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ब्लॉग राइटर
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ऋचा जैन कालरा की कलम से : मांझी का मर्म
एक दिन पहले फिल्म मांझी : द माउंटेनमैन देखी। चुनिंदा फिल्में देखने को शौक मुझे लीक से हटकर बनी इस फिल्म की ओर खींच ले गया। दशरथ मांझी की असल ज़िंदगी पर बनी फिल्म कई मायनों में एक क्लासिक फिल्म लगी।
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ऋचा जैन कालरा की कलम से : क्या 'नो कार डे' लागू करने का वक्त आ गया है...
आज हैदराबाद के सायबराबाद के आईटी कॉरिडोर में वह हो रहा है, जिसकी ज़रूरत देश के हर शहर, हर महानगर को है। यहां के आईटी कॉरिडोर में लगभग पचास हज़ार निजी कारें सड़कों से गायब हैं।