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कहां गायब हो गया रहस्यमयी प्लेन MH370! अचानक 12 साल बाद क्यों शुरू हुई खोज

मलेशिया ने 12 साल बाद फिर से MH370 की खोज शुरू करने की घोषणा की है. Ocean Infinity समुद्र की गहराइयों में नई तकनीक के साथ खोज करेगा. जानिए क्यों सरकार अब दोबारा इस ऑपरेशन में उतरी है.

कहां गायब हो गया रहस्यमयी प्लेन MH370! अचानक 12 साल बाद क्यों शुरू हुई खोज
12 साल बाद फिर शुरू हुई MH370 की तलाश

मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH370, जो 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर से बीजिंग जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. 227 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स के साथ गायब हुआ यह विमान आज भी विमानन इतिहास की सबसे बड़ी पहेलियों में से एक है. अब 12 साल बाद, मलेशिया ने घोषणा की है कि MH370 की खोज इस महीने से फिर शुरू की जाएगी.

Ocean Infinity को फिर मिली जिम्मेदारी

मलेशिया के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि अमेरिकी मरीन रोबोटिक्स कंपनी Ocean Infinity फिर से समुद्र तल की खोज करेगी.  यह वही कंपनी है जिसने 2018 में 25,000 वर्ग किमी के संभावित क्षेत्र की स्कैनिंग की थी. हालांकि तब भी कोई मलबा नहीं मिला था. सरकार ने इस साल मार्च में कंपनी के साथ एक नया समझौता किया है.

पीड़ित परिवारों को “Closure” देने की कोशिश

MH370 के 239 यात्रियों के परिवार 12 साल से इंतज़ार कर रहे हैं, इस उम्मीद में कि कभी न कभी उन्हें सच्चाई पता चलेगी. 2014 से 2017 के बीच मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और चीन ने मिलकर 1,20,000 वर्ग किमी के विशाल समुद्री क्षेत्र को खंगाला, लेकिन परिणाम शून्य रहा. चीन के 153 नागरिकों सहित कई परिवार अब भी खोज बंद न करने की अपील करते रहे हैं. नया अभियान इन परिवारों को जवाब दिलाने की दिशा में एक और प्रयास है.

मलेशिया को नहीं उठाना पड़ेगा कोई अतिरिक्त खर्च

नई खोज “no find, no fee” आधार पर होगी, यानी अगर विमान का मलबा नहीं मिला, तो मलेशिया को एक भी रुपया नहीं देना होगा. अगर मलबा मिलता है, तभी सरकार Ocean Infinity को 70 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगी. सरकार के लिए यह एक जोखिम-मुक्त मॉडल है.

इस बार फोकस हाई-प्रॉबेबिलिटी ज़ोन पर

Ocean Infinity ने 2018 के बाद भी लगातार सेटेलाइट डेटा, समुद्री धाराओं और ड्रिफ्ट मॉडलिंग का अध्ययन किया है. इन नई जानकारियों के आधार पर एक और सटीक एवं संभावित क्षेत्र चुना गया है, जहां मलबा मिलने की संभावना सबसे अधिक बताई जा रही है. कंपनी इस मिशन में ऐसे AUVs (Autonomous Underwater Vehicles) तैनात करेगी जो 6,000 मीटर से अधिक की गहराई में भी काम कर सकते हैं.

क्या मिलेगा जवाब?

MH370 की खोज फिर शुरू हो रही है, लेकिन यह अभी भी अनिश्चित है कि विमान का मलबा मिलेगा या नहीं. फिर भी, उन परिवारों के लिए जिन्होंने एक दशक से अधिक समय तक इंतज़ार किया है, यह मिशन उम्मीद की एक नई किरण है.

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