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This Article is From Feb 27, 2020

दिल्ली में मेरे लिए ये भारी रात थी

Sandarshika Awasthi
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    फ़रवरी 27, 2020 20:09 pm IST
    • Published On फ़रवरी 27, 2020 20:09 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 27, 2020 20:09 pm IST

दिल्ली नहीं, हमारा दिल जल रहा है, हम जल रहे हैं और हमारे रिश्ते जल रहे हैं. जहां बचपन से हर कौम के लोगों को साथ रहते, खुशियां-गम बांटते देखा, उन लोगों को ऐसे लड़ते देखना बहुत मुश्किल है. ये वो दिल्ली है जिसने भेदभाव किए बिना हर किसी को आसरा दिया, अपना सहारा दिया. आज उसी दिल्ली में लोगों को अपनी पहचान बताने में डर लग रहा है. मैंने कभी सोचा नहीं था कि कभी दंगे के डर का सामना मुझे भी करना पड़ेगा. लेकिन कल रात मुझे डर लगा, बहुत डर लगा.

मैं संदर्शिका अवस्थी, उत्तर पूर्वी दिल्ली के रोहताश नगर इलाके में रहती हूं. ये इलाका दंगा प्रभावित क्षेत्र बाबरपुर से सटा हुआ है और मौजपुर से 2-3 किलोमीटर की दूरी पर है.  कल रात 10 बजे मैं सो चुकी थी, लेकिन 11.15 बजे अचानक से बाइक सवार कई लोग नारे लगाते हुए मोहल्ले से निकले. उन लोगों की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि सभी लोग अपने-अपने घरों से बाहर आ गए. आसपास की गलियों में हलचल मच गई. लोग बस एक ही बात कह रहे थे कि पास वाले इलाक़े में उपद्रवियों की भीड़ घुस आई है. भीड़ आसपास के घरों को नुक़सान पहुंचा रही है. चारों तरफ़ बस लोगों का शोर था. रात के सन्नाटे में वो शोर सुनकर धड़कनें बढ़ गईं.

हमारा इलाक़ा अभी तक तो सुरक्षित है, लेकिन मौजपुर, बाबरपुर और जाफ़राबाद से इतना दूर भी नहीं है कि यहां कुछ नहीं होगा. 12 बज चुके थे, लोग अभी भी सड़क पर थे. अपनी सुरक्षा करने के लिए कुछ लोगों के हाथ में लाठियां भी थीं. पत्थरों का इंतजाम भी किया जा रहा था. बच्चे और महिलाएं ज़्यादा डरे हुए थे. पुलिस को भी कई बार फ़ोन किया. पुलिस घर के अंदर जाने की अपील कर रही थी. फ़ोन पर मिले पुलिस के आश्वासन के बाद भी लोग संतुष्ट नहीं थे. डर लग रहा था कि कहीं भीड़ न आ जाए. मुझे कभी ये अफ़वाह लग रही थी तो कभी लग रहा था कि अगर वो लोग सच में हमारे मोहल्ले में आ गए तो क्या होगा?

लोग अपने-अपने घरों के बाहर पूरी तैयारी कर के बैठे थे. यही लोग रोंगटे खड़ी कर देने वाली दंगों की कहानियां सुना रहे थे, जिसे सुन धीरे-धीरे डर और बढ़ रहा था. कुछ पड़ोसियों के रिश्तेदार जो मौजपुर या बाबरपुर में रहते हैं वो फ़ोन पर भीड़ घुसने की जानकारियां दे रहे थे. लोगों के चेहरे पर इतना डर इससे पहले कभी नहीं देखा था. लेकिन 1 बजे जब ड्रोन से निगरानी होने लगी और पुलिस के सायरन की आवाज़ सुनी तब थोड़ी जान में जान आई. पुलिस गोरख पार्क, बाबरपुर इलाक़े में रात भर पेट्रोलिंग करती रही. इसके बावजूद दहशत का माहौल बना रहा. लोगों की नींद उड़ गई थी, कोई घर के अंदर जाने को तैयार नहीं था. लेकिन कई लोगों के समझाने के बाद लोग रात दो-ढाई बजे अपने घर लौट गए. रात क़रीब 3 बजे तक ड्रोन और सायरन की आवाज़ सुनाई देती रही. डर इतना था कि रातभर नींद भी नहीं आई. सुबह 6 बजे दफ़्तर पहुंचना था, रात के माहौल की वजह से तड़के सुबह 5 बजे के बजाए 8 बजे ऑफ़िस के लिए निकली. दूसरी तरफ ऑफ़िस से भी ड्राइवर हमारे इलाक़े में आने से हिचक रहे थे.

इस बीच अफ़वाहों का बाज़ार भी गर्म है. सोशल मीडिया पर कई तरह के मैसेज आ रहे हैं जिनसे दंगे भड़क सकते हैं. भीड़ घुसने, तोड़फोड़ और लोगों को अगवा करने की भी अफ़वाहें उड़ रही हैं. दिल्ली वासियों से अपील है कि शांति कायम करने के लिए अफ़वाहें न फ़ैलाएं और ऐसे किसी मैसेज पर कोई प्रतिक्रिया न दें. आपको कहीं कोई गड़बड़ लगे तो 22829334 और 22829335 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके मदद मांग सकते हैं.

संदर्शिका अवस्थी एनडीटीवी इंडिया की आउटपुट टीम की सदस्य हैं.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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