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ब्लॉग राइटर
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दिल्ली में मेरे लिए ये भारी रात थी
दिल्ली नहीं, हमारा दिल जल रहा है, हम जल रहे हैं और हमारे रिश्ते जल रहे हैं. जहां बचपन से हर कौम के लोगों को साथ रहते, खुशियां-गम बांटते देखा, उन लोगों को ऐसे लड़ते देखना बहुत मुश्किल है. ये वो दिल्ली है जिसने भेदभाव किए बिना हर किसी को आसरा दिया, अपना सहारा दिया. आज उसी दिल्ली में लोगों को अपनी पहचान बताने में डर लग रहा है. मैंने कभी सोचा नहीं था कि कभी दंगे के डर का सामना मुझे भी करना पड़ेगा. लेकिन कल रात मुझे डर लगा, बहुत डर लगा.
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- फ़रवरी 27, 2020 20:09 pm IST