सैफई में वोट डालने के बाद पत्रकारों से रूबरू हुए अखिलेश यादव.
लखनऊ:
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज इटावा में अपने पैतृक गांव सैफई में वोट डालने के बाद कहा कि सपा आने वाले समय में आगे बढ़े इसलिए समाजवादी पार्टी को वोट दिया है. इस पर पत्रकारों ने जब पूछा कि वोट देने के बाद बताया नहीं जाता है कि किसको वोट दिया गया तो अखिलेश ने कहा कि आपके पूछे जाने पर बता रहा हूं. दरअसल पिछले दिनों इटावा में बोलते हुए अखिलेश यादव ने शिवपाल पर परोक्ष रूप से तंज कसा था और सबक सिखाने की बात कही थी. उसी पृष्ठभूमि में माना जा रहा है कि उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने सपा को वोट दिया है. इस बीच उनसे पूछा गया कि इटावा में आज शिवपाल यादव के काफिले पर हमला हो गया है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
हालांकि इस बार अखिलेश अकेले ही वोट देने के लिए आए. परिवार के सदस्य के रूप में केवल धर्मेंद्र यादव साथ में थे. जब अखिलेश से पूछा गया कि पिता मुलायम सिंह यादव के साथ वह वोट डालने क्यों नहीं आए तो उन्होंने जवाब टालते हुए कहा कि ये तो आपके देखने का नजरिया है.
हालांकि पत्रकारों के बार-बार आग्रह के बावजूद अपने चाचा शिवपाल का नाम नहीं लिया लेकिन इतना कहा कि वह राज्य की खुशहाली और प्रगति के लिए चाहते हैं कि सपा के अधिकाधिक प्रत्याशी चुनाव जीतें.
जब उनसे पूछा गया कि सपा में मचे घमासान के बीच क्या पार्टी में भितरघात होने की गुंजाइश है तो उन्होंने कहा कि इस बार जबर्दस्त वोटिंग हो रही है. ऐसे में जब बड़े स्तर पर वोटिंग होती है तो भितरघात की गुंजाइश कम हो जाती है.
इसके साथ ही यह भी कहा कि इस तीसरे चरण के साथ लगभग आधा चुनाव संपन्न हो जाएगा. साइकिल के हैंडल पर कांग्रेस के हाथ (सपा-कांग्रेस गठबंधन) के चलते यह गठबंधन स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आएगा क्योंकि अभी तक के दोनों चरणों में ये गठबंधन सबसे आगे चल रहा है. मायावती पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बसपा काफी पीछे चली गई है.
हालांकि इस बार अखिलेश अकेले ही वोट देने के लिए आए. परिवार के सदस्य के रूप में केवल धर्मेंद्र यादव साथ में थे. जब अखिलेश से पूछा गया कि पिता मुलायम सिंह यादव के साथ वह वोट डालने क्यों नहीं आए तो उन्होंने जवाब टालते हुए कहा कि ये तो आपके देखने का नजरिया है.
हालांकि पत्रकारों के बार-बार आग्रह के बावजूद अपने चाचा शिवपाल का नाम नहीं लिया लेकिन इतना कहा कि वह राज्य की खुशहाली और प्रगति के लिए चाहते हैं कि सपा के अधिकाधिक प्रत्याशी चुनाव जीतें.
जब उनसे पूछा गया कि सपा में मचे घमासान के बीच क्या पार्टी में भितरघात होने की गुंजाइश है तो उन्होंने कहा कि इस बार जबर्दस्त वोटिंग हो रही है. ऐसे में जब बड़े स्तर पर वोटिंग होती है तो भितरघात की गुंजाइश कम हो जाती है.
इसके साथ ही यह भी कहा कि इस तीसरे चरण के साथ लगभग आधा चुनाव संपन्न हो जाएगा. साइकिल के हैंडल पर कांग्रेस के हाथ (सपा-कांग्रेस गठबंधन) के चलते यह गठबंधन स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आएगा क्योंकि अभी तक के दोनों चरणों में ये गठबंधन सबसे आगे चल रहा है. मायावती पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बसपा काफी पीछे चली गई है.
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