उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 : 'मुलायम सिंह यादव नहीं होते तो आज हम कहीं भैंस चरा रहे होते...'

उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 : 'मुलायम सिंह यादव नहीं होते तो आज हम कहीं भैंस चरा रहे होते...'

मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव...

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के 12 जिलों की 69 सीटों पर मतदान हो रहा है. इन सीटों पर सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. लखनऊ से एनडीटीवी के कमाल खान का कहना है कि इस दौर में सपा के गढ़ में चुनाव है. और 69 में 55 सीटें समाजवादी पार्टी के पास थी. ये बहुत बड़ी जीत है. इतनी बड़ी जीत किसी और राउंड में सपा को नहीं मिली थी. इटावा, औरेया में जो चुनाव है वह काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि गढ़ बचाने की चुनौती है. परिवार में कलह हो गई है. बहुत सारे लोग जो मुलायम के साथ थे वे भी खड़े हो गए हैं या बीएसपी को समर्थन दे रहे हैं.

लखनऊ की 9 सीटों में से 7 सपा ने जीती थी एक कांग्रेस और एक बीएसपी जीती थी. लखनऊ वो जगह है जहां पर शहर की दो सीटों पर पांच बार बीजेपी जीती है और दो सीटों पर छह बार बीजेपी जीती थी. यहां पर सपा ने झंडा फहराया था. लखनऊ में एक सीट पर मुलायम सिंह के भतीजे लड़ रहे हैं तो दूसरी पर उनकी बहु चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर मुलायम सिंह यादव ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई है. उन्होंने वोटरों से सीधा कहा है कि सम्मान के नाम पर वोट मांगा है. अखिलेश और डिंपल ने भी प्रचार किया है. कांग्रेस नेता राजबब्बर, गुलाम नबी आजाद ने भी वोट मांगा है.

अभय राम यादव जो धर्मेंद्र के पिता हैं उनका कहना है कि मुलायम सिंह यादव नहीं होते तो आज भी कहीं भैंस चरा रहे होते. मुलायम सिंह यादव की वजह से 22 लोग परिवार के राजनीति में एक मुकाम पर हैं. राज्य में आज यादव मजबूत हुए हैं तो मुलायम सिंह यादव की वजह से हुए हैं. यादव परिवार के लोगों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव ने पार्टी बनाई और जब पार्टी बनाई तो पूरा परिवार गरीब था.


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