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This Article is From Feb 23, 2024

भौंकती, गुर्राती और चार पैरों से चलती भी है! 5 साल तक कुत्तों के साथ रहकर महिला का हुआ ये हाल, होश उड़ा देगी कहानी

यूक्रेन में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने दावा किया है कि उनका पालन-पोषण कुत्तों ने किया है और वह कुत्तों की तरह व्यवहार किया करती थी.

भौंकती, गुर्राती और चार पैरों से चलती भी है! 5 साल तक कुत्तों के साथ रहकर महिला का हुआ ये हाल, होश उड़ा देगी कहानी
पांच साल तक कुत्तों के साथ रही ये महिला

आपने टार्ज़न (Tarzan) और मोगली की कहानी सुनी होगी और बचपन में टीवी पर देखी भी होगी. जिसमें इंसान का एक बच्चा, जानवरों के बीच पलता है और उनकी भाषा को भी समझता है. ये कार्टून कैरेक्टर्स देखने में भले ही दिलचस्प लगते हैं, लेकिन क्या ऐसा सच में होना संभव है? यूक्रेन (Ukraine) में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने दावा किया है कि उनका पालन-पोषण कुत्तों ने किया है और वह कुत्तों की तरह व्यवहार किया करती थी.

यूक्रेन की ऑक्साना मलाया ने दावा किया है कि उनका बचपन कुत्तों के साथ गुजरा है. न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, उसके जीवन में एक असाधारण मोड़ आया जब उसके शराबी माता-पिता ने उसे 3 साल की उम्र में ठंड में बाहर छोड़ दिया. गर्मी और आश्रय के लिए बेताब, वह अपने पालतू कुत्ते के साथ केनेल में चली गई और लगभग पांच साल तक वहीं रही.

5 सालों तक रही कुत्तों के साथ

इस दौरान ऑक्साना, जो अब 40 वर्ष की हैं, ने भौंकना, गुर्राना और चार पैरों से चलना जैसे जानवरों के गुणों को अपनाया. उसने बताया कि "मां के बहुत सारे बच्चे थे, हमारे पास पर्याप्त बिस्तर नहीं थे. इसलिए मैं अपने कुत्ते के पास गई और उसके साथ रहना शुरू कर दिया." Post के अनुसार, उसने कहा कि जीवित रहने के लिए, उसने अपने कुत्ते के केनेल के अंदर अपने लिए एक घर बनाया और अपने जीवन के अगले पांच सालों तक यानी 3 से 9 साल की उम्र तक वह कुत्ते के पास ही रही.

कुत्ते समझते थे अपना

ऑक्साना ने कहा कि उनके कुत्ते और पड़ोस के आवारा कुत्ते उनके साथ ऐसा व्यवहार करते जैसे, वो उनकी ही प्रजाति की हो. ऑक्साना को जब रेस्क्यू किया गया तब तक वह बोलने की क्षमता खो चुकी थी और चारों तरफ इधर-उधर दौड़ रही थी. उन्होंने कहा, "मैं उनसे बात करती थी, वे भौंकते थे और मैं इसे दोहराती थी. यह हमारे बातचीत का तरीका था."

कुत्तों के साथ रहते हुए ऑक्साना खुद चाटकर साफ करती, कच्चा मांस खाती, भोजन के लिए कूड़ेदानों को खंगालती और हांफती भी थी. स्पेशल केयर सेंटर जहां ऑक्साना अब रहती है, के निदेशक अन्ना चालाया ने कहा, "वह एक इंसान के बच्चे की तुलना में एक छोटे कुत्ते की तरह थी." आउटलेट के अनुसार, अन्ना ने कहा, "जब वह पानी देखती थी तो वह अपनी जीभ दिखाती थी और वह अपने हाथों से नहीं बल्कि अपनी जीभ से खाना खाती थी."

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