अब अपने पुराने रुख के विपरीत आयोग ने 6 अक्टूबर को जारी एक ताजा निर्देश में कहा कि चुनाव आयोग ने निर्णय किया है कि अब आगे से मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग को सिर्फ चुनावी तंत्र से जुड़े लोग ही देख पाएंगे। ऐसा चुनाव संचालन नियमावली 1961 के नियम 93 के प्रावधान की भावना को ध्यान में रखकर लिया गया है।
चुनाव आयोग के एक आदेश के मुताबिक यह निर्णय मतपत्रों और ईवीएम के कंट्रोल यूनिटों की गोपनीयता से संबंधित चुनाव संचालन नियमावली के प्रावधान की भावना को ध्यान में रखकर लिया गया है।
पिछले साल 21 मार्च को चुनाव आयोग ने लोगों से वेबस्ट्रीम के जरिये मतदान को सीधा देखने और नियमों का उल्लंघन पाने पर अधिकारियों को सचेत करने को कहा था। चुनाव आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा था कि वह जितना संभव हो सके उतने मतदान केंद्रों पर मतदान की लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था करें।
अब अपने पुराने रुख के विपरीत आयोग ने 6 अक्टूबर को जारी एक ताजा निर्देश में कहा कि चुनाव आयोग ने निर्णय किया है कि अब आगे से मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग को सिर्फ चुनावी तंत्र से जुड़े लोग ही देख पाएंगे। ऐसा चुनाव संचालन नियमावली 1961 के नियम 93 के प्रावधान की भावना को ध्यान में रखकर लिया गया है।
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